भारत में थिएटर को लेकर नहीं है क्रेज : इला अरुण
जानीमानी गायिका और थिएटर पर्सनैलिटी इला अरुण का कहना है कि भारत में थिएटर को लेकर उतना क्रेज नहीं है जितना दूसरे देशों में है। उन्होंने कहा, 'आमतौर पर भारत में थिएटर को सपोर्ट नहीं किया जाता। इसे लेकर किसी तरह का उत्साह नहीं है। यहां लोग किसी कलाकार के
मुंबई। जानीमानी गायिका और थिएटर पर्सनैलिटी इला अरुण का कहना है कि भारत में थिएटर को लेकर उतना क्रेज नहीं है जितना दूसरे देशों में है। उन्होंने कहा, 'आमतौर पर भारत में थिएटर को सपोर्ट नहीं किया जाता। इसे लेकर किसी तरह का उत्साह नहीं है। यहां लोग किसी कलाकार के द्वारा किए जा रहे लाइव ड्रामा को देखने में बहुत ज्यादा रुचि नहीं दिखाते हैं। मगर दूसरे देशों में स्थिति बिलकुल उलट है।'
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इला अरुण यहां हिन्दी उर्दू साहित्य अवॉर्ड कमेटी के द्वारा आयोजित किए गए 26 वें इंटरनेशनल लिटरेसी फेस्टिवल में शामिल होने आई थीं। इस दौरान उनके प्ले 'नमस्ते' का मंचन भी हुआ।
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इला अरुण ने ही प्ले का डायलॉग और स्क्रिप्ट लिखा है। यह प्ले पुरानी और नई जनरेशन के बीच होते झगड़ों पर आधारित है। प्ले के निर्देशक केके रैना ने कहा, 'यह प्ले यह संदेश देना चाहता है कि दो जनरेशन के बीच संवाद एक सेतु का माध्यम बन सकता है जो कि दिन-ब-दिन खत्म होता जा रहा है।'

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