Oscar 2025: कैसे हुई थी 'ऑस्कर' की शुरुआत, कब दिया गया था पहला अवॉर्ड? यहां पढ़ें पूरी डिटेल्स
फिल्म जगत का सबसे बड़ा अवॉर्ड शो ऑस्कर 2025 चर्चा में है। सिनेमा प्रेमियों के लिए ये एक जरुरी दिन माना जाता है। भारतवासियों की नजरें भी ऑस्कर अवॉर्ड पर टिकी हुई हैं। ऑस्कर अवॉर्ड इस बार भारत की झोली में आएगा या नहीं इसके लिए फिलहाल इंतजार करना होगा। इस बीच हम आपको एकेडमी अवॉर्ड्स के इतिहास के बारे में बताने वाले हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। History Of Oscars Awards: फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा सम्मान ‘ऑस्कर’ अपनी लिस्ट में नए नाम जोड़ने के लिए वापस करने वाला है। हर साल इस फंक्शन में फिल्मों उनके निर्देशकों और कलाकारों अपने अनोखे काम के लिए अवॉर्ड से नवाजा जाता है। साल 2023 में आयोजित हुए इस अवॉर्ड समारोह में एसएस राजामौली की फिल्म ‘आरआरआर’ (RRR) ने इस अवॉर्ड को हासिल करते हुए पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर दिया था।
हालांकि पहले भी कई भारतीय कलाकारों ने अपने काम से ‘ऑस्कर’ के जरिए दुनियाभर में पहचान पाई है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि इस समारोह की शुरुआत कब, कहां और कैसे हुई थी। फंक्शन से पहले आपको ये जरुर पढ़ना चाहिए जिससे आपको भारत के ऑस्कर से जुड़े इतिहास के बारे में काफी कुछ जानने को मिलेगा।
क्या है ऑस्कर अवॉर्ड का इतिहास?
ऑस्कर अकादमी पुरस्कार एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का सबसे बड़ा और सम्मानित अवॉर्ड माना जाता है। इसे अमेरिका की एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस, सिनेमा जगत से जुड़े डायरेक्टर्स, एक्टर और राइटर्स को उनके उम्दा प्रदर्शन के लिए सम्मानित करती है। 1927 में अमेरिका के एमजीएम स्टूडियो के मालिक लुईस बी मेयर ने सबसे पहले इसके बारे में सोचा था। उनका मानना था कि क्यों ना एक ग्रुप बनाया जाए जिससे पूरी फिल्म इंडस्ट्री को फायदा पहुंचे। जिसके बाद इन अवॉर्ड्स को साल 1927 में उस समय के मोशन पिक्चर्स इंडस्ट्री के 36 लोगों की टीम ने शुरू किया।
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कैसे दिया जाएगा अवॉर्ड और कैसे तैयार हुआ ढांचा?
टीम बनाने के बाद मार्च, 1927 को हॉलीवुड एक्टर-प्रोड्यूसर डगलस फेयरबैंक्स अकादमी पुरस्कार का इसका पहला प्रेसिडेंट बनाया गया। आगे इन लोगों ने सोचा कि अवॉर्ड जीतने वाले व्यक्ति को क्या दिया जाएगा। इस बात को लेकर उन लोगों के बीच खूब विचार-विमर्श हुआ जिसके बाद ये तय किया गया कि जीतने वाले को एक ट्रॉफी दी जाए जिसे अलग तरीके से डिजाइन करना होगा। एक डिजाइन फाइनल हुआ जिसमें हाथ में तलवार लिए एक वॉरियर खड़ा होगा। इस मूर्ति को बनाने की जिम्मेदारी एमजीएम स्टूडियो के आर्ट डायरेक्टर सेड्रिक गिबन्स को मिली थी।
कहां हुआ पहला एकेडमी अवार्ड्स समारोह?
सबसे पहला एकेडमी अवार्ड्स (Academy Awards) समारोह हॉलीवुड रूजवेल्ट होटल में हुआ था। 16 मई 1929 को होटल के ब्लॉसम रूम हुए डिनर में 270 लोग शामिल हुए थे। ये एक पेड इवेंट था जिसका टिकट 5 डॉलर का था साथ ही पहली बार हुए इस इवेंट में कोई दर्शक शामिल नहीं हुए थे। बताया जाता है कि ये समारोह महज 15 मिनट में खत्म हो गया था। 1929 में दिये गए ये अवॉर्ड 1927-1928 तक बनी फिल्मों से जुड़े 15 लोगों को दिए गए थे।
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ऑस्कर में भारतीय सिनेमा का सफर
साल 1929 में शुरू हुए ऑस्कर अवॉर्ड में पहली भारतीय फिल्म मदर इंडिया (1957) थी। 30वें अकादमी पुरस्कारों में पहली बार निर्देशक महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया भेजी गई थी। ये बॉलीवुड की शानदार फिल्मों में से एक है। ये फिल्म ऑस्कर गैलरी तक तो पहुंची लेकिन इसका सफर आगे नहीं बढ़ा। ऑस्कर अवॉर्ड के लिए हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु, मलयालम, मराठी, बंगाली, उर्दू और गुजराती समेत कई फिल्में भेजी जा चुकी हैं।
हर साल फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की ज्यूरी की तरफ कई फिल्मों में ऑस्कर के लिए भेजा जाता है। वहीं कुछ मेकर्स भी अवॉर्ड के लिए अपनी फिल्मों की दावेदारी पेश करते हैं। हालांकि बहुत कम बार ही ऐसा हुआ है, जब ऑस्कर के लिए हिंदी फिल्मों को शॉर्टलिस्ट या फिर नॉमिनेट किया गया है। हालांकि सिर्फ 4 फिल्मों का सफर ही अकादमी पुरस्कार में आगे बढ़ा है।
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