'ये कहां से हीरोइन लगती है ,' जब डायरेक्टर ने Asha Parekh को किया था जलील, जुबली गर्ल बन रचा इतिहास
वेटरन एक्ट्रेस आशा पारेख (Asha Parekh) का कद हिंदी सिनेमा में काफी बड़ा है। लेकिन क्या आपको इस बात की जानकारी है कि एक डायरेक्टर ने आशा को फिल्म से ये कहकर बाहर का रास्ता दिखा दिया था कि वह हीरोइन मैटेरियल नहीं लगती हैं। आइए इस लेख में जानते हैं कि पूरा मामला क्या था।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Asha Parekh हिंदी सिनेमा के वह नाम हैं, जिन्होंने अपने दौर में एक से बढ़कर एक फिल्मों के जरिए दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। एक समय पर बॉलीवुड की लेडी सुपरस्टार के तौर पर सिनेमा पर राज करने वालीं आशा को एक डायरेक्टर ने बहुत जलील किया था और ये कहते हुए उन्हें से फिल्म से बाहर कर दिया था कि वह स्टार मैटेरियल यानी कहीं से भी हीरोइन जैसी नहीं लगती हैं।
उस डायरेक्टर बाद में आशा पारेख ने अपनी कायमाबी से ऐसा जवाब दिया, जिसको वह ताउम्र नहीं भूल सकता। आइए इस मामले को थोड़ा और विस्तार से जानते हैं।
आशा पारेख को किया गया था जलील
दरअसल आईएमडीबी की रिपोर्ट 16 साल की उम्र में बतौर लीड एक्ट्रेस आशा पारेख फिल्म गूंज उठी शहनाई (1959) से कदम रखने वाली थीं। इस मूवी का निर्देशन विजय भट्ट ने किया। विजय ने आशा को ये कहते हुए फिल्म से आउट कर दिया कि वह किसी भी एंगल से स्टार नहीं दिखती हैं और इस तरह से अभिनेत्री का डेब्यू टल गया। लेकिन आशा पारेख की किस्मत में कुछ और ही लिखा था।
फोटो क्रेडिट- फेसबुक
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इस वाक्ये के 8 दिन बाद आशा पारेख को फेमस फिल्ममेकर नासिर हुसैन की फिल्म दिल देकर देखो लगी, जिसमें वह शम्मी कपूर के साथ नजर आईं। इस मूवी के जरिए आशा ने बतौर लीड एक्ट्रेस बॉलीवुड में कदम रखा। आलम ये रहा है कि दिल देकर देखो सफल साबित हुई और आशा पारेख रातोंरात स्टार बन गईं।
फोटो क्रेडिट- एक्स
इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 60 से लेकर 70 के दशक में बैक टू बैक सफल फिल्में देकर आशा पारेख को जुबली गर्ल का टैग मिला और वही हिंदी सिनेमा की लेडी सुपरस्टार बन गईं। इस तरह से अपनी सफलता से आशा ने निर्देशक विजय भट्ट को मुंहतोड़ जवाब दिया।
इन फिल्मों की वजह से बनीं सिल्वर जुबली
आशा पारेख की ज्यादातर फिल्में 25 हफ्तों तक सिनेमाघरों में चलीं। जिसकी वजह से इंडस्ट्री के कई फिल्ममेकर्स ने उन्हें जुबली गर्ल बुलाना शुरू कर दिया। गौर किया जाए आशा की कल्ट फिल्मों की तरफ तो उनके नाम इस प्रकार हैं-
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मेरा गांव मेरा देश
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तीसरी मंजिल
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कारवां
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कटी पतंग
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दो बदन
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आया सावन झूमके
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कालिया
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जब प्यार किसी से होता है
इन फिल्मों में आशा पारेख ने धर्मेंद्र, देवानंद, जितेंद्र, शम्मी कपूर, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे कलाकारों के साथ काम किया।
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