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    एक्ट्रेस का बॉडी डबल बनकर शुरू हुआ था Jeetendra के अभिनय का सफर, नकली ज्वैलरी के बिजनेस से पहुंचे फिल्म इंडस्ट्री

    Jeetendra Birthday Special जितेंद्र हिंदी सिनेमा के वो कलाकार हैं कई दशकों तक अपने स्टारडम की बदौलत इंडस्ट्री में राज किया है। वेटरन एक्टर के आधार पर उन्होंने अपने करियर में तोहफा (Tohfa) और फर्ज जैसी कई सुपरहिट फिल्म देने वाले जितेंद्र की बॉलीवुड में एंट्री काफी रोचक रही है। आइए जानते हैं कि उनका करियर फिल्मी जगत में कैसे शुरू हुआ।

    By Ashish Rajendra Edited By: Ashish Rajendra Updated: Sat, 06 Apr 2024 03:57 PM (IST)
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    इस रोल से बदल गई जितेंद्र की किस्मत (Photo Credit-Jagran)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 60 से 80 के दशक तक राजेश खन्ना, धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन (Amitabah Bachchan) जैसे फिल्मी कलाकारों की तूती फिल्म इंडस्ट्री में जमकर बोल रही थी। लेकिन अलग हटकर एक ऐसा भी अभिनेता रहा, जिसने न सिर्फ अपनी कमाल की एक्टिंग, बल्कि शानदार डांस मूव्स और गुड लुकिंग के दम पर फैंस के दिलों में अपनी खास जगह बनाई। वो फनकार कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड के लीजेंड एक्टर जितेंद्र हैं। 

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    सिनेमा जगत में जितेंद्र (Jeetendra) का काफी सफल योगदान है। तीन दशक से ज्यादा लंबे फिल्मी करियर के दौरान उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट मूवी दी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड में उनके एक्टिंग के सफर की शुरूआत कैसे और कहां से हुई है। आइए इस लेख में जीतू जी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से जानते हैं। 

    ऐसे हुई एक्टिंग करियर की शुरुआत

    जितेंद्र की फिल्मी दुनिया में एंट्री लेने की कहानी काफी रोचक मानी जाती है। 7 अप्रैल 1942 में अभिनेता का जन्म एक पंजाबी फैमिली में हुआ। बात उस दौर की है, जब वह अपने पिता अमरनाथ कपूर के साथ उनके नकली ज्वैलरी वाले बिजनेस को संभाला करते। इसके साथ ही वह फिल्मों के सेट पर शूटिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली फेक ज्वैलरी भी स्पलाई करते थे। 

    एक बार उन्हें हिंदी सिनेमा के दिग्गज निर्देशक वी शांताराम की फिल्म नवरंग (1959) के लिए कुछ नकली ज्वैलरी सेट पर पहुंचानी थी। लेकिन उस दौरान शांताराम को एक ऐसे शख्स की तलाश थी, जो अभिनेत्री संध्या के बॉडी डबल की भूमिका अदा कर सके। 

    दरअसल फिल्म में एक ऐसा सीन था, जिसमें हीरोइन को आग में कूदते हुआ दिखाना था, इसे हाई रिस्की मानते हुए कोई भी एक्ट्रेस ऐसा करने के लिए तैयार नहीं थी। ऐसे में सेट पर मौजूद जितेंद्र ने स्थिति का जायजा लिया और वह इसके लिए तैयार हो गए और एक अभिनेत्री के बॉडी डबल के तौर पर उनके एक्टिंग करियर की शुरुआत हो गई। हालांकि इसके बाद साल 1964 में आई फिल्म गीत गाया पत्थरों ने से उन्होंने बतौर लीड एक्टर खुद को स्थापित किया। 

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    जितेंद्र का असली नाम

    फिल्मी दुनिया में अभिनेता को जितेंद्र और जीतू जी के नाम से जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि उनका असली नाम क्या है। दरअसल जितेंद्र के माता-पिता ने उनका नाम रवि कपूर रखा था। हांलाकि बॉलीवुड में पहचान बनाने के लिए उन्होंने नए नाम जितेंद्र का इस्तेमाल किया, जो एक इतिहास बना। 

    हिट फिल्मों की लगा दी झड़ी

    पहली फिल्म की सफलता के बाद जितेंद्र बतौर कलाकार पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने एक्टिंग करियर में फर्ज, धर्मवीर, जानी दुश्मन, आशा, तोहफा, मेरी आवाज सुनो और फर्ज और कानून जैसी कई ब्लॉकबस्टर व सुपरहिट फिल्मों की झड़ी लगा दी। आईएमडीबी की रिपोर्ट के माने तों एक अभिनेता के रूप में उन्होंने 200 से अधिक फिल्मों में काम किया, जिनमें जितेंद्र की करीब 121 फिल्मों ने सफलता का स्वाद चखा। 

    अटूट है जितेंद्र का ये रिकॉर्ड

    अभिनेता जितेंद्र से जुड़े यूं तो एक दिलचस्प किस्से मौजूद हैं, जिनके बारे में जितनी चर्चा की जाए उतनी कम है। लेकिन क्या आपको पता है कि उनके नाम पर एक ऐसा अटूट रिकॉर्ड मौजूद है, जिसे फिल्म इंडस्ट्री का कोई भी सुपरस्टार अब तक नहीं तोड़ पाया है। 

    माना जाता है कि जितेंद्र हिंदी सिनेमा के एकमात्र ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने अपने फिल्मी करियर में सबसे अधिक 80 रीमेक फिल्मों में काम किया है। जिनमें साउथ सिनेमा से लेकर हॉलीवुड की भी कुछ मूवीज शामिल रहीं। ऐसे में आधुनिक दौर में भी कोई भी अन्य अभिनेता इतनी रीमेक फिल्में नहीं कर सका है। 

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