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रानी मुखर्जी से सलमान ख़ान तक... कोई 'हिचकी' तो कोई 'ट्यूबलाइट' का मारा

'जग्गा जासूस' में रणबीर कपूर का किरदार स्टैमरिंग करता हुआ दिखाया गया था। इसीलिए वो फ़िल्म में गाकर बोलता है, ताकि स्टैमर ना करे।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Mon, 19 Feb 2018 06:15 PM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 01:12 PM (IST)
रानी मुखर्जी से सलमान ख़ान तक... कोई 'हिचकी' तो कोई 'ट्यूबलाइट' का मारा
रानी मुखर्जी से सलमान ख़ान तक... कोई 'हिचकी' तो कोई 'ट्यूबलाइट' का मारा

मुंबई। हिंदी सिनेमा में जब भी हीरो की बात होती है तो ज़हन में एक ऐसी शख़्सियत की तस्वीर उभरती है, जो शारीरिक और मानसिक रूप से फिट है और बड़ी से बड़ी मुश्किल का मुक़ाबला करने में सक्षम है। कई दफ़ा सिनेमा का हीरो ऐसा शख़्स होता है, जो शारीरिक या मानसिक तौर पर कमज़ोर है, मगर अपने इरादों से बाधाओं को पार करके वो वाकई में हीरो बन जाते हैं।

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'हिचकी' में रानी मुखर्जी का किरदार स्टैमरिंग यानि हकलाता हुआ दिखायी देगा। रिलीज़ के लिए तैयार इस फ़िल्म से रानी 'मर्दानी' के बाद पर्दे पर कमबैक कर रही हैं। दिलचस्प बात ये है कि रानी ने एक इंटरव्यू में ये राज़ खोला था कि वो रियल लाइफ़ में भी स्टैमर करती हैं। वैसे फिज़िकली चैलेंज्ड किरदार निभाना रानी के लिए नया नहीं है। संजय लीला भंसाली की फ़िल्म 'ब्लैक' में रानी नेत्रहीन और मूक-बधिर किरदार निभा चुकी हैं।

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सलमान ख़ान ने 'ट्यूबलाइट' में मंदबुद्धि युवक का किरदार निभाया। फ़िल्म में उनके किरदार का निकनेम इसीलिए 'ट्यूबलाइट' होता है, क्योंकि वो मानसिक तौर पर दूसरों के मुक़ाबले कम फ़ुर्तीला है। हालांकि दर्शकों ने सलमान को इस किरदार में पसंद नहीं किया।

'जग्गा जासूस' में रणबीर कपूर का किरदार स्टैमरिंग करता हुआ दिखाया गया था। इसीलिए वो फ़िल्म में गाकर बोलता है, ताकि स्टैमर ना करे। 'बर्फ़ी' में रणबीर कपूर मूक-बधिर किरदार निभा चुके हैं। अनुराग बसु निर्देशित इस फ़िल्म में प्रियंका चोपड़ा ने ऑटिस्टिक करेक्टर प्ले किया था।

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'माय नेम इज़ ख़ान' में शाह रुख़ ख़ान एस्पर्जर सिंड्रोम के पेशेंट बन चुके हैं। फ़िल्म में काजोल उनके अपोज़िट थीं। नागेश कुकुनूर की 'इक़बाल' में श्रेयस तलपड़े ने मूक-बधिर युवक का रोल प्ले किया था, जो क्रिकेटर बनना चाहता है। फ़िल्म में नसीरूद्दीन शाह ने उसके कोच का किरदार निभाया।

 

'कोई मिल गया' में रितिक रोशन ने मंदबुद्धि किरदार प्ले किया था, जबकि संजय लीला भंसाली की फ़िल्म 'गुज़ारिश' में रितिक ने क्वाड्रीप्लेजिक रोल निभाया था। उनका किरदार फ़िल्म में बेड रिडन दिखाया गया था, जो चल फिर भी नहीं सकता था।

'गुज़ारिश' की कहानी रितिक के किरदार की मर्सी किलिंग के लिए कानूनी लड़ाई पर आधारित थी। 'कमीने' में शाहिद कपूर का ज़िक्र करना भी ज़रूरी है। फ़िल्म में उन्होंने डबल रोल प्ले किया था। एक स्टैमर करता था, तो दूसरा 'श' को 'फ' बोलता था।


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