राजनीतिक कारणों से बैन हुए थे बिग बी, Hema Malini के साथ मैगजीन में नहीं छापा गया था नाम
अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड में शहंशाह सदी का महानायक और बिग बी जैसे कई नामों से पुकारा जाता है। फिल्म सात हिंदुस्तानी से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने वाले अभिनेता का फिल्मों में शुरुआती सफर आसान नहीं रहा। एक समय तो ऐसा था जब उन्हें मीडिया पब्लिकेशन ने बैन तक कर दिया था उनका नाम तक नहीं लिखा जाता था। क्या है बिग बी से जुड़ा ये किस्सा पढ़ें
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। साल 1969 में फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' से अपने करियर के शुरुआत करने वाले अमिताभ बच्चन को 'सदी का महानायक' कहा जाता है। पिछले छह दशक से दर्शकों का बड़े पर्दे पर मनोरंजन करने वाले अमिताभ बच्चन 82 साल की उम्र में भी फिल्मों में सक्रिय हैं। उन्होंने अपने करियर में 200 से अधिक फिल्में की हैं। हिंदी के अलावा बिग बी ने उन्होंने बंगाली, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, मराठी और अंग्रेजी भाषा की फिल्मों में अभिनय किया है।
लगातार दो हीरो वाली फिल्में करने के बाद उनकी तकदीर साल 1973 में बदली, जब उनकी फिल्म 'जंजीर' आई। इस फिल्म में बिग बी ने अपने एक्शन अवतार से ऑडियंस को काफी इम्प्रेस किया। ये उनके करियर की वह फिल्म थी जिसके बाद उन्होंने कभी पलटकर नहीं देखा। हालांकि, ऑडियंस के बेशुमार प्यार और सिनेमाघरों में उनकी फिल्मों को देखने के लिए लगी भीड़ और अपने स्टारडम के शिखर पर बैठने के बावजूद उनकी जिंदगी में एक ऐसा समय आया, जहां मैगजीन से लेकर बड़े-बड़े पब्लिकेशन ने राजनीतिक कारणों से उन्हें बैन कर दिया। आखिर क्यों मीडिया ने बिग बी के लिए इतनी बेरुखी दिखाई, पढ़ें आज के थ्रो-बैक थर्सडे की कहानी में:
करियर के पीक पर क्यों बिग बी का नाम छापने से किया इनकार?
ऐसा माना जाता है कि अमिताभ बच्चन के परिवार का राजनेताओं से अच्छे रिलेशन होने के वजह से उन्हें इंडस्ट्री में ब्रेक मिला था। फिल्म क्रिटिक और राइटर भारती प्रधान ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बताया कि इमरजेंसी खत्म होने के बाद अमिताभ बच्चन मीडिया सेंसरशिप के निशाने पर आ गए थे।
प्रधान ने आगे बताया कि उस समय के कई पब्लिकेशन ने ये दावा किया था कि 1975 में लगी इमरजेंसी में अमिताभ बच्चन ने सरकार की मीडिया पर लगाई गई सेंसरशिप में उनका साथ दिया था। उन पर आरोप लगे थे कि उस समय पर छपने वाले आर्टिकल्स में उन्होंने कांट-छांट करवाई। इस की वजह से उनका कई जाने-माने पब्लिकेशन्स ने बायकॉट कर दिया था।
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हेमा मालिनी जैसे सह कलाकारों के साथ नहीं लिखते थे नाम
फिल्म क्रिटिक ने आगे बताया कि पब्लिकेशन्स को ऐसा लगता था कि अमिताभ बच्चन उस समय की नामी पार्टी की मशीनरी का हिस्सा थे, इसलिए सभी रिपोर्ट्स ने उनका नाम छापना भी बंद कर दिया था। बिग बी के बायकॉट को लेकर वह इतने ज्यादा सीरियस थे कि अगर कभी हेमा मालिनी या फिर किसी सह कलाकार के साथ उनका नाम क्रेडिट में भी आता था, तो वह एक्ट्रेस का नाम लिखकर उसके आगे कॉमा(,) लगा देते थे, लेकिन अमिताभ बच्चन का नाम नहीं लिखते थे।
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मीडिया के इस बर्ताव को देखते हुए अमिताभ बच्चन खुद भी जब कास्ट के साथ खड़े होते थे, तो वह साइड में खड़े रहते थे, क्योंकि उन्हें पता था कि वह क्रॉप हो जाएंगे।
इन फिल्मों ने बदली थी बिग बी की किस्मत
'जंजीर' और दीवार जैसी फिल्में करने के बाद अमिताभ बच्चन को इंडस्ट्री में 'एंग्री यंग मैन' का टैग मिल गया था। उन्होंने नमक हराम, सौदागर, रोटी कपड़ा और मकान, शहंशाह, दोस्त, चुप-चुपके, शोले, हेरा-फेरी, अमर अकबर एंथोनी, डॉन, काला पत्थर जैसी कई यादगार फिल्में हिंदी सिनेमा को दी।
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