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    Sunil Dutt Death Anniversary: डाकुओं के किरदार निभाकर लोकप्रिय हुए सुनील दत्त, ऐसे बने बॉलीवुड के 'शरीफ डकैत'

    By Karishma LalwaniEdited By: Karishma Lalwani
    Updated: Thu, 25 May 2023 09:41 AM (IST)

    Sunil Dutt Death Anniversary 50 के दशक में रौबदार अंदाज और हट्टेकट्टे कद काठी वाले अभिनेता सुनील दत्त ने डेब्यू किया था। उनकी एंट्री तो साधारण हीरो के तौर पर हुई थी लेकिन कई दर्जन फिल्मों में उन्होंने डाकू का दमदार रोल किया।

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    File Photo of Late Actor Sunil Dutt

    नई दिल्ली, जेएनएन। सुनील दत्त हिंदी सिनेमा के उन कलाकारों में शामिल हैं, जो इंडस्ट्री में अपनी नफासत और शराफत के लिए जाने जाते थे। अपने करियर में उन्होंने विशुद्ध मसाला फिल्मों के साथ सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्में कीं। इनमें कई फिल्में आज भी यादगार हैं।

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    सुनील दत्त ऐसे कलाकारों में भी गिने जाते हैं, जिन्होंने पर्दे पर डकैत के किरदार निभाये। 25 मई को उनकी पुण्यतिथि पर एक नजर उनकी ऐसी फिल्मों पर।

    कैसे हुई मनोरंजन इंडस्ट्री में शुरुआत?

    सुनील का जन्म 6 जून, 1929 को ब्रिटिश भारत में पंजाब राज्य के झेलम जिला स्थित खुर्दी नामक गांव में हुआ था। यह गांव अब पाकिस्तान मे है। बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत आ गया। कॉलेज के दिनों में सुनील दत्त ने थिएटर में दिलचस्पी दिखाई।

    वजनदार आवाज और ऊर्दू में अच्छी पकड़ होने के चलते उन्हें खूब तारीफें मिलती थीं। उन्हें फिल्म लाइन में आने का शौक तो था, मगर लाइन में कोई कनेक्शन न होने के चलते यहां एंट्री लेना उनके लिए आसान नहीं था। फिर आर्थिक रूप से भी वह इतने मजबूत भी नहीं थे। लिहाजा, सुनील दत्त ने रेडियो सिलोन में काम कर अपनी आजीविका संभाली।

    कितनी फिल्मों में निभाया डकैत का रोल?

    कहा जाता है कि एक बार सुनील दत्त, दिलीप कुमार का इंटरव्यू लेने पहुंचे थे। तभी डायरेक्टर समेश सहगल की नजर उनपर पड़ी और उन्होंने सुनील को स्क्रीन टेस्ट देने को कहा। इस तरह सुनील की फिल्म लाइन में एंट्री हुई।

    • सुनील दत्त का कद फिल्म इंडस्ट्री में काफी बड़ा है। उन्होंने दो दर्जन से अधिक फिल्मों में डकैत की भूमिका निभाई थी।
    • इस रोल को वह इतनी चुनौती और खूबसूरती के साथ पर्दे पर उतारते थे, कि फिल्म इंडस्ट्री के वह चहेते डाकू बन गए थे।
    • डकैत की भूमिका में सुनील दत्त काफी रौबदार और प्रभावी दिखाई देते थे। लंबा कद और पहलवानी शरीर वाले सुनील दत्त ने करीब 20 फिल्मों में इस तरह का रोल रिपीट किया था।

    मदर इंडिया में क्या था सुनील दत्त का किरदार?

    1955 में उनकी पहली फिल्म आई जिसका नाम था 'रेलवे प्लेटफार्म'। लेकिन 1957 में आई सुपरहिट फिल्म मदर इंडिया ने उनके फिल्मी जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया। इस मूवी में उन्होंने बिरजू नाम के डकैत का रोल किया था, जो अन्याय से परेशान होकर हाथ में बंदूक थाम लेता है।

    इस किरदार को उन्होंने रुपहले पर्दे पर की खूबसूरती से उतारा कि इसके बाद आने वाली फिल्मों में भी उन्हें यही रोल ऑफर किए गए।

    सुनील दत्त ने और भी कई फिल्मों में डकैत की भूमिका निभाई, लेकिन वह कभी इस तरह के रोल के लिए टाइपकास्ट नहीं हुए।

    • 'रेश्मा और शेरा', 'मुझे जीने दो', 'जानी दुश्मन', 'बदले की आग' जैसी फिल्मों में उन्होंने बीहड़ के डकैत को हुबहू पर्दे पर उतारा। सुनील दत्त ने इस किरदार को यूं ही बड़ी खूबसूरती से रुपहले पर्दे पर नहीं उतारा। अपने रोल में फिट बैठने के लिए वह डाकुओं के एरिया चंबल में तक चले गए थे।

    जब असली डाकुओं के बीच फंसे थे सुनील दत्त

    1964 में सुनील दत्त की फिल्म मुझे जीने दो रिलीज हुई थी। डकैतों के वास्तविक जीवन पर आधारित इस मूवी में सुनील दत्त और वहीदा रहमान ने चंबल में शूटिंग की थी। फिल्म में सुनील, डाकू जनरैल सिंह के रोल में थे। यह पिक्चर ऐसे माहौल में वहां पूरी की गई थी, जब डाकुओं से मारे जाने का खतरा कभी भी बना रहता था।

    दरअसल, जिस जगह फिल्म का सेट था, वहां से एक दिन 7-8 डाकू हथियार लिए गुजर रहे थे। तब सुनील दत्त ने बीएसएफ जवानों की मदद से वहीदा रहमान और टीम के बाकी मेंबर्स की जान बचाई थी। सभी को टेंट में साथ रहने और ऊंची आवाज में बात न करने की हिदायत दी गई थी, जिससे कि तेज आवाज बाहर न जाए।

    क्या है सुनील दत्त का असली नाम?

    डाकू बनकर लोगों का दिल जीतने वाले सुनील दत्त का असली नाम ये नहीं था। उनका रियल नेम बलराज दत्त था। जिस दौर में उन्होंने डेब्यू किया, उस जमाने में बलराज साहनी बहुत बड़े एक्टर हुआ करते थे। फिल्म इंडस्ट्री में उनकी तूती बोलती थी। इसलिए नाम को लेकर कोई कन्फ्यूजन न हो, उन्होंने खुद को बलराज दत्त से सुनील दत्त बना दिया।