'चंडीगढ़ करे आशिकी' में ट्रांसजेंडर बनने के लिए कैसे राज़ी हुईं वाणी कपूर? आयुष्मान को क्यों दिखाया पहलवान?
अभिषेक कपूर निर्देशित फिल्म ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ में वाणी कपूर ने ट्रांस गर्ल की भूमिका निभाई। इसमें उनका किरदार लिंग परिवर्तन कराता है। फिल्म में उनके अपोजिट आयुष्मान खुराना हैं। इससे पहले फिल्म ‘बेल बॉटम’ में वह अक्षय कुमार के साथ नजर आईं थीं।
स्मिता श्रीवास्तव, जेएनएन। अभिषेक कपूर निर्देशित फिल्म ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ में वाणी कपूर ने ट्रांस गर्ल की भूमिका निभाई। इसमें उनका किरदार लिंग परिवर्तन कराता है। फिल्म में उनके अपोजिट आयुष्मान खुराना हैं। इससे पहले फिल्म ‘बेल बॉटम’ में वह अक्षय कुमार के साथ नजर आईं थीं। वाणी से स्मिता श्रीवास्तव की बातचीत के अंश:
सवाल : समाज में ऐसे विषयों पर लोग बात करने तक से कतराते हैं। अभिनेत्री को केंद्र में रखकर ऐसी फिल्मों के निर्माण की कितनी आवश्यकता महसूस करती हैं?
जवाब : यह इस बात पर निर्भर करता है कि कितने निर्देशक ऐसी फिल्में करने के लिए तैयार हैं, जहां पर एक लड़की कहानी को लीड कर रही है। निर्माता निर्देशक को हीरो पर पैसा लगाना ज्यादा आसान लगता है। उन्हें लगता है कि दर्शक हीरो की फिल्में देखने आएंगे, फिर हम लड़कियों पर इतना पैसा क्यों लगाएं। यह दर्शकों और फिल्मकारों दोनों पर निर्भर करता है। इस फिल्म में अभिषेक कपूर ने मुझ पर भरोसा दिखाया। उन्हें ‘बेफिक्रे’ और ‘शुद्ध देसी रोमांस’ में मेरा काम अच्छा लगा था।
सवाल : ट्रांस गर्ल का किरदार निभाते वक्त क्या कुछ ज़हन में था?
जवाब : मैंने यह फिल्म बहुत खुशी-खुशी साइन की थी, क्योंकि मुझे इसका आइडिया, स्क्रिप्ट और इरादे बहुत नेक लगे थे। अभिषेक कपूर के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है। मैंने उनकी ‘रॉक ऑन’, ‘काय पो छे’ समेत सारी फिल्में देखी हैं। मैं उनके साथ काम करना चाहती थी। इस तरह का विषय या तो पूरी तरह सही हो सकता है या पूरी तरह से गलत जा सकता है, लेकिन आयुष्मान खुराना और अभिषेक की वजह से मैं वह रिस्क लेने के लिए तैयार थी। आयुष्मान ने अपनी हर फिल्म में समाज में वर्जित मुद्दों को जिम्मेदारी के साथ दर्शाया है। मुझे खुद पर गर्व हो रहा था कि उन्होंने इसके लिए मेरे बारे में सोचा।
जवाब : इस फिल्म से पहले लिंग परिवर्तन से जुड़ी समस्याओं के बारे में कितना जानती थीं?
जवाब : मैं काफी चीजें पढ़ती हूं, खबरें देखती हूं। मेरा परिवार प्रोग्रेसिव विचारों वाला है। मैंने काफी डाक्यूमेंट्रीज देखीं। ट्रांसजेंडर्स से मिली, बातें की ताकि उनसे जुड़ाव कायम कर सकूं, जिन्होंने मेरे किरदार मानवी जैसी जिंदगी जी है। इस विषय को समझने के लिए हिंदी फिल्में और विश्व सिनेमा देखा। उनका नजरिया ही अलग है। हमने आजतक टीवी शो और फिल्मों में जो कुछ भी देखा है, उससे बिल्कुल अलग तरीके से हमारी फिल्म में दिखाया गया है। हम वास्तविकता को दिखाना और इस पर चर्चा शुरू करना चाहते थे। अगर फिल्म देखने के बाद कुछ लोगों का भी नजरिया बदलता है तो वही हमारी उपलब्धि होगी।
सवाल: फिल्म में आयुष्मान को जिम ट्रेनर दिखाने की क्या आवश्यकता थी?
जवाब : अभिषेक ने आयुष्मान को जानबूझ कर एक जिम ट्रेनर दिखाया है। यह सच है कि बहुत से लड़के अपने पुरुषत्व का प्रदर्शन करके दिखाते हैं कि हमें समलैंगिक मत समझना। फिल्म की शुरुआत में ही वो गबरू आफ आल टाइम कंपटीशन में भाग ले रहा है, जो दिखाता कि मसल बनाकर लड़के तगड़े हो जाते हैं, मर्द लगते हैं। यह ईगो और घमंड आपको हर दूसरे लड़के में दिखाई देगा। यह लड़का एक ट्रांसजेंडर लड़की के लिए जिस तरह अपने विचारों और जीवन में बदलाव लाता है, वही बदलाव हम सभी लोगों में देखना चाहते हैं।
सवाल : रणबीर कपूर के साथ ‘शमशेरा’ कर रही हैं। उनकी हीरोइन बनने का सपना कब से था?
जवाब : मुझे रणबीर और उनका काम बहुत पसंद है। उनके साथ काम करने का मौका मिलना बड़ी बात है।
सवाल : अगले साल से क्या उम्मीदें हैं?
जवाब : मैं बस यही उम्मीद करती हूं कि अच्छे निर्देशकों के साथ अच्छी फिल्मों और कहानियों का हिस्सा बन सकूं।
सवाल : अपने किन अधूरे सपनों को पूरा करना चाहती हैं?
जवाब : मुझे लगता है कि सपने अधूरे रखने की नहीं, बल्कि ज्यादा सपने देखने की जरूरत है। अपने सपने पूरे करो, फिर एक नया सपना देखो और उसके पीछे भागो।