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Vikram Bhatt: 18 सालों से इस बीमारी से जूझ रहे हैं निर्देशक विक्रम भट्ट, सामंथा रुथ प्रभु से कही ये बात

Vikram Bhatt सामंथा रुथ प्रभु के बाद 1920 जैसी फिल्मों का निर्देशन करने वाले विक्रम भट्ट ने हाल ही में एक खास बातचीत में इस बात का खुलासा किया कि वह पिछले 18 सालों से एक गंभीर मसल्स की बीमारी से जूझ रहे हैं जिसका कोई इलाज नहीं है।

By Tanya AroraEdited By: Published: Tue, 29 Nov 2022 08:22 AM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 08:22 AM (IST)
Vikram Bhatt: 18 सालों से इस बीमारी से जूझ रहे हैं निर्देशक विक्रम भट्ट, सामंथा रुथ प्रभु से कही ये बात
vikram bhatt fighting with fibromyalgia chronic disease for 18 years. Photo Credit/instagram

नई दिल्ली, जेएनएन। Vikram Bhatt opens up on his 18-year-long battle with Fibromyalgia:  साउथ सिनेमा की सुपरस्टार एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु ने बीते महीने ही सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए अपने फैंस को इस बात की जानकारी दी थी कि वह 'मायोसिस्ट' नाम की बीमारी से जूझ रही हैं। एक्ट्रेस ने अपनी पोस्ट में ये भी बताया था कि ये जानलेवा तो नहीं है, लेकिन इससे मसल्स में बहुत ही दर्द होता है। सामंथा के बाद अब 1920 और राज जैसी फिल्मों का निर्देशन करने वाले विक्रम भट्ट ने हाल ही में एक खास बातचीत के दौरान बताया कि वह पिछले 18 सालों से एक ऐसी बीमारी का शिकार हैं, जिससे न सिर्फ असर ना सिर्फ मसल्स पर पड़ता है, बल्कि नींद और याददाश्त पर भी पड़ता है। एक इंटरव्यू के दौरान एक्टर ने साउथ एक्ट्रेस के लिए खास मैसेज दिया और ये भी बताया कि उनकी हिम्मत देखने के बाद ही आज वह अपनी बीमारी के बारे में बात कर पा रहे हैं।

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फाइब्रोमायल्गिया नामक बीमारी से जूझ रहे हैं निर्देशक विक्रम भट्ट

बॉम्बे टाइम्स से खास बातचीत करते हुए विक्रम भट्ट ने बताया कि वह एक लंबे समय फाइब्रोमायल्गिया नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं। निर्देशक ने इस खास बातचीत में कहा, 'मैं इससे पिछले 18 सालों से जूझ रहा हूं। सामंथा के केस में 'मायोसिस्ट' बीमारी से मसल्स में वीकनेस आती है और मेरी फाइब्रोमाइल्गिया बीमारी में मसल्स में बहुत ज्यादा दर्द होता है, जोकि अन्य दर्द से बिलकुल अलग होता है। जो एक आम इंसान के लिए दर्द भरा नहीं होता, मेरे लिए वह भी बहुत ज्यादा दर्दनाक होता है। इस डिसऑर्डर का कोई तोड़ नहीं है, क्योंकि इसमें आपकी बॉडी आप पर हावी होती है। इस बीमारी में सिर्फ मेडिटेशन और एक अच्छी नींद ही काम आ सकती है। मैं लकी हूं कि मेरे पास एक अच्छा सपोर्ट सिस्टम है, लेकिन ये बहुत कठिन भी है।

सामंथा रुथ प्रभु से विक्रम भट्ट ने कही ये बात

विक्रम भट्ट ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'ये बहुत ज्यादा कठिन सफर रहा है, जिसने मुझसे मेरा बहुत कुछ लिया है, लेकिन मुझे मजबूत भी बनाया है। मैं सामंथा तक पहुंचना चाहता हूं और उन्हें ये बात कहना चाहता हूं, जब मैं ये कर सकता हूं, तो आप भी कर सकती हैं। मैं इस बात के लिए बहुत ही ज्यादा खुश हूं कि उन्होंने अपनी बीमारी पर खुलकर बात की। अपनी बीमारी को छुपाना उतना ही मुश्किल है, जितना उस दर्द से लड़ना'। अपनी बीमारी के बारे में बात करते हुए विक्रम भट्ट ने ये भी बताया कि जब उन्हें इसका पता चला था तो उन्हें ये भी अंदाजा नहीं था कि क्या हो रहा है। उन्होंने कहा, 'शुरुआती चार साल तो मुझे ये ही नहीं पता चला था कि क्या हो रहा है। मुझे डिप्रेशन होने लगा था, सिर दर्द होता होता है। बहुत बार हम सोचते हैं कि ये अलग बीमारी है और हम इसका अलग ही इलाज करते हैं। मेरे एक फिजियोथेरेपी दोस्त ने मुझे फाइब्रोमायल्गिया जैसी बीमारी को समझने में मदद की'।

हरिवंश राय बच्चन की कविता ने बीमारी का सामना करने की दी हिम्मत

अपनी बीमारी के लक्षणों के बारे में बात करते हुए विक्रम भट्ट ने ये तो बताया ही कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन वह खुद को और अपनी हेल्थ को इस बीमारी के बीच भी कैसे बेहतर रखते हैं। उन्होंने कहा, 'दो कविताएं ऐसी थीं जिन्होंने मुझे फाइब्रोमायल्गिया से जूझने की हिम्मत दी। पहली हरिवंश राय बच्चन की अग्निपथ और दूसरी इनविक्टस ये वो कविताएं हैं जिन्होंने जेल में नेल्सन मंडेला को जेल में एक उम्मीद की किरण दी थी'। विक्रम भट्ट ने ये भी बताया कि उन्होंने अमिताभ बच्चन से भी ये बात शेयर की थी कि उनके पिता की कविता 'अग्निपथ' उनके लिए बड़ी प्रेरणा हैं।

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