2022 में दिखा दक्षिण भारतीय फिल्मों का दम, बॉक्स ऑफिस पर गाड़े सफलता के झंडे
सिनेमाघरों के साथ साथ डिजिटल प्लेटफार्म पर भी फिल्मों के प्रदर्शन का क्रम जारी रहा। नई और प्रायोगिक फिल्मों के साथ-साथ अभिषेक बच्चन अभिनीत दसवीं बॉबी देओल अभिनीत लव हास्टल और अक्षय कुमार की कठपुतली जैसी कमर्शियल फिल्में डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रदर्शित हुईं।
मुंबई ब्यूरो। कोरोना के कारण पिछले दो साल चुनौतियों भरे रहे, पर साल 2022 ने फिल्म जगत को आशा की किरण दिखाई। डिजिटल प्लेटफार्म पर विश्व सिनेमा देख रहे दर्शकों ने बड़े सितारों की चकाचौंध से ज्यादा विषय व प्रस्तुतिकरण को महत्व दिया। भले ही बाक्स ऑफिस पर व्यवसाय की शुरुआत धीमी रही, पर अनूठे कथ्य व दक्षिण भारतीय फिल्मों की व्यापक स्वीकार्यता ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के कारोबार को ऊंचाई दी। हालांकि कुछ विवादों ने भी सिनेमा को प्रभावित किया। इस साल के सिने परिदृश्य पर एक नजर...
कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट की शुरुआत साल 2021 के अंत से ही हो चुकी थी, लेकिन इस साल जनवरी में इसकी लहर ने जोर पकड़ा। जिससे सिनेमा उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ। महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में सिनेमाघरों पर तमाम पाबंदियां लगाई गईं और उन्हें आधी क्षमता के अनुसार खोलने की अनुमति मिली। इस कारण सम्राट पृथ्वीराज, बच्चन पांडे, जर्सी, राधे श्याम और आरआरआर समेत कई फिल्मों के प्रदर्शन की तिथि को आगे बढ़ाया गया।
दक्षिण भारतीय फिल्मों का दम:
इस साल दक्षिण भारतीय फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल दिखाया। मार्च में प्रदर्शित प्रभास अभिनीत फिल्म राधे श्याम यद्यपि उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी, लेकिन उसके बाद मार्च में ही आई आरआरआर ने रिकॉर्ड तोड़ कमाई से एक बार फिर दक्षिण भारतीय फिल्मों पर विश्वास बढ़ा दिया। जूनियर एनटीआर और रामचरण अभिनीत इस फिल्म ने हिंदी में पहले दिन 20.07 करोड़ रुपये कमाए। उसके बाद प्रदर्शित केजीएफ चैप्टर 1 की सीक्वल केजीएफ चैप्टर 2 ने धमाका किया। कन्नड़ फिल्म कांतारा के हिंदी संस्करण की शुरुआत भले ही धीमी रही, लेकिन दर्शकों से तारीफें मिलने के बाद यह फिल्म 79.25 करोड़ रुपये तक का आंकड़ा छू गई। कन्नड़ फिल्म 777 चार्ली, तेलुगु फिल्म कार्तिकेय 2 और तमिल फिल्म पोन्नियिन सेल्वन 1 को हिंदी दर्शकों ने सराहा। 16 करोड़ में बनी फिल्म कार्तिकेय 2 ने 31.05 करोड़ रुपये कमाए। शोध के अनुसार कन्नड़ फिल्मों का बॉक्स ऑफिस शेयर साल 2019 के मुकाबले दोगुना हुआ है। साल 2019 में यह 4.5 प्रतिशत था, वहीं साल 2022 में बढ़कर नौ प्रतिशत हो गया। गैर हिंदी फिल्मों की पकड़ इस साल बॉक्स ऑफिस पर साल 2019 के मुकाबले 40 प्रतिशत से बढ़कर 52 प्रतिशत हो गई। इसमें दक्षिण भारयीत फिल्मों का योगदान अहम है। ओरमैक्स मीडिया के मुताबिक तेलुगु, तमिल और कन्नड़ फिल्मों के भाषांतरित संस्करणों से हिंदी बॉक्स ऑफिस का 37 प्रतिशत कलेक्शन आया है।
फीकी पड़ी सितारों की चमक:
