विदेशी सेलेब्रिटीज़ के ट्वीट्स पर बोलीं शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी सोनाक्षी सिन्हा- 'अब बात किसान आंदोलन तक नहीं रही'
दिग्गज अभिनेता और नेता शुत्रघ्न सिन्हा की बेटी सोनाक्षी सिन्हा ने सोशल मीडिया में पोस्ट लिखकर इस पूरे मुद्दे पर अपनी बात रखी और विदेशी सेलेब्रिटीज़ के ट्वीट्स के पक्ष में अपनी दलील दी। सोनाक्षी ने साफ़ लिखा कि मसला अब किसान आंदोलन का नहीं रह गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। मंगलवार की रात अमेरिकन सिंगर-एक्ट्रेस रिहाना समेत कुछ विदेशी सेलेब्रिटीज़ ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट क्या किये, सोशल मीडिया से लेकर सत्ता के गलियारों तक बवाल मच गया। बुधवार को पक्ष और विपक्ष में ट्वीट्स की बाढ़ आ गयी। अक्षय कुमार, कंगना रनोट, अजय देवगन, सुनील शेट्टी, मंगेशकर समेत कई बॉलीवुड सेलेब्स ने इसे आंतरिक मसला बताकर पूरे देश से एकजुट रहने की अपील की। कई लोगों ने विदेशी सेलेब्स को देश के मामलों में दखल ना देने की नसीहत भी दी।
ऐसे में दिग्गज अभिनेता और नेता शुत्रघ्न सिन्हा की बेटी सोनाक्षी सिन्हा ने सोशल मीडिया में पोस्ट लिखकर इस पूरे मुद्दे पर अपनी बात रखी और विदेशी सेलेब्रिटीज़ के ट्वीट्स के पक्ष में अपनी दलील दी। सोनाक्षी ने साफ़ लिखा कि मसला अब किसान आंदोलन का नहीं रह गया है, बल्कि लोग बढ़ती हेट स्पीच और पाबंदियों के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं।
सोनाक्षी ने इंस्टाग्राम स्टोरी में की कई पोस्ट की एक सीरीज़ लिखी। सोनाक्षी ने लिखा- यह बात सही है कि वो लोग कृषि कानूनों के बारे में नहीं जानते होंगे या फार्मिंग सेक्टर की बारीकियों से भी अनजान होंगे, लेकिन चिंता की बात सिर्फ़ इतनी नहीं है। जो आवाज़ें उठी हैं, वो मानव अधिकारों, स्वतंत्र इंटरनेट और बोलने की आज़ादी, नफ़रत भरी बातें और ताकत का इस्तेमाल को लेकर हैं।
मीडिया आपको यह बताने की कोशिश करेगा कि यह बाहरी आवाज़ें हैं, जो इस देश को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन आपको याद रखना है कि यह कोई अंतरिक्ष से आये लोग नहीं हैं, बल्कि इंसान ही हैं, जो दूसरे इंसानों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठा रहे हैं। अब दो अलग बहस छिड़ गयी हैं। आप नीतियों, कानून और विचारों पर मतभेद जता सकते हैं, लेकिन इस मतभेद को दूसरे विमर्श में मत आने दीजिए, जोकि मानव अधिकारों और स्वतंत्रता के बारे में हैं।
सोनाक्षी ने आगे नफ़रत भरी स्पीच और प्रोपगंडा का मुद्दा उठाते हुए लिखा कि इन बातों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ध्यान खींचा है। जुल्म करने वाले हमेशा एक जैसी बात करते हैं- यह हमारे घर की बात है। तुम कौन होते हो, हमारे अंदर के मामलों में बोलने वाले।