The Hunt For Veerappan Teaser: कुख्यात तस्कर वीरप्पन पर डॉक्यु-सीरीज ला रहा नेटफ्लिक्स, जारी किया टीजर
The Hunt For Veerappan Teaser नेटफ्लिक्स ने पिछले कुछ अर्से में एक के बाद एक क्राइम डॉक्यु सीरीज रिलीज की हैं। इसी क्रम में अब कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन पर एक डॉक्यु सीरीज ला रहा है जिसका टीजर गुरुवार को रिलीज कर दिया गया। टीजर का शीर्षक द हंट फॉर वीरप्पन है जिसमें उसके पकड़े जाने की कोशिशों के साथ सियासी और प्रशासनिक बयानों को दिखाया गया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। चंदन और हाथी दांत का तस्कर वीरप्पन भारतीय अपराध जगत में एक किंवदंती की तरह था। वीरप्पन के दुस्साहसिक अपराधों की फेहरिस्त इतनी लम्बी और खतरनाक थी कि सालों तक सियासत और प्रशासन उसको लेकर परेशान रहे।
वीरप्पन को पकड़ना सरकारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गयी थी, मगर तमाम आरोप होते हुए भी वीरप्पन का एक और चेहरा था- रॉबिनहुड वाला, जो उसे पुलिस की गिरफ्त में आने से बचाता रहा। वीरप्पन पर नेटफ्लिक्स एक डॉक्यु-सीरीज ला रहा है, जिसे नाम दिया गया है- द हंट फॉर वीरप्पन।
कैसे तस्कर बना अपने लोगों का रॉबिनहुड?
सीरीज का टीजर गुरुवार को रिलीज कर दिया गया। अथॉरिटीज के माध्यम से डॉक्यु सीरीज में वीरप्पन को पकड़ने और पुलिस की गिरफ्त से बार-बार फिसलने के किस्सों को दिखाया गया है। पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी को मीडिया से बात करते हुए दिखाया गया है कि कैसे यह मुद्दा सरकार के लिए भी एक राष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया था।
इस बीच ट्रेलर में विभिन्न वॉइसओवर हमें बताते हैं कि वीरप्पन एक ऐसा व्यक्ति था, जिसने समाज के एक वर्ग के लोगों को इकट्ठा कर 'रॉबिनहुड ऑफ इंडिया' का लेबल भी हासिल कर लिया था।
डरावने चैप्टर की याद दिलाती डॉक्यु सीरीज
डॉक्यु सीरीज के टीजर में दिखाया है कि कैसे यह तस्कर देश के सबसे खूंखार अपराधियों में से एक बन गया। दक्षिण भारत के घने जंगलों से काम किया और कई वर्षों तक दो राज्यों पर कब्जा बनाए रखा। डॉक्यु सीरीज वीरप्पन के जीवन की कई अनसुनी बातों पर प्रकाश डालती है।
उसके अपने करीबी व्यक्तियों से संबंध को भी काफी बारीकी से ट्रेलर में दिखाया गया है। जो पुलिस वाले उसे पकड़ने का प्रयास करते हैं, उनकी कहानी को भी सामने रखा है। टीजर में यह भी दिखाया है कि जो अधिकारी वीरप्पन को पकड़ने के लिए लगाए जाते हैं, उनको किस प्रकार से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, राजनीतिक और सामाजिक लोग इस पहलू को कैसे देखते हैं।
यह डॉक्यु सीरीज वीरप्पन की कहानी के साथ उसके डर और दहशत को भी उजागर करती है। टीजर में यह भी सुनने को मिलता है, कैसे उसने और उसके गिरोह ने 119 से अधिक लोगों को मार डाला था।
2004 में एनकाउंटर में वीरप्पन को मार गिराया
वीरप्पन को मारने के लिए पूरी प्लानिंग के साथ काम शुरू हुआ। स्पेशल टास्क फोर्स ने अपनी एम्बुलेंस वीरप्पन के लिए भेजी। इस एम्बुलेंस को पुलिस का ही आदमी चला रहा था। जंगल से बाहर थोड़ी दूरी पर बड़ी फौज तैनात थी। ड्राइवर मौका देखकर एम्बुलेंस को वहीं छोड़कर फरार हो गया।
इसके तुरंत बाद पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी। आखिरकार दो दशक बाद इस एनकाउंटर में सबसे खूंखार अपराधी और उसके कई साथी मारे गए थे। टीजर में वीरप्पन के रियल फुटेज का इस्तेमाल किया गया है।
द हंट फॉर वीरप्पन नेटफ्लिक्स पर 4 अगस्त को अंग्रेजी के अलावा हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ भाषाओं में स्ट्रीम की जाएगी।
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