हिंदी सिनेमा में सितारों का हमेशा एक अलग स्थान रहा है। कोरोना की तीन लहरें झेलने के बाद धीरे-धीरे सामान्य होती स्थिति में सिनेमा जगत में इस साल सितारों का जादू फीका रहा। इस साल अक्षय कुमार की बच्चन पांडे, सम्राट पृथ्वीराज, रक्षा बंधन और रामसेतु समेत चार फिल्में सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई, लेकिन टिकट खिड़की पर अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करने में असफल रहीं। वही आयुष्मान खुराना की अनेक, डॉक्टर जी और ऐन एक्शन हीरो फिल्में भी टिकट खिड़की पर दर्शकों को आकर्षित नहीं कर पाईं। इसके अलावा अजय देवगन अभिनीत रनवे 34, प्रभास अभिनीत राधे श्याम, टाइगर श्रॉफ अभिनीत हीरोपंती 2, कंगना रनोट अभिनीत धाकड़, जॉन अब्राहम अभिनीत अटैक पार्ट वन, रणवीर सिंह अभिनीत जयेशभाई जोरदार, रणबीर कपूर अभिनीत शमशेरा, आमिर खान अभिनीत लाल सिंह चड्ढा और रितिक रोशन तथा सैफ अली खान अभिनीत विक्रम वेधा समेत सितारों से भरी तमाम फिल्में दर्शकों को सिनेमाघरों तक लाने में असमर्थ रहीं।
फ्रेंचाइज फिल्मों की बहार:
साल 2022 को फ्रेंचाइज फिल्मों का साल कहा जा सकता है। साल 2018 में प्रदर्शित हुई फिल्म बधाई हो की सीक्वल बधाई दो कोरोना की तीसरी लहर के बीच साल की पहली फ्रेंचाइज फिल्म थी। फिल्म की कुल कमाई 20.62 करोड़ रुपये रही। विवेक रंजन अग्निहोत्री निर्देशित फाइल्स फिल्म-त्रयी की दूसरी फिल्म द कश्मीर फाइल्स में पिछली सदी के नौवें दशक के दौरान कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का दंश दर्शाया गया। साल 2018 में प्रदर्शित हुई यश अभिनीत कन्नड़ फिल्म केजीएफ चैप्टर 1 की प्रसिद्धि का फायदा उसकी सीक्वल को मिला। 15 साल बाद आई फिल्म भूल भुलैया फ्रेंचाइज की दूसरी किस्त भूल भुलैया 2 में कार्तिक आर्यन नजर आए। सात साल बाद रिलीज हुई दृश्यम की सीक्वल दृश्यम 2 भी दर्शकों को पसंद आई। वहीं हीरोपंती 2, खुदा हाफिज चैप्टर 2 अग्निपरीक्षा और एक विलेन रिटर्न्स असफल रहीं।
प्रयोग हुए खूब:
इस साल कमर्शियल और सामाजिक संदेशों पर आधारित फिल्मों के साथ-साथ कई प्रायोगिक फिल्में भी प्रदर्शित हुईं। हालांकि ये प्रयोग दर्शकों को टिकट खिड़की तक नहीं खींच सके। धाकड़ और कोड नेम तिरंगा के तौर पर इस साल दो महिला स्पाई थ्रिलर फिल्में प्रदर्शित हुई, लेकिन लचर पटकथा और कहानी के कारण असफल रही। पद्म भूषण से सम्मानित पूर्व इसरो वैज्ञानिक रॉकेट्री: द नम्बि इफेक्ट में भी शूटिंग से लेकर प्रदर्शन तक कई प्रयोग किए गए थे। समीक्षकों की अच्छी प्रतिक्रिया के बावजूद हिंदी में यह फिल्म भी टिकट खिड़की पर अपना सिक्का जमाने में असफल रही। आर बाल्की निर्देशित चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट भी एक प्रयोग की तरह थी। यह फिल्म भी असफल रही। फिल्म शर्माजी नमकीन की रिलीज से पहले इसके अभिनेता ऋषि कपूर का निधन हो गया था। ऐसे में अधूरी फिल्म के कुछ शाट उनकी जगह अभिनेता परेश रावल को लेकर पूरे किए गए। यह प्रयोग अनूठा रहा।
डिजिटल का साथ:
सिनेमाघरों के साथ साथ डिजिटल प्लेटफार्म पर भी फिल्मों के प्रदर्शन का क्रम जारी रहा। नई और प्रायोगिक फिल्मों के साथ-साथ अभिषेक बच्चन अभिनीत दसवीं, बॉबी देओल अभिनीत लव हास्टल और अक्षय कुमार की कठपुतली जैसी कमर्शियल फिल्में डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रदर्शित हुईं। लूप लपेटा, अ थर्सडे, लव हास्टल, जलसा, शर्माजी नमकीन, थार, गुड लक जेरी, डार्लिंग्स, बबली बाउंसर, मजा मा, मोनिका ओ माय डार्लिंग, कला, इंडिया लॉकडाउन ने डिजिटल पर दर्शकों को खींचने का प्रयास किया।
