Lalita Pawar को एक्टर ने मारा था जोर का थप्पड़, चली गई थी आंख की रोशनी और बर्बाद हो गया था करियर
Lalita Pawar सिनेमा जगत की उन अदाकाराओं में शुमार थीं जो पर्दे पर हर किस्म के किरदार को बखूबी निभाना जानती थीं। बॉलीवुड की लेडी विलेन के तौर पर आज भी उनको जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि टीवी की रामायण में मंथरा बनने वालीं ललिता की एक आंख कैसे खराब हुई थी।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। सिनेमा जगत में अमरीश पुरी और सदाशिव अमरापुर जैसे कई मेल एक्टर्स ऐसे रहे, जिन्होंने नेगेटिव रोल के दम पर अपनी पहचान बनाई। लेकिन इन सबके बीच बॉलीवुड की लेडी विलेन के तौर पर खास मुकाम हासिल करने वालीं ललिता पवार (Lalita Pawar) को भला कौन भूल सकता है। पर्दे पर खडूस सास सहित कई नेगेटिव किरदारों में जान फूंकने वालीं ललिता ने एक हादसे में अपनी आंख की रोशन गवां दी थी।
सेट पर एक एक्टर ने उनको ऐसा जोरदार थप्पड़ मारा था, जिसकी वजह से उनको लवका मार गया और उनका करियर पूरी तरह से बर्बाद हो गया था।
कैसे खराब हुई ललिता पवार की बाईं आंख
एक वक्त हुआ करता था जब ललिता पवार फिल्मों में लीड एक्ट्रेस के तौर पर नजर आती थीं। लेकिन 1942 में फिल्म जंग-ए-आजादी के सेट पर उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि वह बाद में सिर्फ और सिर्फ नेगेटिव या साइड रोल करती हुईं नजर आईं। यूट्यूब चैनल ब्रॉडकास्टिंग इमेजिंग पर उनका एक पुराना इंटरव्यू मौजूद है, जिसमें उन्होंने उस हादसे का जिक्र किया था।
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फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
मैं भगवान दादा (भगवान आभाजी पलव) के साथ एक फिल्म की शूटिंग कर रही थी। इसमें दो गांव के मुखिया की आपसी रंजिश की कहानी को दिखाया गया था। एक मुखिया दूसरे मुखिया की लड़की को किडनैप करने का प्लान बनाता है ताकि उसका नाम खराब हो सके। मैं उस मुखिया की लड़की का रोल प्ले कर रही थी। सीन में एक तलाब में गांव की लड़कियां और मैं एक साथ नहाते हैं।
फोटो क्रेडिट- फेसबुक
तभी फिल्म का हीरो (भगवान दादा) और कॉमेडियन वहां आते हैं। मैं अपने रोल के आधार पर उनको बोलती हूं कि तो मेरी उनसे बहस होती है और वह हीरो मुझे जोरदार थप्पड़ मारता है। सीन के हिसाब से वो चांटा मुझे सच में बहुत जोर से लगा और मैं बेहोश हो गई। मेरी बाईं आंख की नस फट गई और उससे दिखाई देना बंद गया था। बाद मैं पैरालाइस हो गईं।
थप्पड़ से बर्बाद हुआ करियर
ललिता ने आगे बताया था- इस घटना के बाद से मेरी हालत खराब हो गई और 3 साल तक मैं फिल्म लाइन से दूर रही। मुझे इस दौरान नोटिस मिला की भगवान दादा की फिल्म से मुझे निकाल दिया गया। इस तरह से मेरे ज्यादातर कॉन्ट्रेक्ट हाथ से चले गए और मेरा करियर बर्बाद होने के कगार पर आ गया था। हालांकि, इसके बाद भी मैंने हार नहीं मानी और साइड रोल के जरिए अपने एक्टिंग के सफर को जारी रखा।
बता दें कि ललिता पवार ने अपने करियर में हिंदी सहित अन्य भाषाओं को मिलाकर 700 से अधिक मूवीज में काम किया था। लेकिन रामानंद सागर की रामायण में मंथरा की भूमिका से उनको काफी अधिक लोप्रियता मिली थी। सिनेमा की इस दिग्गज फनकार ने 1998 में कैंसर के चलते इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।
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