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    Lata Mangeshkar: लता मंगेशकर का मशहूर गाना 'ऐ मेरे वतन के लोगों', जिसे सुन प्रधानमंत्री नेहरू की भर आईं थी आंखें

    By Vaishali ChandraEdited By:
    Updated: Sun, 06 Feb 2022 11:53 AM (IST)

    भारत के सर्वश्रेष्ठ देशभक्ति गीतों में शुमार किए जाने वाले ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ को पहली बार 27 जनवरी 1963 में गाया गया था। इस गीत को लिखा था कवि प्रदीप ने संगीत दिया सी रामचंद्र ने और स्वर लता मंगेशकर के थें।

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    Lata Mangeshkar socia media post, Instagram image

    नई दिल्ली, जेएनएन। भारत के सर्वश्रेष्ठ देशभक्ति गीतों में शुमार किए जाने वाले ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ स्वर कोकिला लता मंगेशकर का गाया एक ऐसा गीत है जो आज भी भारत-चीन युद्ध के दौरान मारे गए सैनिकों के बलिदान की यादें ताजा कर देता है। यूं तो आजादी के पहले और बाद में कई देशभक्ति गीत बने। जो लोगो को खूब पसंद भी आए लेकिन कहीं कुछ कमी रह गई थी जिसने इस कालजयी गाने को जन्म दिया।

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    रामचंद्र के संगीत निर्देशन व कवि प्रदीप के लिखे इस गाने सबसे पहले लता मंगेशकर ने 27 जनवरी 1963 में गाया था। गाने की प्रस्तुती लता ने दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के सामने दिया था। गानें को सुन प्रधानमंत्री इतने प्रभावित हुए कि उनकी आंखों में आंसू आ गए।

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    बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक गाने के बाद लता स्टेज के पीछे कॉफी पी रही थीं तभी निर्देशक महबूब खां ने लता से आ कर कहा कि तुम्हें पंडितजी बुला रहे हैं और वह लता को नेहरू के सामने लेकर गए और नेहरु जी से कहा "ये रही हमारी लता। आपको कैसा लगा इसका गाना?"

    नेहरू ने जवाब में कहा, "बहुत अच्छा। इस लड़की ने मेरी आंखों में पानी ला दिया." और उन्होंने लता को गले लगा लिया। जिसके बाद गाने के मास्टर टेप को विविध भारती के स्टेशन पहुंचाया गया और रिकॉर्ड समय में एचएमवी उसका रिकार्ड बनवाकर बाजार में लाया गया और कुछ ही समय में यह गाना एक तरह का नेशनल सॉन्ग बन गया।

    गाना बनने की रोचक कहानी

    आजादी के महज 15 सालों के बाद ही भारत के पड़ोसी देश चीन ने 20 अक्टूबर 1962 को भारत पर हमला कर दिया। भारत इस हमले के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था। भारतीय सेना को चीन के सामने बुरी हार का सामना करना पड़ा। 21 नवंबर 1962 को चीन ने खुद युद्ध की समाप्त की घोषणा तो कर दी लेकिन भारत इस हार से उबर नही पा रहा था। जिसके बाद देश के प्रमुख नेताओं ने देश के टूटे हुए मनोबल को दूर करने के लिए फिल्मी दुनिया के लोगों को इसका उपाय करने को कहा।

    जिसके बाद कवि प्रदीप ने गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ को लिखा और लता की मधुर आवाज में इसे कंपोज करवाया। आपको बता दें कि बीते 27 जनवरी को इस गीत ने भारत के इतिहास में अपने 58 साल पूरे किए है।