Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    18 साल की Sushmita Sen पर पेरेंट्स ने इस शब्द के इस्तेमाल पर लगा दी थी रोक, एक आर्टिकल ने कर दिया था नाक में दम

    Updated: Mon, 22 Jul 2024 09:52 AM (IST)

    सुष्मिता सेन ने हमेशा अपनी आजादी और अपने विचारों को व्यक्त करने की स्वतंत्रता का समर्थन किया है। उन्होंने अपनी जिंदगी में कई बार समाज के बनाए मानकों को चुनौती दी है। हालांकि कई बार उन्हें इसके लिए विरोध भी सहना भी पड़ा। सुष्मिता सेन ने ऐसा ही एक किस्सा शेयर किया है जब उनके पेरेंट्स ही उन पर रोक लगाने लग गए थे।

    Hero Image
    मिस यूनिवर्स और एक्ट्रेस सुष्मिता सेन, (X Image)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। मशहूर अभिनेत्री और पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण और अजीब अनुभव को साझा किया। सुष्मिता ने बताया कि जब वह 18 साल की थीं, तब उनके माता-पिता ने उन्हें फिजिकली इंटीमेटेड शब्द का इस्तेमाल न करने की सलाह दी थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस सलाह के पीछे एक खास कारण था। सुष्मिता के माता-पिता पर शोभा डे के लिखे गए एक आर्टिकल का गहरा असर पड़ा था, जिनका बंगालियों के बीच काफी मान- सम्मान था।

    एक आर्टिकल से परेशान हो गए थे पेरेंट्स

    सुष्मिता सेन हाल ही में एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती के पॉडकास्ट में शामिल हुई। जहां उन्होंने अपने इस अनुभव के बारे में बताया। सुष्मिता सेन ने कहा, "उस वक्त सोसायटी आज की तरह ज्यादा खुला हुई नहीं था। ये 'हॉ' जैसा था। सब कुछ इस हद तक 'हॉ' था कि मेरी मां और बाबा को मुझे बैठाकर कहना पड़ा, 'तुम्हारे कंधों पर बहुत कुछ है और तुम जो कह रही हो उस पर थोड़ा लगाम लगाओ। 18 साल की उम्र में इंटरव्यू में 'फिजिकली इंटीमेटेड' शब्द का इस्तेमाल क्यों कर रही हो? शोभा डे तुम्हारे बारे में बहुत बुरा लिख रही हैं।' मुझे याद है कि उनका नाम खास तौर पर लिया गया था। बंगालियों को अक्लमंद माना जाता है। उनका लिखा इंटेलेक्चुअल आर्टिकल परेशान करने और गॉसिप को बढ़ावा देने वाला था।"

    यह भी पढ़ें- 'मेरी जिंदगी में कोई नहीं', Sushmita Sen ने डेटिंग की खबरों पर तोड़ी चुप्पी, रोहमन संग पैच-अप का बताया सच

    मिस यूनिवर्स नहीं, बनना था आजाद इंसान

    एक्ट्रेस ने आगे बताया कि उन्होंने बाद में शोभा डे से इस बारे में बात की क्योंकि वो सामाजिक मानदंडों को तोड़ना चाहती थीं। सुष्मिता ने कहा, "मैंने जानबूझकर ये शब्द इसलिए उठाया क्योंकि मैं जो बनना चाहती थी वो 'मिस यूनिवर्स' या 'सबसे खूबसूरत इंसान' नहीं था। मैं एक आजाद इंसान बनना चाहती थी, कोई ऐसा जो वाकई आजाद हो। इस कोशिश में मैं भारत की पहली मिस यूनिवर्स बनी थी। यही वो आजादी थी जिसने मुझे ये सब करने दिया। अब जब मैंने ये खिताब जीत लिया था, तो हर कोई उस आजादी पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि बहुत- सी चीजों के लिए बहुत सारी जिम्मेदारी आप पर होती है।"

    यह भी पढ़ें- 'शादी की क्या जरूरत है?' बड़ी बेटी Renee नहीं चाहतीं दुल्हन बने Sushmita Sen, मैरिज के सवाल पर रह गई थीं दंग