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City Of Dreams: परिवारवाद की राजनीति में मराठी स्टार प्रिया बापट का ऐसा है दमदार रोल

संजय दत्त की मुन्नाभाई सीरीज़ में काम कर चुकीं प्रिया ने बचपन से ही थियेटर में भूमिकाएं करनी शुरू की थीं लेकिन वो कभी एक्टिंग की फील्ड में आना ही नहीं चाहती थीं।

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Fri, 17 May 2019 12:52 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 12:52 PM (IST)
City Of Dreams: परिवारवाद की राजनीति में मराठी स्टार प्रिया बापट का ऐसा है दमदार रोल
City Of Dreams: परिवारवाद की राजनीति में मराठी स्टार प्रिया बापट का ऐसा है दमदार रोल

मनोज खाडिलकर,मुंबई। इन दिनों देश में राजनीति उफान पर है। रोज़ तरह तरह के आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं और परिवारवाद को लेकर भी मुद्दा गरमाये रखा गया है। ऐसे में वेब के प्लेटफॉर्म पर एक नई सीरीज़ आई है - सिटी ऑफ़ ड्रीम्स (City Of Dreams), जिसमें राजनीतिक उत्तराधिकार के लिए एक बहन और भाई के संघर्ष को दिखाया गया है। 'म्हारी छोरियां छोरो से कम हैं के... वाली तर्ज़ पर इस सीरीज़ में मराठी की स्टार प्रिया बापट अहम् रोल में हैं। जागरण डॉट कॉम से हुई खास बातचीत में प्रिया ने आजकल की राजनीति जुड़ी बातों पर अपनी राय रखी है।

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सिटी ऑफ़ ड्रीम्स को इकबाल जैसी अवॉर्ड विनिंग फिल्म बनाने वाले नागेश कुकनूर ने डायरेक्ट किया है। दस एपिसोड में बनी सीरीज़ की इसी महीने स्ट्रीमिंग शुरू हुई है। सीरीज़ में पूर्णिमा गायकवाड़ का किरदार निभा रहीं प्रिया के मुताबिक ये एक पॉलिटिकल ड्रामा है। राजनीति से जुड़े परिवार का। सपने देखने वाली इस मुंबई में युवा वर्ग किस तरह अपने भविष्य को साकार करता है, ये दिखाने साथ संघर्ष जेंडर का भी। आज भी हमारे समाज में बहुत सारे मामलों में लड़कियों की बजाय लड़कों को प्रेफ़रेंस मिलता है। सत्ता के उत्तराधिकार में भी।

प्रिया के मुताबिक इस सीरीज़ की शूटिंग एक साल पहले खत्म हो गई थी लेकिन इसे चुनाव के दौरान ही लाने का कोई प्लान नहीं किया गया था। हां, अब आई है तो आजकल के माहौल के कारण फायदा तो मिल रहा है। काफी अच्छे रिएक्शंस आये हैं। थियेटर से मराठी फिल्मों और सीरियल्स में बड़ा नाम बना चुकीं प्रिया के मुताबिक इस वेब सीरीज़ में पूर्णिमा का किरदार ब्रेव है। राष्ट्रवाद से लेकर होमो सेक्सुआलिटी पर उसका अपना स्टैंड है। ये बड़ी ही ग्रिपिंग सीरीज़ है।

यह पूछने पर कि क्या असल ज़िंदगी में भी वो अपने किरदार की तरह ही हैं ?, प्रिया कहती हैं कि हां, मैं भी अपनी बात रखने में विश्वास करती हूँ। आजकल के राजनैतिक हालात पर प्रिया का कहना है कि अब का यूथ कन्फ्यूज़ है। वो पॉलिटिक्स के मार्केटिंग गिमिक्स में फंस गया है। बहुत कुछ सोचना है। मैं भी सोचती हूँ। सवाल भी पूछती हूँ लेकिन जवाब नहीं मिलता। प्रिया ने कहा कि वो वोट करती हैं लेकिन एक आम यूथ तरह किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही हैं। देश की राजनीति में अपनी राय बनाना और उसका सार्थक नतीजा मिलना बहुत जरुरी है।

संजय दत्त की मुन्नाभाई सीरीज़ में काम कर चुकीं प्रिया ने बचपन से ही थियेटर में भूमिकाएं करनी शुरू की थीं लेकिन वो कभी एक्टिंग की फील्ड में आना ही नहीं चाहती थीं।

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