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    Zeenat Aman से मिलते ही बदल गई थी Mithun Chakraborty की 'तकदीर', बहुत मुश्किल से हटा था 'पनौती' का टैग

    Updated: Mon, 16 Sep 2024 05:36 PM (IST)

    हिंदी सिनेमा के ऑरिजिनल डिस्को-डांसर मिथुन चक्रवर्ती ने अपने दर्शकों का मनोरंजन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। साल 1976 में फिल्म मृगया से अपनी शुरुआत करने वाले दिग्गज अभिनेता ने पहली ही फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता था लेकिन इसके बावजूद उनके साथ काम करने को कोई तैयार नहीं होता था। तभी उनकी जिंदगी में आईं जीनत अमान जिन्होंने उनकी तकदीर बदल दी।

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    जीनत अमान की वजह से बदली थी मिथुन की किस्मत/ फोटो- IMDB

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) को इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में चार दशक से ज्यादा का समय हो चुका है। आज भी उनकी फिल्मों को लोग बड़े चाव से देखते हैं। उन्होंने न सिर्फ अपने अभिनय, बल्कि अपने डांस से भी लोगों को काफी इम्प्रेस किया है। उनके स्टाइल को कॉपी करने की कई लोगों ने कोशिश की, लेकिन नहीं कर पाए।

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    उन्हें इंडस्ट्री का ऑरिजिनल 'डिस्को डांसर' कहा जाता। साल 1989 में अभिनेता की पूरे साल में 19 फिल्में रिलीज हुई थी और उनका नाम उस साल 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड' में भी दर्ज हुआ था। मिथुन दा की आम से सुपरस्टार बनने की ये कहानी काफी उतार-चढ़ाव भरी रही।

    पहली फिल्म में ही नेशनल अवॉर्ड जीतने के बाद भी कोई एक्ट्रेस उनके साथ काम करने को तैयार नहीं होती थी। हालांकि, जैसे ही जीनत अमान उनकी जिंदगी में आई, उनकी किस्मत के सितारे चमकना शुरू हो गए। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में उस थ्रो-बैक किस्से के बारे में ही बताने जा रहे हैं।

    'रंग' की वजह से लोग उड़ाते थे मजाक

    मिथुन चक्रवर्ती ने अपने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि वह उस दौर में इंडस्ट्री में आए थे, जब पहले से ही अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र जैसे सितारे अपने करियर के पीक पर थे। ऐसे में उनके लिए इस इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाना बहुत ही कठिन था।

    यह भी पढ़ें: जिस मिथुन की एक्टिंग पर डायरेक्टर उठाते थे सवाल, उसने पहली ही फिल्म में जीत लिया National Award

    दरअसल, जब भी मिथुन किसी को ये बताते कि वह एक्टर बनने आए हैं, तो लोग उनके सांवले रंग को लेकर उनका मजाक उड़ाते थे। उन्हें कहते थे 'तू हीरो बनेगा...बताओ ये हीरो बनने चला है'। इन तानो के बाद भी मिथुन ने कभी अपना हौसला टूटने नहीं दिया और वह लगातार संघर्ष करते रहे।

    mithun chakraborty

    पहली ही फिल्म से मनवाया था अभिनय का लोहा

    बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता को उनकी पहली फिल्म साल 1976 में मिली थी, जिसका टाइटल था 'मृगया'। इस फिल्म के लिए एक्टर को एक नहीं, बल्कि दो अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। बेस्ट एक्टर कैटेगरी में उन्होंने नेशनल अवॉर्ड के साथ-साथ बीएफजेए (BFJA) अवॉर्ड भी जीता। इस फिल्म के बाद उन्हें लगा कि उनकी किस्मत के दरवाजे खुल जाएंगे और उन्हें खूब काम मिलेगा।

    हालांकि, ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि हीरो के डर से कई एक्ट्रेसेज उनके साथ काम करने से इनकार कर देती थीं। मिथुन चक्रवर्ती ने सा रे गा मा पा के मंच पर कहा था,

    "कोई भी एक्ट्रेस मेरे साथ काम नहीं करना चाहती थी, क्योंकि मैं नया था। मुझे लगता था कि मैं कभी भी बी ग्रेड एक्टर से ए ग्रेड एक्टर नहीं बन पाऊंगा। कई एक्ट्रेसेज को तो बड़े-बड़े हीरो भी ये धमकी देते थे कि अगर उन्होंने मेरे साथ काम किया, तो वह उनके साथ फिल्में करना बंद कर देंगे"।

    जब जीनत अमान के कदम पड़ते ही बदल गई मिथुन की किस्मत

    मिथुन चक्रवर्ती ने इसी मंच पर जीनत अमान की भी काफी तारीफ की थी। उन्होंने कहा जब हर कोई उन्हें दुत्कार रहा था, उस समय जीनत अमान अकेली ऐसी एक्ट्रेस थीं, जिन्होंने उन्हें गुड लुकिंग बताते हुए, उनके साथ काम करने को लेकर हामी भरी थी। दोनों ने साल 1983 में फिल्म 'तकदीर' में काम किया था, जिसमें शत्रुघ्न सिन्हा भी मुख्य भूमिका में थे।

    ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट हुई और देखते ही देखते जीनत अमान की वजह से मिथुन चक्रवर्ती की 'तकदीर' बदल गई। जीनत अमान के उनके साथ काम करने के बाद कई और एक्ट्रेस ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ काम करने की इच्छा जताई। मिथुन ने बताया था कि वह हमेशा जीनत अमान के शुक्रगुजार हैं, क्योंकि उनकी वजह से ही एक्टर पर से 'पनौती' का टैग हट पाया है।

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