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    विदेश में कंसर्ट करने वाले पहले भारतीय सिंगर थे तलत महमूद, सुनिये उनके 10 सुरीले गीत

    By Hirendra JEdited By:
    Updated: Thu, 10 May 2018 06:16 AM (IST)

    भारत सरकार ने गायकी में उनके योगदान के लिए उन्हें साल 1992 में पद्मभूषण से सम्मानित किया!

    विदेश में कंसर्ट करने वाले पहले भारतीय सिंगर थे तलत महमूद, सुनिये उनके 10 सुरीले गीत

    मुंबई। 3 मई को तलत महमूद की 20 वीं पुण्यतिथि है। उन्हें ग़ज़लों का शहंशाह भी कहा जाता था। भावुक कर देने वाली अपनी कांपती, थरथराती और मखमली आवाज़ से सबका दिल जीतने वाले तलत महमूद अपने दौर के बेहद सम्मानित सिंगर रहे हैं। दिलों को छू लेने वाली अपनी गायकी के दम पर उन्होंने अपने समकालीन अन्य गायकों मोहम्मद रफ़ी, किशोर कुमार, मुकेश, मन्ना डे और हेमंत कुमार के बीच भी अपनी एक अलग पहचान बनाई।

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    24 फरवरी, 1924 को लखनऊ में जन्में तलत महमूद को बचपन से ही संगीत में दिलचस्पी रही! महज 16 साल की उम्र में ही उन्होंने गज़लें गाना शुरू कर दिया था। तब वो ऑल इंडिया रेडियो के लिए गाते थे। इसके बाद उन्होंने लखनऊ के दि मैरिस संगीत कॉलेज से संगीत की शिक्षा ली। उसके बाद एच.एम.वी द्वारा उनकी गज़लों का एक रिकॉर्ड जारी होने के बाद संगीतकारों का ध्यान उनकी तरफ गया। यह रिकॉर्ड उन्होंने तपन कुमार के नाम से गाया था! बहरहाल, फ़िल्मों में उन्हें पहला ब्रेक 'शिक़स्त' के गीत 'सपनों की सुहानी दुनिया को' से मिला, लेकिन उन्हें ख्याति मिली साल 1944 में गाये उनके गीत 'तस्वीर तेरी दिल मेरा बहला न सकेगी' से। 

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    इस कामयाबी के बाद उन्होंने अभिनय करने का मन बनाया। खूबसूरत तो वो थे ही तो इस तरह से उन्होंने कई फ़िल्मों में अभिनय भी किया और वो भी नूतन, माला सिन्हा, और सुरैया जैसी दिग्गज अभिनेत्रियों के साथ! लेकिन, अभिनय में जब उन्हें बड़ी कामयाबी नहीं मिली तो उन्होंने अपना सारा ध्यान संगीत पर केन्द्रित कर दिया। क्या आप जानते हैं तलत महमूद ऐसे पहले इंडियन सिंगर हैं जो व्यावसायिक कंसर्ट के लिए देश से बाहर विदेश गए थे? उनके बाद तो तमाम सिंगर्स ने दुनिया भर में कंसर्ट करने शुरू कर दिए थे! बहरहाल, इस लिंक पर सुनिए उनके गाये दस बेहतरीन गीत-

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    उनके गाए कुछ गीतों में- ‘जलते हैं जिसके लिए’, ‘मेरी याद में तुम न आंसू बहाना’, फिर वही शाम वही गम’, जायें तो जायें कहां’, ‘ऐ मेरे दिल कहीं और चल’ आदि एक लंबी फेहरिस्त है। उनेक गाये गीत आज भी याद किये जाते हैं! भारत सरकार ने गायकी में उनके योगदान के लिए उन्हें साल 1992 में पद्मभूषण से सम्मानित किया! साल 1998 में वो अपने गानों की विरासत छोड़कर इस दुनिया को अलविदा कह गये।