सच्ची घटना है Highway Nights, फिल्म डायरेक्टर Shubham बोले- "छोटी बच्ची से मिली फिल्म बनाने की प्रेरणा"
हाइवे नाइट्स फिल्म की कहानी का आइडिया कहीं से भी आ सकता है। बात करें अगर प्रकाश झा अभिनीत शार्ट फिल्म हाइवे नाइट्स की तो इस फिल्म को बनाने का आइडिया इसके निर्माता - निर्देशक शुभम सिंह को एक ढाबे पर आया था। दैनिक जागरण से बातचीत में शुभम कहते हैं ‘कई बार कोई घटना आपके दिल को छू जाती है।
हाइवे नाइट्स फिल्म की कहानी का आइडिया कहीं से भी आ सकता है। बात करें अगर प्रकाश झा अभिनीत शार्ट फिल्म हाइवे नाइट्स की तो इस फिल्म को बनाने का आइडिया इसके निर्माता-निर्देशक शुभम सिंह को एक ढाबे पर आया था। दैनिक जागरण से बातचीत में शुभम कहते हैं, ‘कई बार कोई घटना आपके दिल को छू जाती है।
मैं किसी हाइवे के एक ढाबे में बैठा था। वहां एक बच्ची से मुलाकात हुई। वह देह व्यापार में लिप्त थी केवल इसलिए ताकि उसे खाना मिल सके। सच इतना डार्क है कि मैं उतना दिखाना नहीं चाहता था। मुझे लोगों तक मनोरंजन के जरिए एक जरूरी संदेश पहुंचाना था। मैंने उसमें कुछ काल्पनिक चीजें शामिल की। मुझे लगता है कि देह व्यापार के दलदल से निकलने के लिए शिक्षा ही एक जरिया है जिसका संदेश इसमें है। प्रकाश इस फिल्म में एक ट्रक ड्राइवर की भूमिका में हैं,
जो उस लड़की की मदद करता है। शुभम कहते हैं कि प्रकाश सर को पहले से ही ट्रक चलाना आता है। मैं हैरान था यह जानकर। उन्होंने ट्रक खुद चलाई है, किसी बाडी डबल की जरुरत नहीं पड़ी। उन्होंने और किसी भी कलाकार ने इस फिल्म को करने के लिए एक भी पैसा नहीं लिया है।
मैं चार महीनों तक उनके पीछे पड़ा रहा, तब जाकर उन्होंने हां की। पहले फिल्म का नाम गुजरात हाइवे था। हाइवे नाइट्स नाम उन्होंने ही सुझाया था। पहले डर रहा था कि कैसे प्रकाश सर को डायरेक्ट करूंगा। लेकिन जिस सहजता के साथ उन्होंने काम किया, ऐसा लगा कि मैं किसी नवोदित कलाकार के साथ काम कर रहा हूं। दो रातों में हमने फिल्म शूट कर ली थी।
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