दिग्गज कलाकार डॉ. श्रीराम लागू के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई सेलेब्स ने दी श्रद्धांजलि
Dr. Shriram Lagoo ने अपने करियर में कई तरह के किरदार निभाये। 1978 में घरौंदा फ़िल्म के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए फ़िल्मफेयर अवॉर्ड प्रदान किया गया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय सिनेमा और थिएटर के वेटरन एक्टर डॉ. श्रीराम लागू का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। हिंदी और मराठी सिनेमा में डॉ. लागू ने 100 अधिक फ़िल्मों में काम किया। उनके निधन की ख़बर आते ही बॉलीवुड में शोक की लहर छा गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऋषि कपूर समेत कई सेलेब्रिटीज़ ने डॉ. लागू को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
एएनआई ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए बताया कि डॉ. श्रीराम लागू ने पुणे के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। मिड-डे के मुताबिक, उनका निधन उम्र से संबंधित बीमारियों के कारण हुआ। बहुत कम लोग जानते हैं कि डॉ. श्रीराम लागू एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ ENT सर्जन भी थे। उन्होंने अपने करियर में फ़िल्मों के अलावा 20 मराठी नाटकों का निर्देशन भी किया। अस्सी और नब्बे के दशक में डॉ. लागू फ़िल्मों में एक जाना-पहचाना चेहरा बन चुके थे। इस दौरान उन्होंने हिंदी और मराठी सिनेमा की क़रीब साठ फ़िल्मों में अलग-अलग भूमिकाएं अदा कीं। 1990 के बाद पर्दे पर उनकी मौजूदगी कम हो गयी थी, मगर थिएटर में वो सक्रिय रहे।
Veteran actor Shriram Lagoo passed away at a private hospital in Pune at the age of 92 years. pic.twitter.com/ITvUQC390I— ANI (@ANI) December 17, 2019
डॉ. श्रीराम लागू के निधन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम ने लिखा- डॉ. श्रीराम लागू के व्यक्तित्व में विविधता और मेधा झलकती थी। अपनी सालों लम्बी यात्रा में उन्होंने बेहद शानदार परफॉर्मेंस से चमत्कृत किया। उनके काम को आने वाले कई सालों तक याद रखा जाएगा। उनके निधन की ख़बर से क्षुब्ध हू। उनके प्रशंसकों को संवेदनाएं। ओम शांति।
Dr. Shreeram Lagoo personified versatility and brilliance. Through the years, he enthralled audiences with outstanding performances. His work will be remembered for years to come. Anguished by his demise. Condolences to his admirers. Om Shanti.— Narendra Modi (@narendramodi) December 18, 2019
ऋषि कपूर ने डॉ. श्रीराम लागू के निधन पर लिखा- श्रद्धांजलि, सबसे सहज कलाकारों में शामिल डॉ. श्रीराम लागू हमें छोड़कर चले गये। उन्होंने कई फ़िल्में कीं। दुर्भाग्यवश पिछले 25-30 सालों में उनके साथ काम करने का मौका कभी नहीं मिला। वो पुणे में रिटायर्ड जीवन बिता रहे थे। डॉ. साहब आपको बहुत प्यार। वहीं, मधुर भंडारकर समेत कई सेलेब्रिटीज़ ने डॉ. लागू को श्रद्धांजलि दी।
R I P. One of the most natural spontaneous actors, Dr. Shreeram Lagoo sahab leaves us. Did several films way back. Unfortunately never got to work with him in the past 25/30 years. He had a retired life in Pune. Love you Dr. Sahab. pic.twitter.com/H8mESIX1kv— Rishi Kapoor (@chintskap) December 17, 2019
Saddened to hear demise of veteran actor Dr. #ShriramLagoo sir. He was great socialist and versatile actor, his contributions will always be remembered for his memorable roles in theatre & films. #OmShanti 🙏 pic.twitter.com/pqZovSz0lT— Madhur Bhandarkar (@imbhandarkar) December 17, 2019
Sad to know about the demise of a great actor Shriram Lagoo ji at the age of 92. The theatre & film industry will miss him.
ओम् शांति ! pic.twitter.com/dO9skCnZ2K— Ashoke Pandit (@ashokepandit) December 17, 2019
Natasamrat - One of the greatest Indian actors - #DrShriramLagoo Saheb is no more- his work in Marathi/Hindi theatre & cinema will be remembered for generations to come. A huge loss- May his soul rest in peace. Condolences to the family & loved ones. Pinjara, Sinhasan -must watch pic.twitter.com/AF3uh1Zsr3— Riteish Deshmukh (@Riteishd) December 18, 2019
डॉ. लागू को एक्टिंग का शौक़ मेडिकल की पढ़ाई के दौरान ही लग गया था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी। उन्होंने 1971 में आयी आहट- एक अजीब कहानी से हिंदी सिनेमा में बतौर एक्टर पारी शुरू की थी। अपने करियर में उन्होंने कई तरह के किरदार निभाये।
1978 में घरौंदा फ़िल्म के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए फ़िल्मफेयर अवॉर्ड प्रदान किया गया था। 1997 में उन्हें कालीदास सम्मान से नवाज़ा गया था। 2006 में डॉ. लागू को सिनेमा में योगदान के लिए मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान ने सम्मानित किया था। वहीं, 2010 में उन्हें संगीत नाटक एकेडमी फेलोशिप से सम्मानित किया गया था। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. श्रीराम लागू ने लमान शीर्षक से आत्मकथा भी लिखी।