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    Zara Hatke Zara Bachke: पहले हफ्ते के कलेक्शन ने जगाई उम्मीद, साबित किया हमेशा OTT नहीं है बेहतर ऑप्शन

    By Ruchi VajpayeeEdited By: Ruchi Vajpayee
    Updated: Fri, 09 Jun 2023 12:12 PM (IST)

    Zara Hatke Zara Bachke सारा अली खान और विक्की कौशल की फिल्म जरा हटके जरा बचके का पहले हफ्ते का रिपोर्ट कार्ड सामने आ गया है। फिल्म ने मिड बजट फिल्म मेकर्स की उम्मीदों को बढ़ा दिया है।

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    Zara Hatke Zara BachKe The first week collection raised hopes

    नई दिल्ली, जेएनएन। विक्की कौशल और सारा अली खान की फैमिली  ड्रामा जरा हटके जरा बचके ने सिनेमाघरों में पहला हफ्ता पूरा कर लिया है। फिल्म, जिसने अच्छी शुरुआत की थी और वीकेंड के दौरान अच्छी ग्रोथ दर्ज की। वीकेंड में इसका खेल खराब हो गया और सोमवार से फिल्म के कलेक्शन में गिरावट देखी गई, जो कि बदस्तूर जारी है। तो आइए देखते हैं कि एक हफ्ते के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर फिल्म पास हुई या फेल...

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    जरा हटके जरा बचके वन वीक कलेक्शन

    फिल्म ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्विटर पर ZHZG के पहले हफ्ते के कलेक्शन को शेयर किया है। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया, “जरा हटके जरा बचके पहले हफ्ते का इम्प्रेसिव नोट के साथ बंद हुआ… शुक्र 5.49 करोड़ (करोड़), शनिवार 7.20 करोड़, रविवार 9.90 करोड़, सोमवार 4.14 करोड़, मंगलवार 3.87 करोड़, बुधवार 3.51 करोड़ , गुरुवार 3.24 करोड़।"

    वीकेंड पर की अच्छी कमाई

    आगे उन्होंने लिखा- " 37.35 करोड़। भारत का कुल बिजनेस। इस मध्य-श्रेणी की फिल्म के पहले हफ्ते के बिजनेस ने सभी अपेक्षाओं को पार कर लिया है और एक बार फिर साबित कर दिया है कि दर्शकों का जनादेश ही अंत में मायने रखता है।"

    सोमवार से घट रहा है कलेक्शन

    सप्ताह 2 के लिए प्रिडिक्शन को शेयर करते हुए, उन्होंने लिखा, “जरा हटके जरा बचके को दूसरे हफ्ते में बाजार पर हावी होना चाहिए, जब तक कि 16 जून को मोस्ट अवेटेड बिग बजट फिल्म आदिपुरुष नहीं आ जाता … वीकेंड का कारोबार फिर से ऊपर की तरफ जाना चाहिए, उम्मीद है कि यह रविवार रात तक 50 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी।"

    बाकी लोगों के लिए बनी होप

    तरण ने आगे कहा, "ZHZB के आंकड़े  निश्चित रूप से मिड-रेंज फिल्मों के निर्माताओं में उम्मीद और विश्वास जगाने के लिए है, जो सीधे-से-डिजिटल प्लेटफॉर्म का चयन करने के बजाय फिल्म को थिएटर में रिलीज करने का सोचते हैं।"

     केस स्टडी की तरह लेनी चाहिए फिल्म

    उन्होंने यह भी कहा, "यह भी साबित करता है कि अच्छी तरह से बनाई गई फिल्में जो दिल से देसी हैं या संस्कृति में निहित हैं, भारत में कभी भी फैशन से बाहर नहीं होंगी और फिल्म "कई उदाहरणों के अलावा - एक आंख खोलने वाली / केस स्टडी के रूप में काम करनी चाहिए" उन निर्माताओं/स्टूडियो के लिए जो बांद्रा से वर्सोवा तक के दर्शकों को टारगेट करते हैं।”