Karma Song: 37 साल बाद संस्कृत में गूंजेगा 'ऐ वतन तेरे लिए', जानें क्यों पड़ा था फिल्म का नाम 'कर्मा'
Karma Song देशभक्ति पर बनी फिल्म कर्मा आज से तीन दशक पहले रिलीज हुई थी। इस मूवी के साथ ही इसके गानों ने भी लोगों में देश प्रेम का समां बांध दिया था। फिल्म का गाना है ऐ वतन जिसे आज भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुना जाता है। अब देश की आजादी की 76वीं वर्षगांठ पर इस गाने का संस्कृत वर्जन रिलीज किया जाएगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज निर्माता निर्देशक सुभाष घई ने कई बेहतरीन और हिट फिल्में बनाई हैं। आज से 37 साल पहले उनके डायरेक्शन में बनी फिल्म 'कर्मा' रिलीज हुई थी। मूवी में भक्ति से भरा गाना 'ऐ वतन तेरे लिए' है। गाने में देश के लिए अमर प्रेम और भक्तिभाव की भावना कूट-कूट कर नजर आती है।
इस मंत्रमुग्ध कर देने वाले गीत को नए कलेवर में पेश किया जाएगा। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर खास 'कर्मा' फिल्म यह गाना संस्कृत भाषा में रिलीज किया जाएगा।
संस्कृत में सुन सकेंगे गाने के बोल
बुधवार को सुभाष घई ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी शेयर की। उन्होंने बताया कि 'कर्मा' फिल्म का यह ऑइकॉनिक सॉन्ग संस्कृत में रिलीज किया जाएगा। उनके ट्विट के मुताबिक, गाने को 9 अगस्त की शाम को महाराष्ट्र कल्चरल मिनिस्टर सुधीर मुनगंटीवार रिलीज करेंगे। स्वतंत्रता दिवस की 76वीं वर्षगांठ को मनाने के लिए 'ऐ वतन तेरे लिए' गाने को संस्कृत में सारेगामा चैनल पर शाम 7 बजे रिलीज किया जाएगा।
My tribute to our motion picture #KARMA in 1986 with its iconic song in SANSKRIT to be launched today by hon ble cultural Minister maharashtra Sh sudhir Mungantiwar n released by #SAREGAMA at 7 pm today to celebrate 76 year of indian independence. 🇮🇳 am sure u will enjoy it 👍 pic.twitter.com/h12VjdU9KG— Subhash Ghai (@SubhashGhai1) August 9, 2023
फिल्म के निर्माता-निर्देशक थे सुभाष घई
'कर्मा' सुभाष गई द्वारा डायरेक्ट और प्रोड्यूस की गई बेस्ट फिल्मों में से एक मानी जाती है। यह बतौर निर्माता उनकी दूसरी और निर्देशक के तौर पर 9वीं मूवी है। कहा जाता है कि फिल्म में ढेर सारे गाने एक साथ लाना आसान नहीं था। निर्माता के तौर पर घई ने साम, दाम, दंड भेद सब अपनाए, और निर्देशक के तौर पर घई ने किस्से, कहानियां, कलाकारी, रंगदारी सब दिखाई।
क्यों रखा 'कर्मा' नाम
इस फिल्म का नाम 'कर्मा' रखने के पीछे अनोखी कहानी है। सुभाष घई ने एक बार बताया था कि ये फिल्म कर्म की बात करती है। एक फिल्मकार अपनी कला को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए इसे भव्य और शानदार तरीके से दिखाने के लिए कुछ सिनेमाई छूट भी चाहता है। इसी वजह से फिल्म का नाम 'कर्मा' रखा गया।