रिलीज से पहले O Romeo को लेकर शाहिद कपूर ने खोले राज, डायरेक्टर क लेकर कही ये बात
शाहिद कपूर आने वाले समय में फिल्म ओ रोमियो (O Romeo) में नजर आएंगे। इस मूवी को लेकर हाल ही में शाहिद ने दैनिक जागरण को दिए इंटरव्यू में खुलकर बातचीत क ...और पढ़ें

शाहिद कपूर की अगली फिल्म ओ रोमियो (फोटो क्रेडिट- एक्स)
एंटरटेनमेंट डेस्क, मुंबई। हर बार कुछ नया करने की कोशिश को लेकर शाहिद कपूर कहते हैं- ‘अगर आप कोई काम करने जा रहे हैं मगर उसको लेकर आपके अंदर कोई घबराहट या उत्साह नहीं है या अगर आप ऐसी जगह में कदम रख रहे हैं, जहां आप पहले कभी नहीं गए तो आप ठहर जाते हैं।
एक अभिनेता या कलाकार होने का सबसे बड़ा आशीर्वाद यही है कि जितनी जरूरत अनुशासन और सीखने की होती है, उतनी ही स्वतंत्रता कुछ नया रचने, बहने, उड़ने, दिशा बदलने और जोखिम लेने की भी होती है। मेरे लिए अभिनेता होने का यही सबसे खूबसूरत हिस्सा है। अगर आप इसे एक्सप्लोर नहीं करते, तो आप उस सबसे बड़े मजे और रोमांच को मिस कर रहे हैं, जो यह पेशा दे सकता है।’
लंबा है यह सफर
हाल ही में मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शाहिद कपूर ने कहा कि हर कलाकार के भीतर एक गहरा डर मौजूद होता है। इस बारे में वे स्पष्ट करते हैं, ‘आपको लगता है कि आप तैयार हैं, लेकिन जैसे ही आप मंच पर आते हैं और सैकड़ों लोगों की निगाहें आप पर होती हैं, तब समझ नहीं आता कि वे आपके बारे में क्या सोच रहे हैं। इस डर के बावजूद कलाकार को आगे बढ़कर खुद पर भरोसा करना पड़ता है।
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उसे खुद को असफल होने की अनुमति देनी होती है, नाजुक पड़ने देना होता है, गलत समझे जाने की गुंजाइश रखनी होती है। कभी-कभी तो पब्लिक के सामने अपनी गलती पर शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ती है। यह सफर केवल एक-आधे पलों का नहीं है। यह एक लंबी यात्रा है। एक कलाकार लगातार एक मंजिल से दूसरी मंजिल तक बढ़ता है। जब कोई दो दशक तक काम कर लेता है, तब जाकर लोग समझ पाते हैं कि वह कलाकार क्यों उन फैसलों को ले रहा था।’
यह अनादर होगा
शाहिद मानते हैं कि हर बार चयन पूरी तरह आपके हाथ में नहीं होते। वह कहते हैं कि ‘जिंदगी वास्तव में एक यात्रा है। इंसान वही बनता है, जो उसे बनना होता है और जैसा उसके साथ घटित होता है।’ यह अनादर होगा हर कलाकार कोई खास किरदार निभाने की इच्छा रखता है। इस संदर्भ में शाहिद बताते हैं,
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‘जब मैं युवा था, तब लगता था कि मैं कोई किरदार किसी और से बेहतर कर सकता हूं, लेकिन अब ऐसा नहीं लगता। अब मैं दूसरों का काम देखकर खुश होता हूं। आप हर समय खुद ही परफार्म नहीं कर सकते। कई बार लोग किसी परफार्मेंस को पसंद करते हैं और आपको समझ नहीं आता कि उन्हें क्या अच्छा लगा, पर वहीं से सीख मिलती है। इसलिए मैं यह नहीं कहूंगा कि कोई भूमिका मुझे मिलनी चाहिए थी, क्योंकि यह किसी और के किए गए काम का अनादर होगा।’
मुझे बनाया है मजबूत
शाहिद स्वीकारते हैं कि कई निर्देशक रहे हैं, जिन्होंने उनके अभिनय को समझने का दृष्टिकोण बदला। इस संबंध में वह सबसे पहले विशाल भारद्वाज का नाम लेते हुए कहते हैं, ‘हमने अभी ‘ओ रोमियो’ फिल्म पूरी की है, जो वैलेंटाइन डे के आस-पास आएगी। शानदार कास्ट है और यह मेरे लिए उनके साथ चौथी फिल्म है।
विशाल सर हमेशा मुझे चुनौती देते हैं। उन्होंने मुझे देश के बेहतरीन कलाकारों के साथ एक ही फ्रेम में खड़ा किया है, वो भी सेंट्रल रोल के साथ। ‘हैदर’ में मैं तब्बू मैम, इरफान सर, के. के. मेनन सर के साथ खड़ा था, जिनसे मैंने बहुत कुछ सीखा है। वह सपना सच होने जैसा था। ‘ओ रोमियो’ भी वैसी ही फिल्म है, मनोरंजक और कमर्शियल भी, साथ ही विशुद्ध विशाल भारद्वाज की सिनेमाई दुनिया वाली। इसके अलावा इम्तियाज अली भी बहुत खूबसूरत सिनेमा बनाते हैं। जब हमने साथ काम किया, वह अपनी दूसरी फिल्म बना रहे थे।
सूरज बड़जात्या के साथ ‘विवाह’ की, वो बेहतरीन निर्देशक हैं। अभिषेक चौबे के साथ ‘उड़ता पंजाब’ की है और संदीप रेड्डी वांगा के साथ ‘कबीर सिंह’ की। संदीप रेड्डी आज के सबसे प्रभावशाली और मौलिक निर्देशकों में से एक हैं। उनकी कहानी कहने की शैली और क्राफ्ट दोनों बहुत मजबूत हैं। राज एंड डीके, जिनके साथ वेब सीरीज ‘फर्जी’ की, अद्भुत निर्देशक हैं। अभी मैं होमी अदजानिया के साथ ‘कॉकटेल’ के सीक्वल पर काम कर रहा हूं। वह मुझे कुछ नया करने में मदद कर रहे हैं।’

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