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पृथ्वीराज कपूर को अपना थिएटर बनाने में करना पड़ा था इतना संघर्ष, इन फिल्मों ने बनाया बड़ा कलाकार

दिग्गज और मशहूर अभिनेता पृथ्वीराज कपूर हिंदी सिनेमा के उन कलाकारों में से एक रहे हैं जिन्होंने अपने अभिनय और फिल्म मेकिंग से बड़े पर्दे पर अमिट छाप छोड़ी। पृथ्वीराज कपूर न केवल एक शानदार कलाकार रहे थे बल्कि एक बेहतरीन निर्देशक और निर्माता भी थे।

By Anand KashyapEdited By: Published: Tue, 02 Nov 2021 04:10 PM (IST)Updated: Wed, 03 Nov 2021 07:25 AM (IST)
पृथ्वीराज कपूर को अपना थिएटर बनाने में करना पड़ा था इतना संघर्ष, इन फिल्मों ने बनाया बड़ा कलाकार
दिग्गज और मशहूर अभिनेता पृथ्वीराज कपूर- तस्वीर : Instagram: cinemaajkal

नई दिल्ली, जेएनएन। दिग्गज और मशहूर अभिनेता पृथ्वीराज कपूर हिंदी सिनेमा के उन कलाकारों में से एक रहे हैं जिन्होंने अपने अभिनय और फिल्म मेकिंग से बड़े पर्दे पर अमिट छाप छोड़ी। पृथ्वीराज कपूर न केवल एक शानदार कलाकार रहे थे बल्कि एक बेहतरीन निर्देशक और निर्माता भी थे। पर्दे पर उनकी बनाई फिल्मों ने एक खास जगह बनाई। पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर 1906 को पंजाब के लायलपुर में एक जमींदार परिवार में हुआ था।

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वह बचपन से ही रंगमच के शौकीन थे। यही वजह से थी कि उनके अंदर अभिनय के अलग-अलग गुन देखने और सीखने को मिलते थे। पृथ्वीराज कपूर को भारत में आधुनिक रंगमंच का जनक भी मनाना जाता है। उन्होंने अपने पृथ्वी थिएटर के माध्यम से भारत के कोने-कोने में नाटकों का मंचन कर उन्होंने पुरातन नाट्यकला को पुनर्जीवित किया। पृथ्वीराज कपूर ने अपने पृथ्वी थिएटर के जरिए शकुंतला, गद्दार, पठान, कलाकार, पैसा और किसान जैसे कई शानदार नाटक दिए।

पृथ्वी थिएटर को बनाने में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। वह इस थिएटर को मेले में चलते थे और लोगों से थोड़े-थोड़े पैसे जुटाकर उन्होंने इस थिएटर को खड़ा किया था। इलाहाबाद में महाकुंभ के दौरान शो करने के बाद पृथ्वीराज कपूर खुद गेट पर खड़े होकर गम्छा फैलाते थे और लोग उसमें पैसे डालते थे। इसी तरह उन्होंने अपने पृथ्वी थिएटर की शुरुआत की। पृथ्वीराज कपूर की शादी महज 18 साल की उम्र में हो गई थी।

1928 में अपने तीन बच्चों को छोड़कर पेशावर से मुंबई आ गए। यहां वह इम्पीरीयल फिल्म कंपनी से जुड़ गए। इस कंपनी से जुड़ने के बाद उन्होंने फिल्मों में छोटे-छोटे किरदार निभाए। साल 1931 में भारत की पहली बोलती फिल्म 'आलम आरा' आई थी। इस फिल्म में पृथ्वीराज कपूर ने भी काम किया था। उन्होंने 'दो धारी तलवार', 'शेर ए पंजाब' और 'प्रिंस राजकुमार' जैसी 9 साइलेंट फिल्मों में काम कर चुके हैं।

पृथ्वीराज कपूर ने फिल्म 'मुगल-ए-आजम' में जो शंहशाह जलालुद्दीन अकबर को किरदार वह हिंदी सिनेमा के अमर किरदारों में से एक है। इसके अलावा उनकी फिल्म 'आवारा' भी उनकी बेहतरीन फिल्मों में शुमार की जाती है। 'विद्यापति', 'सिकंदर', 'दहेज', 'जिंदगी', 'आसमान महल' और 'तीन बहूरानियां' भी पृथ्वीराज कपूर की यादगार फिल्मों में से एक हैं। शानदार अभिनेता फिल्मकारी के लिए पृथ्वीराज कपूर के काम को हिंदी सिनेमा में बड़े सहयोग को तौर पर देखा जाता है। यही वजह थी जो साल 1969 में उन्हें पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। पृथ्वीराज कपूर की बाद की पुश्तों ने भी हिंदी सिनेमा में अपनी खास जगह बनाई है।


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