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    40 साल पहले Amitabh Bachchan और रेखा की इस सुपरहिट भोजपुरी फिल्म से निकल पड़ी थी सुजीत कुमार की लॉटरी

    Sujit Kumar 60 से लेकर 90 दशक तक सिनेमा में अपने किरदारों से छाप छोड़ते रहे। कभी कैरेक्टर आर्टिस्ट के रूप में फिल्मों की जान बने तो कभी मूवीज का निर्माण कर छोटे-मोटे कलाकारों को आगे बढ़ाया। सिनेमा में उनका एक लम्बा करियर रहा लेकिन उस तरह की कामयाबी नहीं मिली जिसकी उन्हें तमन्ना थी। आखिर में उन्हें अमिताभ और रेखा की फिल्म से कामयाबी मिली थी।

    By Rinki Tiwari Edited By: Rinki Tiwari Updated: Sat, 23 Mar 2024 05:04 PM (IST)
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    अमिताभ और रेखा की इस फिल्म ने सुजीत कुमार की चमकाई किस्मत।

     एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। लम्बा चौड़ा कद, खूबसूरत नैन-नक्श और पर्दे पर अभिनय का शानदार प्रदर्शन... कुछ ऐसे थे 50 के दशक में आए सुजीत कुमार (Sujit Kumar)। अभिनय में उनका कोई तोड़ नहीं था। विलेन बनकर हीरो की नाक में दम किया, कभी चुटकलों से दर्शकों को हंसाया तो कभी हीरोगिरी दिखाई। मगर फिर भी कुछ खास पॉपुलैरिटी नहीं मिली। हालांकि, पर्दे के पीछे उन्होंने सिनेमा पर एक अमिट छाप छोड़ दी।

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    अमीर घराने के थे सुजीत कुमार

    26 जून 1934 को वाराणसी में जन्मे सुजीत कुमार का असली नाम शमशेर सिंह था। वह एक अमीर घराने से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता ठाकुर अथर सिंह शहर के जाने-माने जमींदार थे। उनकी मां राम प्यारी एक हाउस वाइफ थीं। वह पढ़ाई में अव्वल होने के साथ एक्टिंग के भी शौकीन थे। बनारस यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुजीत अभिनेता बनने मुंबई आ गए थे।

    छोटे-मोटे रोल कर बनाई सिनेमा में जगह 

    सुजीत कुमार फिल्मों में आए, तब उनकी मुलाकात उस दौर के जाने-माने निर्देशक फणी मजूमदार से हुई। उन्होंने सुजीत से वादा किया कि वह उन्हें उनकी अगली फिल्म में जरूर साइन करेंगे, लेकिन ऐसा हो न सका। काफी स्ट्रगल करने के बाद उन्होंने हार मानने की बजाय छोटे-मोटे रोल करके सिनेमा में जगह बनाने का फैसला किया। 

    Sujit Kumar

    राजेश खन्ना से यारी सुजीत के लिए बनी यादगार

    साल 1954 में देव आनंद स्टारर फिल्म टैक्सी ड्राइवर में उन्हें साइड रोल मिला। फिर वह लाल बंगला, जाल, आंखे, इत्तेफाक और आराधना जैसी फिल्मों में कैरेक्टर एक्टर के रूप में नजर आए। सुजीत कुमार ने विलेन, दोस्त और कॉमडी समेत कई भूमिकाएं निभाई। साल 1969 में आई फिल्म आराधना का गाना 'मेरे सपनों की रानी' में राजेश खन्ना के साथ सुजीत ने लाइमलाइट तो बटोरी, लेकिन वैसी शोहरत नहीं मिली जैसी उन्हें तमन्ना थी।

    Sujit Kumar And Rajesh Khanna

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    सुपरहिट फिल्म से सुजीत कुमार के चमके सितारे 

    हिंदी सिनेमा में सालों तक हाथ-पैर मारने के बावजूद सुजीत कुमार नहीं चमके। वह हीरो के दोस्त बनकर ही रह गए। फिर उन्होंने फिल्म निर्माण में हाथ आजमाने का फैसला किया और फिर इतिहास गवाह है। बतौर प्रोड्यूसर सुजीत कुमार ने साल 1984 में भोजपुरी फिल्म 'पान खाये सइयां हमार' बनाई, जो सुपरहिट साबित हुई। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और रेखा (Amitabh Bachchan and Rekha Superhit Bhojpuri Film) की भी अहम भूमिका थी। 

    Amitabh and Rekha Movie

    सुजीत कुमार ने बनाई हिंदी फिल्में

    भोजपुरी फिल्में बनाने से पहले सुजीत कुमार ने कई भोजपुरी मूवीज में काम भी किया था, जिसमें गंगा मैया तोहे पियारी चढ़इबो, बिदेसिया, दंगल और भैय्या दूज शामिल है। यही नहीं, पान खाये सइयां हमार में खुद सुजीत ने भी अहम भूमिका निभाई थी। भोजपुरी के अलावा सुजीत ने कई बड़ी हिंदी फिल्मों का निर्माण भी किया है, जिसमें आसमान से ऊंचा, चैम्पियन, दरार और खेल शामिल हैं। 

    सुजीत कुमार की पर्सनल लाइफ

    साल 1967 में सुजीत कुमार ने किरण नाम की महिला से शादी कर ली थी। उनके दो बच्चे हैं- जतिन और हिना। साल 2007 में किडनी से जुड़ी समस्या के चलते किरण का निधन हो गया था और ये दुख अभिनेता बर्दाश्त नहीं कर पाए। पत्नी के निधन के तीन साल बाद कैंसर के चलते सुजीत कुमार का भी निधन हो गया था। 

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