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    Sharda Sinha: Salman Khan की मूवी में गाने के लिए मिले थे 76 रुपए, छठ महापर्व की पहचान गायिका के अनसुने किस्से

    Updated: Wed, 06 Nov 2024 09:24 AM (IST)

    Sharda Sinha Passes Away छठ महापर्व शुरू होने के पहले दिन पद्म भूषण से सम्मानित लोक गायिका व बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का मंगलवार रात एम्स में निधन हो गया। वह 72 वर्ष की थीं और पिछले करीब छह वर्षों से ब्लड कैंसर की बीमारी से पीड़ित थीं। रात 920 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को बुधवार सुबह की फ्लाइट से पटना ले जाया जाएगा।

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    शारदा सिन्हा के पॉपुलर छठ गीत (Photo: Instagram)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। बिहार की लोकप्रिय गायिका के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली शारदा सिन्हा का 5 नवंबर को निधन हो गया। वह 72 साल की थीं। शारदा सिन्हा को एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था जहां वो वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं।

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    वह छह सालों से ब्लड कैंसर से पीड़ित थीं और तबीयत बिगड़ने पर 26 अक्टूबर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को उनका पार्थिव शरीर विमान से पटना ले जाया जाएगा जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।

    छठ गीत गाकर मिली पॉपुलैरिटी

    उन्हें बिहार कोकिला के नाम से भी जाना जाता था। उनके गीत अक्सर छठ, शादी और कई ऐसे फंक्शन में बजा करते हैं। इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड के लिए भी कई गाने गाए जिसमें फिल्म मैंने प्यार किया का गाना 'कहे तोसे सजना' गाया था। इसके लिए उन्हें 76 रुपये मिले थे। इसके अलावा उन्होंने गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म का गाना 'तार बिजली से पतले हमारे पिया' भी गाया था। 

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    बॉलीवुड फिल्मों में भी गाए गानें

    इसके अलावा सलमान खान की फिल्म हम आपके हैं कौन का विदाई सॉन्ग बाबुल भी उन्होंने ही गाया था। इसके सालों बाद उन्होंने वेब सीरीज महारानी का गाना निर्मोहिया गाया था। उनका आखिरी छठ गीत 'दुखवा मिटाई छठी मइया' है।

    कैसे हुई थी ये शुरुआत?

    शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलास में हुआ था। वह 8 भाई बहनों में इकलौती बहन थीं जिनके लिए कई मिन्नतें मांगी गई थीं। बचपन से ही उन्हें म्यूजिक का शौक था इसलिए उन्होंने इसी में करियर बनाया। म्यूजिक से पीएसडी करने के बाद वो समस्तीपुर के कॉलेज में प्रोफेसर बन गईं। शारदा सिन्हा के पति का नाम बृजकिशोर सिन्हा था। उनका ससुराल बेगुसराय में है।

    सास को नहीं पसंद था शारदा सिन्हा का गीत गाना

    कुछ समय पहले ही उनके पति का निधन हुआ था जिसके बाद से शारदा सिन्हा सदमे में थीं। उनके पति शिक्षा विभाग में क्षेत्रीय डिप्टी डायरेक्टर पद से रिटायर हुए थे। शारदा सिन्हा के पति उनके टैलेंट को अच्छी तरह से जानते थे और उन्होंने उनका खूब साथ दिया। ससुर ने भी काफी सपोर्ट किया। हालांकि शारदा सिन्हा की सास को उनका बाहर गाना बजाना पसंद नहीं था।

    शारदा सिन्हा ने टी-सीरीज, एचएमवी और टिप्स के साथ नौ एल्बमों में 62 छठ गीत रिकॉर्ड किए। उन्होंने भोजपुरी, मैथिली, मगही भाषा में गीत गाए। 'केलवा के पात पर उगलन सूरजमल झुके झुके' और 'सुनअ छठी माई' उनके प्रसिद्ध छठ गीतों में से एक हैं। छठ त्योहार शारदा सिन्हा के गीतों के बिना अधूरा है। उन्हें 1991 में पद्मश्री और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

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