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पद्मावत फैसला: कोर्ट ने कहा पूरे देश में कहीं रोक नहीं, करणी सेना बोली हम तो रोकेंगे

अदालत में बताया गया कि इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक राज्यों में पद्मावत रिलीज़ होने की स्थिति में लॉ एंड ऑर्डर की बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है।

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Thu, 18 Jan 2018 03:46 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jan 2018 03:17 PM (IST)
पद्मावत फैसला: कोर्ट ने कहा पूरे देश में कहीं रोक नहीं, करणी सेना बोली हम तो रोकेंगे
पद्मावत फैसला: कोर्ट ने कहा पूरे देश में कहीं रोक नहीं, करणी सेना बोली हम तो रोकेंगे

मुंबई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' को 25 जनवरी को पूरे देश में रिलीज़ किये जाने का रास्ता साफ़ हो गया है। कोर्ट ने राजस्थान और गुजरात सरकार के उस आदेश और नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है जिसके तहत पद्मावत को इन राज्यों ने अपने यहां रिलीज़ करने पर रोक लगाई थी। इस बीच शुरू से ही इस फिल्म का विरोध कर रही करणी सेना ने कहा है कि उनका विरोध जारी रहेगा और वो फिल्म को रिलीज़ नहीं होने देंगे।

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सुप्रीम कोर्ट में आज तीन सदस्यीय बेंच ने,(न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड) जिसके प्रमुख मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिसरा थे, ये कहा कि अपने यहां कानून और व्यवस्था को बनाये रखना राज्यों का कर्तव्य है। सिर्फ राजस्थान और गुजरात ही नहीं बल्कि उन सभी राज्यों ने जिन्होंने पद्मावत की रिलीज़ को रोके जाने संबंधी आदेश दिया है, उसे खारिज़ किया जाता है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस तरह से फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के तरीके ने उन्हें स्तब्ध कर दिया है। इस दौरान वायकॉम 18 की तरफ़ से कोर्ट में मौजूद वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने बेंच को बताया कि जब सेंसर ने इस फिल्म को रिलीज़ के लिए पास कर दिया है तो राज्यों के पास उसे रोकने के कोई अधिकार नहीं हैं। साल्वे ने 2011 के प्रकाश झा के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक जजमेंट का उदहारण देते हुए कहा कि कानून और व्यवस्था बनाये रखना राज्यों का संवैधानिक कर्तव्य है।

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बता दें कि फिल्म के निर्माता ने गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा सरकार की तरफ़ से अपने यहां फिल्म को रिलीज़ न होने देने के ख़िलाफ़ अदालत में याचिका दाखिल की थी। इन राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे एडिशनल सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच को बताया कि सिर्फ दो राज्यों(गुजरात और राजस्थान) ने ही इस तरह के आदेश जारी किये हैं । उन्होंने सुनवाई को आगे बढ़ाने की भी गुजारिश की और कहा कि इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक राज्यों में पद्मावत रिलीज़ होने की स्थिति में लॉ एंड ऑर्डर की बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिसके बारे में संभवतः सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट देते समय संज्ञान में नहीं लिया । फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन का मतलब चीजों को तोड़ मरोड़ कर पेश किये जाने से नहीं हो सकता। सेंसर, सुपर सेंसर बोर्ड नहीं बन सकता। इस बीच राजपूत करणी सेना ने अदालत के फैसले के बाद भी अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया है। राजपूत करणी सेना के प्रमुख लोकेन्द्र सिंह कलवी ने कहा है कि किसी भी हालत में पद्मावत को रिलीज़ नहीं होने दिया जाएगा। राजस्थान में सिनेमाहाल मालिको ने लेटर के जरिये भरोसा दिलाया है कि वो इस बारे में करणी सेना से पूछ कर फिल्म लगायेंगे। राजस्थान में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार इस मामले को लेकर विचार विमर्श कर रही है। उधर राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी ने इस मामले में राष्ट्रपति से गुहार लगाने की बात कही है।

24 जनवरी को भी दिखाई जायेगी

पद्मावत संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत 25 जनवरी को देश भर में रिलीज़ होगी लेकिन ये फिल्म कुछ लोग 24 जनवरी को भी देख सकते हैं। फिल्म की निर्माता कंपनी ने 24 जनवरी को पेड-प्रीव्यू रखने का फ़ैसला किया है। आमतौर पर बड़ी फिल्मों के पेड-प्रीव्यू किये जाते हैं। 25 जनवरी को अक्षय कुमार की पैड मैन भी रिलीज़ हो रही है, यानि बॉक्स ऑफ़िस पर बड़ा मुकाबला होने वाला है।

सशर्त पास है पद्मावत

सेंसर बोर्ड ने दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर स्टारर इस फिल्म को 30 दिसंबर को यू/ए सर्टिफिकेट के साथ पास कर दिया था, लेकिन साथ में पांच शर्ते भी थीं, जिसमें फिल्म का नाम बदल कर पद्मावती से पद्मावत करना और डिस्क्लेमर लगाना शामिल था। दरअसल पद्मावती का विरोध, चित्तौड़ की महारानी रानी पद्मिनी के गलत चरित्र चित्रण को लेकर शुरू हुआ था और उसके बाद पूरे देश में फिल्म के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हुए।


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