विवादों का साया
इस साल भी हिंदी सिनेमा विवादों से दूर नहीं रह पाया। इसकी शुरुआत विवेक रंजन अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म कश्मीर फाइल्स से हुई। फिल्म में दिखाए गए घटनाक्रमों पर राजनीतिक पार्टियों ने अलग-अलग मत प्रकट किए। उसके बाद कन्नड़ अभिनेता किच्चा सुदीप द्वारा राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रति व्यापक स्वीकारोक्ति ना होने को लेकर दिया बयान विवादों में रहा। अभिनेता अजय देवगन के साथ उनकी इंटरनेट मीडिया पर तीखी बहस हुई। अक्षय कुमार पान मसाला ब्रांड के विज्ञापन को लेकर विवादों में रहे। फिल्मकार लीना मणिमेकलई की डाक्यूमेंट्री काली के पोस्टर में देवी के हाथों में प्राइड झंडा (एलजीबीटीक्यू समुदाय का झंडा) और सिगरेट को दिखाया गया था। हिंदू संप्रदाय की भावनाओं को आहत करने के आरोप में लीना पर देशभर में कई एफआईआर दर्ज की गईं। कभी सितारों के बयान तो कभी फिल्म में दिखाए गए दृश्यों को लेकर सम्राट पृथ्वीराज, शमशेरा, एक विलेन रिटर्न्स, लाल सिंह चड्ढा, लाइगर, ब्रह्मास्त्र : पार्ट 1 शिवा, विक्रम वेधा, राम सेतु और थैंक गाड समेत कई फिल्मों के लिए इंटरनेट मीडिया पर बायकाट ट्रेंड चला। इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल आफ इंडिया में ज्यूरी सदस्य नदाव लैपिड द्वारा फिल्म कश्मीर फाइल्स को सस्ती और प्रोपेगेंडा फिल्म बताया जाना भी विवादों से घिरा रहा। शाह रुख खान अभिनीत फिल्म पठान के गाने बेशर्म रंग में दीपिका पादुकोण द्वारा पहने कपड़ों के रंग और गाने के बोल को जोड़कर हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया।
129.10 करोड़ रुपये की कुल कमाई के साथ सौ करोड़ क्लब में शामिल होने वाली पहली फिल्म बनी फरवरी में प्रदर्शित संजय लीला भंसाली निर्देशित और आलिया भट्ट अभिनीत गंगूबाई काठियावाड़ी। पहले दिन 10.50 करोड़ की कमाई करने वाली यह फिल्म तब सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी, जब निर्माता बड़ी फिल्मों के साथ रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं थे। महामारी की वजह से इसे शूट करने में ही दो साल लग गए थे।
434.70 करोड़ रुपये कुल कमाई रही केजीएफ चैप्टर 2 के हिंदी में प्रदर्शित संस्करण की। फिल्म को एक फायदा यह भी हुआ कि अप्रैल में सिनेमाघर पूरी क्षमता के साथ खुल चुके थे। फिल्म ने पहले दिन 63.66 करोड़ रुपये कमाए।
11 हजार करोड़ रुपये की कमाई के साथ खत्म होगा इस साल घरेलू बॉक्स ऑफिस का कारोबार। इसमें हॉलीवुड फिल्म अवतार – द वे ऑफ वाटर के भारतीय भाषाओं के संस्करण की कमाई और आज प्रदर्शित होने वाली फिल्म सर्कस की अंदाजन कमाई को भी जोड़ा गया है। साल 2019 में जब माहौल सामान्य था, तब घरेलू बॉक्स ऑफिस की कुल कमाई 11 हजार पांच सौ करोड़ रुपये थी। उस लिहाज से यह साल कमाई के लिए अच्छा रहा है।
शीर्ष बॉलीवुड फिल्में (घरेलू कमाई)
साल 2022 की पांच शीर्ष फिल्में (घरेलू कमाई)
ब्रह्मास्त्र : पार्ट 1 शिवा- 257.44 करोड़ रुपये
द कश्मीर फाइल्स – 252.90 करोड़ रुपये
दृश्यम 2 – 221.35 अब भी कमाई जारी है।
भूल भुलैया 2 - 185.92 करोड़ रुपये
गंगूबाई काठियावाड़ी – 129.10 करोड़ रुपये