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    दिलीप कुमार की 'देवदास' के लिए Vyjayanthimala को मिला था बड़ा खिताब, एक एक्ट्रेस की वजह से किया इनकार

    1955 में दिलीप कुमार (Dilip Kumar) साहब की कल्ट फिल्म देवदास (Devdas) को बड़े पर्दे पर रिलीज किया गया था। इस मूवी में दिग्गज अभिनेत्री वैजयंतीमाला (Vyjayanthimala) ने चंद्रुमखी का किरदार निभाया था जबकि सुचित्रा सेन पारो बनी थीं। फिल्म के लिए वैजयंतीमाला को एक नामी पुरस्कार के लिए चुना गया था। लेकिन एक अभिनेत्री के चलते उन्होंने उस अवॉर्ड को लेने से साफ मना कर दिया था।

    By Ashish Rajendra Edited By: Ashish Rajendra Updated: Sun, 01 Sep 2024 02:16 PM (IST)
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    वैजयंतीमाला दिलीप कुमार देवदास फिल्म (Photo Credit-Jagran)

     एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। वैजयंतीमाला (Vyjayanthimala) वो अदाकारा है, जिनके नाम पर उनके दौर में घर पैदा होने वाली लड़कियों का नामकरण किया जाता था। साउथ सिनेमा से नाता रखने वालीं वैजयंतीमाला को भारत की पहली राष्ट्रीय अभिनेत्री के तौर भी जाना जाता है। साल 1955 में उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की सबसे शानदार मूवी में से एक देवदास (Devdas) को किया था। इस फिल्म में चंद्रमुखी के किरदार में वैजयंतीमाला ने अपनी छाप छोड़ी।

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    देवदास में दिलीप कुमार (Dilip Kumar), सुचित्रा सेन, मोतीलाला और प्राण जैसे कलाकार भी अहम भूमिका मौजूद रहे। इस मूवी के लिए वैजयंतीमाला को बेस्ट एक्ट्रेस इन सपोर्टिंग रोल के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। लेकिन सुचित्रा सेन की वजह से उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया। आइए मामले को विस्तार से जानते हैं।

    क्यों वैजयंतीमाला ने नहीं लिया अवार्ड

    दरअसल देवदास को हिंदी सिनेमा की कल्ट मूवी के तौर पर जाना जाता है। इस मूवी में अपने दमदार अभिनय के लिए दिलीप कुमार को 5वें फिल्मफेयर अवॉर्ड के दौरान बेस्ट एक्टर का खिताब मिला था। जबकि सपोर्टिंग रोल बेस्ट एक्टर कैटेगरी में मोतीलाल ने बाजी मारी थी। आईएमडीबी (IMDB) की रिपोर्ट के आधार पर वैजयंतीमाला को भी देवदास में अपने शानदार काम के लिए सपोर्टिंग रोल में बेस्ट एक्ट्रेस कैटेगरी में विनर चुना गया था। लेकिन उन्होंने इसे लेने से मना कर दिया।

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    इसके पीछे की वजह ये थी कि वैजयंतीमाला का मानना था कि देवदास में उनकी भूमिका उतनी ही अहम थी, जितनी सुचित्रा सेन ने अदा की। इस आधार पर वह सपोर्टिंग रोल की एक्ट्रेस कैसे हुईं। इसी कारण से उन्होंने इस फिल्मफेयर पुरस्कार को ठुकरा दिया था।

    ये लाजिमी भी है, अगर आपने दिलीप कुमार की देवदास को देखा है तो उसमें पता लगेगा कि वैजयंतीमाला का किरदार कितना अहम था। बताया जाता है कि एक्ट्रेस इस मामले को लेकर काफी खफा हो गई थीं। 

    कब जीता कौन सा पुरस्कार

    बेशक वैजयंतीमाला ने देवदास के लिए सपोर्टिंग रोल में फिल्मफेयर अवॉर्ड को लेने से मना कर दिया था। लेकिन इसके बाद उन्होंने तीन बार बतौर एक्ट्रेस कैटेगरी में इस पुरस्कार को अपने नाम किया था। इतना ही नहीं इसी साल की शुरुआत में वैजयंतीमाला को पद्म विभूषण के राष्ट्रीय सम्मान के लिए चुना गया है।

     साल             पुरस्कार     फिल्म
      1959     फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस    मधुमती
      1962     फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस    गंगा जमुना
      1965     फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस    संगम
      2024         पद्म विभूषण

    अपने दो दशक के शानदार फिल्मी करियर में वैजयंतीमाला ने बॉलीवुड में कई यादगार फिल्में दी हैं। इसके अलावा साउथ सिनेमा में भी अभिनेत्री का सुनहरा सफर तय किया है।

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