नेपोटिज्म पर श्वेता तिवारी की बेटी पलक तिवारी ने रखी अपनी राय, कहा- 'हक बनता है'
पलक जल्द ही फिल्म रोजी- द सैफरन चैप्टर से एक्टिंग की दुनिया में डेब्यू करने वाली हैं। इस बीच उन्होंने फिल्म जगत में सालों से छिड़ी जंग नेपोटिज्म को लेकर अपनी राय रखी और इसके साथ ही उन्होंने अपनी मां से जुड़ी हुई कई बातें भी शेयर की।

नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी की जानी मानी एक्ट्रेस श्वेता तिवारी की बेटी और 'बिजली-बिजली' गर्ल पलक तिवारी आज इंडस्ट्री का एक फेमस चेहरा है। पलक ने अपने पहले वीडिये सॉन्ग के साथ ही धूम मचा दी और अब वह बॉलीवुड में अपने पैर जमाने के लिए मेहनत कर रही है। पलक जल्द ही फिल्म 'रोजी- द सैफरन चैप्टर' से एक्टिंग की दुनिया में डेब्यू करने वाली हैं। इस बीच उन्होंने फिल्म जगत में सालों से छिड़ी जंग नेपोटिज्म को लेकर अपनी राय रखी और इसके साथ ही उन्होंने अपनी मां से जुड़ी हुई कई बातें भी शेयर की।
नेपोटिज्म पर बात करते हुए पलक ने बॉलीवुड बबल को दिए इंटरव्यू में कहा, "मेरा मानना है कि आउटसाइडर्स हाशिए पर हैं और एक मायने में यह सच है, शायद कभी-कभी उन्हें अनदेखा कर दिया जाता है। लेकिन आप जानते हैं इसका उतना ही नुकसान है जो मैं किसी ऐसे व्यक्ति से संबंधित होने के बारे में कहूंगी जिसने इसे बनाया है।"
अपनी मां श्वेता तिवारी से तुलना किए जाने को लेकर पलक ने बात को जारी रखते हुए कहा, "मुझे पता है, मैं चाहे कुछ भी करूं, लोग हमेशा यही सोचेंगे कि मेरी मां बेहतर है और यह ऐसी चीज है जिसका मैंने अपने जीवन में कभी खंडन नहीं किया है और मैं कभी नहीं करूंगा क्योंकि वह बेहतर है। मैं उसका हिस्सा हूं। मैं उसका बहुत छोटा हिस्सा हूं। इसलिए जहां वह है वहां मुझे बढ़ने में मुझे काफी समय लगेगा। लेकिन मेरी मां को छोटी उम्र से ही अपने जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ा था।”
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उसने यह भी कहा, "एक बात जो मैं रखना चाहती हूं, लोग इसे स्वीकार कर सकते है और नहीं भी। लोग, जिन्होंने मेरी मां की तरह बहुत काम किया है, जो(श्वेता तिवारी) कुछ भी नहीं थी और उन्होंने अपने काम के दम पर सब हासिल किया। क्या यह सही होगा, अगर वह उसमें से अपनी बेटी को कुछ नहीं दे तो? उनकी की हुई सारी मेहनत व्यर्थ हो जाएगी। आपके माता-पिता ऐसा(मेहनत) इसलिए करते हैं ताकि वे अपने बच्चों को ज्यादा आरामदायक जीवन दे सकें।"
पैरेंट्स द्वारा बच्चों को सपोर्ट करने को लेकर पलक ने कहा, "आपको लगता है कि आप बच्चे को शर्मिंदा कर रहे हैं, लेकिन आप पैरेंट्स को शर्मिंदा कर रहे हैं। उन्होंने इतनी मेहनत की है। उनका हक बनता है की वो अपने बच्चों को थोड़ा प्रोवाइड करें। आप उनसे यह नहीं छीन सकते।"
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