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सबसे काबिल शिक्षक हैं पिता - महेश भट्ट

बेबाक बात और साफगोई के लिए पहचाने जाते हैं महेश भट्ट। उन्होंने अपने बच्चों को भी ऐसा ही बनाया है। इस रिश्ते के बारे में उन्होंने खुलकर बात की अजय ब्रह्मात्मज से...

By Monika SharmaEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2015 11:17 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2015 11:28 AM (IST)
सबसे काबिल शिक्षक हैं पिता - महेश भट्ट

बेबाक बात और साफगोई के लिए पहचाने जाते हैं महेश भट्ट। उन्होंने अपने बच्चों को भी ऐसा ही बनाया है। इस रिश्ते के बारे में उन्होंने खुलकर बात की अजय ब्रह्मात्मज से...

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एक पिता हजारों शिक्षकों से अधिक प्रभावशाली होता है। स्कूल और जिंदगी के ज्यादातर शिक्षक किताबी होते हैं। वे सिखाते तो हैं लेकिन उनका सीमित असर होता है। पिता अपने बच्चों के जेहन पर गहरी छाप छोड़ता है। खासकर बेटियों पर। पूजा अभी जयपुर के पास शूटिंग कर रही है। उन लोगों के साथ फिल्म बना रही है, जो स्टार नहीं माने जाते हैं। यह उसकी जीत और हिम्मत है। आलिया ने 21 की उम्र में वह मुकाम हासिल कर लिया है, जो मुझे 50 की उम्र में भी नहीं मिला था।

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अपना क्लोन न बनाएं

इस मुल्क में यह बात हम भूल जाते हैं कि बच्चों को अपना क्लोन न बनाएं। कुदरत के बेमिसाल क्रिएशन की पहचान पर अपनी मानसिकता थोपेंगे तो फिर उनकी खासियत को आप मिटा देंगे। उन्हें संस्कृति, सामाजिकता और नैतिकता का इल्म अवश्य दें लेकिन उनकी पहचान को न मोड़ें-तोड़ें।

खुले आसमान में उड़ने दें

आपके बच्चे तभी हीरे रह पाएंगे, जब आप अपनी धूल उन पर न लपेटें। खुले आसमान में उन्हें उड़ने दें। गिरने दें। गिरने की चोट और दर्द से वे सीखेंगे। दर्द तराशता है। उन्हें अपाहिज बना देंगे तो आप कब तक बैसाखी बने रहेंगे?

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मेरे बच्चे समझते हैं मुझे

अपनी किताब ‘ए टेस्ट ऑफ लाइफ’ का कुछ अंश मैंने शाहीन को पढ़कर सुनाया था। सुनने के बाद उसने इतना ही कहा कि डैड अब आपकी जिंदगी पूरी हो गई। लोग एहसास के जिस शिखर पर पहुंचना चाहते हैं, वहां आप पहुंच चुके हैं। आलिया बचपन से ही मुझे आत्मस्थ लगती थी। पूजा के अंदर अलग चाल चलने की अदा थी। कम लोगों को मालूम है कि पूजा ने ‘आशिकी’ करने से मना कर दिया था। राहुल के साथ मैंने ज्यादा बचपन नहीं गुजारा है। मैं घर से अलग हो गया था। उसके जेहन में एक कड़वा चैप्टर था। जाहिर है अगर बाप उसकी मां को छोड़कर किसी और औरत के साथ रहेगा तो उसे गुस्सा आएगा। ‘पाप’ की शूटिंग के दौरान हम बाप-बेटे एक कमरे में डेढ़ महीने ठहरे तो रिश्ता कायम हुआ। मैंने बताया भी कि मुझे अपने पिता से जो शिकायत थी, वही मैंने तुम्हारे साथ कर दिया। मेरे पिता वह फासला कम नहीं कर सके। मैं करना चाहूंगा। तुम्हारे पास चॉइस है कि किसी विक्टिम की तरह दर्द जीते रहो या सरवाइवर की तरह दर्द को सीढ़ी बनाकर आगे निकल जाओ। मैंने अपने पिता के साथ के कड़वे अनुभवों को फिल्मों में लाकर करियर का स्प्रिंगबोर्ड बना दिया। उस समय उसने थोड़ा समझा। बाद में डेविड हेडली के मुद्दे के समय मैंने पिता की तरह उसकी रक्षा की थी। उस वक्त राहुल को एहसास हुआ कि मेरा बाप मुझे छोड़कर कहीं नहीं गया था।

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