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एजुकेशन सिस्टम के घोटालों का पर्दाफाश करती हैं ये फिल्में और वेब सीरीज, इन OTT प्लेटफॉर्म्स पर हैं मौजूद

Netflix की वेब सीरीज कोटा फैक्ट्री की रिलीज डेट आ गई है। कोटा फैक्ट्री का सीजन 3 इसी महीने 20 जून को रिलीज होगा। इस सीरीज की कहानी इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए कोटा गए छात्र और उनके इर्द -गिर्द बुनी गई है। इंडियन सिनेमा में कई ऐसी फिल्में और वेब सीरीज हैं जो इस तरह की कहानियां दर्शाती हैं। जानिए इनके बारे में...

By Jagran News Edited By: Surabhi Shukla Tue, 11 Jun 2024 06:55 PM (IST)
एजुकेशन सिस्टम के घोटालों का पर्दाफाश करती हैं ये फिल्में और वेब सीरीज, इन OTT प्लेटफॉर्म्स पर हैं मौजूद
Movie based on education scam and expose them

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। एजुकेशन सिस्टम की अच्छाइयां हम सभी देखते हैं, लेकिन कई बार इसकी बुराइयों और घोटालों के बारे में फिल्मों और वेब सीरीजों के माध्यम से पता चलता है। फिर चाहे वो इंजीनियरिंग की परीक्षा हो, NEET प्रवेश परीक्षा (NEET UG 2024) हो या फिर सरकारी नौकरी में प्रवेश पाने की परीक्षा धांधली और पेपर लीक की खबरें। अक्सर हमारे निर्देशक इन कहानियों से प्रेरणा लेकर इन्हें पर्दे पर उतारने की कोशिश करते हैं।

हिंदी सिनेमा में अब तक घोटालों पर कई फिल्में बनी हैं, जिन्हें लोगों ने खूब प्यार दिया है। इन फिल्मों के जरिए कभी-कभी सिस्टम को चेताने की कोशिश भी की जाती है। 

द व्हिसल ब्लोअर (The Whistleblower)

पैसा, ताकत और जान-पहचान के दम पर बिना काबिलियत वाले लोग कैसे नौकरी और एडमिशन पाते हैं, द व्हिसल ब्लोअर उसी की कहानी है। ये वेब सीरज शिक्षा और नौकरी में सरकारी भर्ती के घोटालों को लेकर बनी है। इस सीरज में दिखाया गया है कि कैसे विद्यार्थी धोखाधड़ी और स्कैम का शिकार होते हैं। ये सीरीज देश के सबसे बड़े और बदनाम घोटालों में शामिल व्यापमं से प्रेरित बताई जाती है। सीरीज सोनीलिव पर मौजूद है।

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पटना शुक्ला

रवीना टंडन अभिनीत इस फिल्म में बिहार की एक काल्पनिक यूनिवर्सिटी में हो रहे मार्कशीट घोटाले की कहानी दिखाई गई थी। प्रभावशाली लोग किस तरह अपने बच्चों की मार्कशीट मेधावी गरीब बच्चों की मार्कशीट से बदलाकर उन्हें फेल और अपने बच्चों को पास करवाते हैं, इस फिल्म में दिखाया गया था। रवीना ने फिल्म में वकील का किरदार निभाया था, जो ऐसा ही एक केस लड़ती है। यह फिल्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर देखी जा सकती है।

व्हाय चीट इंडिया (Why Cheat India)

ये फिल्म देश की शिक्षा व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार की कहानी है, जो साल 2019 में रिलीज हुई थी। इसका निर्देशन सौमिक सेन ने किया था। इसकी कहानी काफी दिलचस्प है। फिल्म में इमरान हाशमी राकेश सिंह उर्फ रॉकी का किरदार निभाते हैं।

रॉकी वो माफिया है, जो गरीब और इंजीनियरिंग छात्रों को फंसाता है। इसका काम है अमीर छात्रों से पैसे लेकर उनकी जगह गरीब छात्रों से उनके नाम पर पेपर दिलवाना। ये फिल्म टाइटल को लेकर काफी विवादों में भी रही थी। यह फिल्म जी5 पर देखी जा सकती है।

क्रैश कोर्स (Crash Course)

अन्नु कपूर की क्रैश कोर्स दोस्ती, प्यार, साथियों के दबाव और कॉम्पटिशन की कहानी है। इसमें यह भी दिखाया गया है कि कैसे कोचिंग संस्थाने छात्रों के जीवन में आतंक मचाने की भी जिम्मेदार होती हैं।

इसमें कुल मिलाकर स्टूडेंट्स की लाइफ और उनमें आनेवाली मुश्किलों को दिखाया गया है। ये सीरीज दिखाती है कि संघर्ष के बीच छात्र ज्यादा कॉम्पटिशन के माहौल में परिवार और साथियों के दबाव से कैसे जूझते हैं। यह प्राइम वीडियो पर देखी जा सकती है।

शिक्षा मंडल (Shiksha Mandal)

साल 2022 में रिलीज हुई वेब सीरीज शिक्षा मंडल के जरिए देश में शिक्षा विभाग में हो रहे लगातार घोटालों का पर्दाफाश करने की कोशिश की गई। ये फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित थी, जो देश के शिक्षा माफियों की अंदरूनी सच्चाई का खुलासा करती है। साथ ही सीरीज में दिखाया गया है कि कैसे घोटालों में फंसे मासूम छात्रों को रहस्मय ढंग से गायब कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है। यह एमएक्स प्लेयर पर मौजूद है।

सेटर्स (Setters)

सेटर्स की कहानी अश्विनी चौधरी ने निर्माता के साथ मिलकर लिखी है। ये फिल्म रेलवे में नकल करवाने वाले गैंग का खुलासा करती है। फिल्म में दिखाया गया कि कैसे रेलवे, बैंकिंग आदि के एग्जाम पेपर्स को हाईटेक तरीके से लीक किया जाता है। फिल्म में श्रेयस तलपड़े, आफताब शिवदासनी, इशिता दत्ता और सोनाली सहगल जैसे कलाकार नजर आए थे। यह फिल्म जी5 पर देख सकते हैं।

चल चलें (Chal Chalein)

चल चले फिल्म भारतीय शिक्षा प्रणाली को खुले तौर पर चुनौती देती है। इस फिल्म की कहानी में छात्रा पर अकादमिक दबाव और उससे उनके अंदर पैदा होने वाली मनोवैज्ञानिक समस्याओं की कहानी है। चल चलें एक ऐसे छात्र की कहानी है जो स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने के दवाब को झेल रहा है।

अपनी उम्मीदों की वजह से माता-पिता और सामाज उसके ऊपर आए दिन दबाव बनाते हैं जिसकी वजह से वो आत्महत्या कर लेता है। एक वकील की मदद से उसके दोस्त उसके माता-पिता, स्कूल सिस्टम और सरकार पर मुकदमा चलाने का फैसला करते हैं।

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