SwatantryaVeer Savarkar Teaser: वीर सावरकर जयंती पर रणदीप हुड्डा ने किया टीजर लांच, गांधी जी का भी उल्लेख
SwatantryaVeer Savarkar Teaser रणदीप हुड्डा ने टीजर जारी करते हुए कहा हैवीर सावरकर ने बहुत शानदार जीवन जिया है। मैंने इस फिल्म के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है। उनके 140वें जन्म जयंती पर मुझे यह टीजर जारी करते हुए काफी गर्व हो रहा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। SwatantryaVeer Savarkar Teaser: रणदीप हुड्डा ने वीर सावरकर की जन्म जयंती पर स्वातंत्र्यवीर सावरकर फिल्म का टीजर जारी किया है। इसके साथ उन्होंने लिखा है, "भारत के सबसे प्रभावशाली क्रांतिकारी, जिससे ब्रिटिश सत्ता डरती थी। जानिए किस ने उनके इतिहास को मार दिया।" फिल्म में रणदीप हुड्डा वीर सावरकर की भूमिका में नजर आएंगे।
स्वातंत्र्यवीर सावरकर फिल्म कब रिलीज होगी?
स्वातंत्र्यवीर सावरकर फिल्म 2023 में सिनेमाघरों में रिलीज होगी। उन्होंने आगे लिखा है, "सावरकर का टीजर जारी कर दिया गया है।" इसके अलावा उन्होंने इसे कई लोगों को टैग भी किया है। इस पर राजेश खट्टर ने लिखा है, "मुझसे इंतजार नहीं हो रहा है।" मीरा चोपड़ा ने लिखा है, "यह मुझे पसंद आया।"
वीर सावरकर की भूमिका किसने निभाई है?
टीजर में रणदीप हुड्डा को बतौर वीर सावरकर देखा जा सकता है। वह ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किए जा रहे हैं। टीजर में यह बात भी बताई गई है कि महात्मा गांधी बुरे नहीं थे लेकिन अगर वह अहिंसावादी सोच नहीं रखते तो भारत को स्वतंत्रता 35 वर्ष पहले मिल जाती। गौरतलब है कि भारत में दो विचारधाराओं की लड़ाई हमेशा से रही है। इसमें वीर सावरकर और महात्मा गांधी शामिल है। जहां वीर सावरकर स्वतंत्रता के लिए सभी हथकंडे अपनाने के पक्षधर थे। वहीं महात्मा गांधी इसे अहिंसा से पाना चाहते थे। इन दोनों के बीच विरोध का सबसे प्रमुख कारण भी यही था।
वीर सावरकर की आइडियोलॉजी से कौन प्रभावित था?
टीजर में यह भी बताया गया है कि वीर सावरकर की आइडियोलॉजी से भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, खुदीराम जैसे कई क्रांतिकारी प्रभावित थे। रणदीप हुड्डा ने वीर सावरकर की भूमिका के लिए कड़ी मेहनत की है। टीजर वीडियो वायरल हो गया है। इसपर कई लोगों ने दिल और आग की इमोजी शेयर की है।
विनायक दामोदर सावरकर को कितने वर्षों की सजा हुई थी?
गौरतलब है कि विनायक दामोदर सावरकर को ब्रिटिश सरकार में 50 वर्ष की काले पानी की सजा दी थी। इसमें उन्हें अंडमान निकोबार में स्थित सेल्यूलर जेल में रहकर तेल की घानी चलाकर प्रतिदिन तेल निकालना पड़ता था। इतने विरोध के बावजूद वीर सावरकर ने राष्ट्रप्रेम नहीं छोड़ा और वह अंत समय तक भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते रहे।