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    Dev Anand Birthday Special: जानें- उस डायलॉग की कहानी, जिससे हुई थी बेइज्जती और फिर उसी ने बदल दी जिंदगी

    By Mohit PareekEdited By:
    Updated: Thu, 26 Sep 2019 12:04 PM (IST)

    Dev Anand Birthday Special देव आनंद को उनकी पहली फिल्म मिलने की कहानी काफी स्पेशल है। उन्हें एक डायलॉग की वजह से फिल्म मिली थी और इसकी वजह से उनकी बेइज्जती हुई थी।

    Dev Anand Birthday Special: जानें- उस डायलॉग की कहानी, जिससे हुई थी बेइज्जती और फिर उसी ने बदल दी जिंदगी

    नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्टर देव आनंद का नाम भारतीय सिनेमा के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाता है। उन्होंने भारतीय सिनेमा को कई शानदार फिल्में दीं और उनकी फिल्मों और स्टाइल की वजह से आज भी काफी लोग उनके दिवाने हैं। देव आनंद ने भले ही सिनेमा जगत में ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया हो, लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर देव आनंद को उनकी पहली कैसे मिली थी। उनको पहली फिल्म मिलने की कहानी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।

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    दरअसल, बात उस वक्त की है जब देव आनंद फिल्मों में एंट्री के लिए संघर्ष कर रहे थे। उस वक्त उन्हें बलराज साहनी के एक नाटक जुबैदा में काम करने का मौका मिला। तब उन्हें एक दस लाइन का डायलॉग दिया गया था और उन्होंने रात भर उस डायलॉग को याद किया और उसकी प्रेक्टिस की। लेकिन, अगले दिन सुबह जब प्ले की रिहर्सल की गई तो वो अच्छे से डायलॉग नहीं बोल पाए। तब नाटक के निर्देशक बलराज साहनी गुस्सा हो गए और उन्होंने गुस्से में देव साहब को कह दिया, 'तुम बन लिए एक्टर...तुम्हारे बस की बात नहीं है... रहने दो।' इसके बाद उन्हें नाटक से निकाल दिया गया।

    उस वक्त पुणे में पी एल संतोषी फिल्म 'हम एक हैं' बनाने की तैयारी कर रहे थे और फिल्म के हीरो उदय कुमार थे। हालांकि निर्देशक की उदय कुमार से कुछ अनबन हो गई थी और वो नए हीरो की तलाश कर रहे थे। इसके लिए ऑडिशन करवाए गए, जिसमें देव आनंद भी पहुंच गए। ऑडिशन में एक डायलॉग बोलने को कहा गया और देव आनंद ने नाटक जुबैदा वाला 10 लाइन का डायलॉग धारा प्रवाह बोल दिया।

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    उनकी इस डायलॉग डिलिवरी से पीएल संतोषी को अच्छा लगा और उन्होंने देव आनंद को फिल्म ऑफर कर दी। यह देव आनंद के करियर की पहली फिल्म थी, जिसके बाद देव आनंद फिल्मी दुनिया का सुपर स्टार बन गए। उसके बाद उन्होंने अपने करियर में 'गाइड', 'पेइंग गेस्ट', 'बाजी', 'ज्वैल थीफ', 'सीआइडी', 'जॉनी मेरा नाम', 'अमीर गरीब', 'वारंट', 'हरे रामा हरे कृष्णा' और 'देस परदेस' जैसी सुपर हिट फिल्में दीं। उन्हें सिनेमा में सहयोग के लिए सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहेब फाल्के से भी सम्मानित किया गया।

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