Adhyayan Suman की खुदकुशी की खबर सुनकर होश खो बैठी थीं मां, एक्टर बोले- ‘शर्म आनी चाहिए ऐसे लोगों को’
बॉलीवुड एक्टर शेखर सुमन के बेटे एक्टर अध्ययन सुमन को लेकर हाल ही में एक फेक न्यूज़ वायरल हुई कि उन्होंने आत्महत्या कर ली है। एक न्यूज़ चैनल ने अध्ययन ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्टर शेखर सुमन के बेटे एक्टर अध्ययन सुमन को लेकर हाल ही में एक फेक न्यूज़ वायरल हुई कि उन्होंने आत्महत्या कर ली है। एक न्यूज़ चैनल ने अध्ययन की मौत को लेकर ये खबर चलाई जिसके बाद ये खबर सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गई। हालांकि बाद में पता चला कि न्यूज़ गलत है, जिसके बाद शेखर सुमन ने चैनल को जमकर लताड़ा और कहा कि वो इसके खिलाफ लीगल एक्शन लेंगे। शेखर के बाद अध्ययन ने भी इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर बताया कि वो पूरी तरह ठीक हैं।
अब एक्टर ने एक बार फिर इस पूरी घटना को शर्मनाक बताया है। एक्टर ने बताया कि जिस वक्त उनकी मां को ये खबर मिली तो उनकी क्या होलात हो गई थी। एक पैपराज़ी से बात करते हुए अध्ययन ने कहा, ‘अगर मैंने सुसाइड कर लिया तो ये क्या मेरा भूत आपसे बात कर रहा है? ये बहुत ही शर्मनाक बात है’।
अध्ययन ने बताया, ‘मुझे लोगों के कॉल आना शुरू हुए तब मैं मीटिंग में था। सब लोग घबरा गए थे, मैं किसी का फोन नहीं उठा रहा था। मेरी मां को ये सुनकर धक्का लगा था, वो शॉक में थीं उन्हें यकीन नहीं हो रहा था इस खबर पर। फिर आखिरकार मैंने उनका फोटो उठाया। बल्कि मैं तो ख़ुद अभी तक शॉक में हूं। मुझे समझ नहीं आता कि इसके पीछे वजह क्या थी? क्यों आपने ये चलाया कि मैंने सुसाइड कर ली है। मैं अपनी ज़िंदगी में बहुत खुश हूं। आप किसी के बारे में ऐसे कैसे बातें कर सकते हो आपको शर्म आनी चाहिए’।
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इससे पहले शेखर सुमन ने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'हम बेहद व्यथित हैं और अभी तक इस सदमे से बाहर नहीं निकल सके हैं। मैं सभी लोगों के चैनल के इस अक्षम्य व्यहार के ख़िलाफ़ ट्वीट और बैन करने की गुज़ारिश करता हूं। ताकि किसी और के साथ ऐसा ना हो। मैं उचित क़ानूनी कार्रवाई भी करने जा रहा हूं'।
आगे उन्होंने लिखा, 'इस अक्षम्य काम के लिए चैनल के किसी पत्रकार द्वारा माफ़ी मांगना काफ़ी नहीं है। बॉस लोगों को कुछ शर्म आनी चाहिए और इस बड़ी चूक को स्वीकार करना चाहिए। सोचिए, अगर उन्होंने ऐसा किसी बड़े नेता के साथ किया होता तो उनका लाइसेंस निरस्त हो जाता। पीएम ने स्पष्ट रूप से कहा है कि फ़र्ज़ी न्यूज़ को बढ़ावा देने वाले सबसे ज़्यादा क्षति करते हैं और उन्हें दंडित करने की ज़रूरत है।

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