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अब मेरा संघर्ष अच्छा काम पाने के लिए है : अनंत विढाट

बतौर एक्टर काम की तलाश में कास्टिंग डायरेक्टर और निर्देशकों से मिलना हमारे जीवन का हिस्सा है। इसी सिलसिले में करीब दो साल पहले मैं इस शो के निर्देशक निशीथ नीरव नीलकंठ से मिला।

By Priti KushwahaEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 01:32 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 01:32 PM (IST)
अब मेरा संघर्ष अच्छा काम पाने के लिए है : अनंत विढाट
अब मेरा संघर्ष अच्छा काम पाने के लिए है : अनंत विढाट

नई दिल्ली, जेएनएन। दीपेश पांडेय। 'गुंडे', 'टाइगर जिंदा है' और 'सुल्तान' जैसी फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता अनंत विढाट ने वेबसीरीज 'पति पत्नी और वो' से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पदार्पण किया है। एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हुई इस हॉरर कॉमेडी वेबसीरीज में वह मोहन के किरदार में हैं, जिसकी दूसरी शादी हुई है और उसकी पहली पत्नी भूत बनकर हमेशा उसके साथ रहती है। अभिनेता बनने के सफर और आगामी प्रोजेक्ट्स को लेकर उनसे हुई बातचीत के अंश... 

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इस वेबसीरीज के साथ आपका जुडऩा कैसे हुआ? 

बतौर एक्टर काम की तलाश में कास्टिंग डायरेक्टर और निर्देशकों से मिलना हमारे जीवन का हिस्सा है। इसी सिलसिले में करीब दो साल पहले मैं इस शो के निर्देशक निशीथ नीरव नीलकंठ से मिला। उन्होंने मुझे इस शो की कहानी सुनाई। कहानी अच्छी लगी और मैंने हां कह दी। उसके बाद साल 2018 में दिसंबर महीने में इस शो की शूटिंग मथुरा में शुरू की गई। 

मथुरा में शूटिंग के दौरान कैसा अनुभव रहा? 

मथुरा बहुत ही अनूठी जगह है। मुझे और रिया सेन को छोड़कर बाकी के एक्टरों ने वहां की बोलचाल की शैली सीखने के लिए काफी मेहनत की। निर्देशक ने हमारी बातचीत की शैली को हिंदी से मिलता-जुलता ही रखा था। इस सीरीज को वहां के मुख्य बाजारों में शूट किया गया है। हमें रोजाना शूट करना पड़ता था, इसलिए मथुरा घूमने का समय नहीं मिला। सौभाग्य से श्रीकृष्ण जन्मस्थान रास्ते में ही पड़ता था। मैं रोज आते-जाते उनके दर्शन कर लेता था। 

अभिनेता बनने का आपका सफर कैसा रहा? 

मैंने करीब चौदह साल की उम्र में ही अपने घरवालों से अभिनय के प्रति अपनी रुचि जाहिर कर दी थी। फिर दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज में प्लेयर्स थियेटर के साथ जुड़ गया। कॉलेज की पढ़ाई खत्म होने के बाद मुंबई आकर मैं सतीश कौशिक जी के साथ दो-तीन साल बतौर असिस्टेंट निर्देशक काम किया। फिर मैं अभिनय का प्रशिक्षण लेने पोलैंड चला गया। वहां से आने के बाद साल 2011 में मुझे पहली बार फिल्म 'गुंडे' में एक्टिंग करने का मौका मिला। 

अभिनय प्रशिक्षण के लिए पोलैंड जाने की कोई खास वजह थी? 

पोलैंड में मैंने ग्रोटोवस्की इंस्टीट्यूट से अभिनय प्रशिक्षण लिया है। इसको एक्टर्स लेबोरेटरी भी कहा जाता है। वहां जाकर मुझे पता चला कि एक्टिंग सिखाने की उनकी पद्धति हमारे देश में भरतमुनि द्वारा लिखे नाट्यशात्र पर आधारित है। ग्रोटोवस्की स्वयं भारतीय कला और संस्कृति से बहुत च्यादा प्रेरित थे। इंस्टीट्यूट के लोगों ने ही मुझे भारतीय पारंपरिक नाट्य कला सीखने की सलाह दी। यहां आने के बाद मैंने केरल जाकर प्राचीन मार्शल आर्ट कलरियापट्टू और नाट्य शास्त्र का प्रशिक्षण लिया। 

कॉमर्शियली सफल फिल्मों का हिस्सा बनने से आपके करियर पर क्या प्रभाव पड़ा?

इत्तेफाक से मेरी चारों फिल्में कॉमर्शियली सफल रही हैं। सभी फिल्मों में मेरा किरदार अलग-अलग था। मुझे स्क्रीन पर खुद को साबित करने का वक्त भी मिला। इन फिल्मों की वजह से इंडस्ट्री में मेरी अच्छी और मजबूत शुरुआत हुई। सबसे बड़ी बात यह कि निर्माताओं ने मुझे देश के इतने बड़े कलाकारों के साथ स्वतंत्रता से काम करने काम मौका दिया। 

आपकी महत्वाकांक्षाएं क्या हैं? 

मेरी महत्वाकांक्षाएं बहुत हैं। पहले मेरा संघर्ष सिर्फ काम पाने के लिए था। अब अच्छे और लीड किरदार के लिए है। मैं चाहता हूं कि च्यादा से च्यादा लोग मेरे काम को देखे और सच्ची प्रतिक्रियाएं दें। मुझे बेहतरीन किरदार निभाने का अवसर मिले।   

आगे किस तरह की प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं? 

वेब फिल्म 'मेरे देश की धरती' बनकर तैयार है, इस फिल्म में मेरे साथ दिव्येन्दु शर्मा मुख्य भूमिका में हैं। एक अन्य कॉमेडी फिल्म 'क्या मस्ती क्या धूम' भी बनकर तैयार है। परिस्थितियां सामान्य होने के बाद निर्माता इसकी रिलीज पर विचार करेंगे। उसके अलावा मैं नेटफ्लिक्स की एक वेबसीरीज पर भी काम कर रहा हूं।


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