किसी भी तरह के दबाव से दूर रहती हैं Rubina Dilaik, एक्ट्रेस ने बताया बच्चों के लिए कैसे निकालती हैं समय
रुबीना दिलैक को टेलीविजन की छोटी बहू के नाम से जाना जाता है। शक्ति - अस्तित्व के एहसास की में उन्होंने राधिका का किरदार निभाया था। इसके अलावा वह बिग बॉस का हिस्सा भी रह चुकी हैं। रुबीना बिग बॉस 14 की विजेता रहे चुकी हैं। हाल ही में एक्ट्रेस ने अपने बिजी शेड्यूल से समय निकालकर हमसे बातचीत की।

प्रियंका सिंह, मुंबई। फिल्म इंडस्ट्री हो या टीवी इंडस्ट्री लोग टैग बड़ी जल्दी देते हैं। अभिनेत्री रुबीना दिलैक को बास लेडी का टैग मिला है। इस बारे में बात की हमने उनसे तो रुबीना ने हमें बेहतरीन जवाब दिया।
मुझे खुद से बहुत उम्मीदें हैं - रुबीना
क्या इस टैग का उन पर कोई दबाव होता है? इस पर रुबीना ने कहा, ‘मैं किसी टैग का दबाव नहीं लेती हूं। वैसा भी मेरा व्यक्तित्व ऐसा रहा है, जहां मैं कोई दबाव नहीं लेती। मैं केवल उन उम्मीदों का ध्यान रखती हूं, जो स्वयं से हैं। जब यह साल शुरू हुआ तो मैंने यही सोचा कि मैं स्वयं को किसी भी दायरे में नहीं बाधूंगी। मैं चाहती हूं कि मेरे लिए अलग-अलग रास्ते खुलें। मेरी ईमानदारी,निष्ठा हमेशा अपने काम के लिए ही रही है। मेरा काम मुझे जिस दिशा में लेकर जाएगा, मैं खुशी से उस रास्ते पर चल पड़ूंगी।’
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रुबीना बच्चों को नहीं दे पाती हैं समय?
बता दें कि पिछले साल रुबीना दो प्यारी जुड़वां बेटियों की मां बनी हैं। वहीं जब उनसे ये सवाल किया गया कि क्या वो इतने बिजी सेड्यूल में बच्चों को समय दे पाती हैं। इस पर वह कहती हैं,‘मैं यह नहीं कहूंगी कि जीवन बहुत खूबसूरत और आसान है, क्योंकि ऐसा नहीं है। खासकर तब, जब मैं सेट पर 18-20 घंटे काम करती हूं। जब घर जाती हूं तो उनके सोने का समय ऐसा बना हुआ है कि वे जाग रही होती हैं। उनके सोने के समय के साथ अपने समय का तालमेल बिठाना पड़ता है। इसके साथ ही अगले दिन पूरी ऊर्जा के साथ सेट पर काम करने के लिए लौटना पड़ता है, जो कठिन होता है, लेकिन कामकाजी मांओं के पास विकल्प भी क्या है!’
रुबीना को लेखन से है प्रेम
इसके अलावा रुबीना को लिखना पढ़ना भी बहुत पसंद है। वो हर दिन को डायरी में दर्ज करती हैं। रुबीना अपने हर दिन को लिखकर रखना पसंद करती हैं। लेखन के प्रति प्रेम को लेकर रुबीना कहती हैं, ‘मैं हमेशा से ही लेखन को लेकर जुनूनी रही हूं। मुझे जब भी समय मिलता है तो लिखने बैठ जाती हूं। हालांकि मैं जो भी लिखती हूं, वो मेरे विचार होते हैं। हंसते हुए रुबीना कहती हैं,हो सकता है कई बार पढ़ने लायक भी न हों।’
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