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    KGF Chapter 2 के बाद हिंदी बेल्ट में औंधे मुंह गिर रहीं साउथ की फिल्में, दिग्गजों की फिल्मों का सूपड़ा साफ

    By Manoj VashisthEdited By:
    Updated: Mon, 20 Jun 2022 04:49 PM (IST)

    Bollywood Vs South साउथ की फिल्मों को लेकर सिर्फ शोर-शराबा है। हकीकत यह है कि आरआरआर और केजीएफ 2 के अलावा कोई भी साउथ फिल्म हिंदी दर्शकों के बीच अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी है। इनमें कमल हासन की विक्रम भी शामिल है।

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    Post KGF Chapter 2 All South Films Bomb at Hindi Box Office. Photo- Instagram

    नई दिल्ली, जेएनएन। साल 2022 की शुरुआत में तेलुगु फिल्म आरआरआर और कन्नड़ फिल्म केजीएफ चैप्टर 2 का बड़ा भारी शोर था। इन दोनों पैन इंडिया फिल्मों से हिंदी बेल्ट में भी बड़े कलेक्शन की उम्मीद की जा रही थी और वैसा हुआ भी। एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर ने जहां 277 करोड़ का नेट कलेक्शन हिंदी वर्जन से किया, वहीं केजीएफ 2 के हिंदी वर्जन ने छप्पर फाड़ कमाई करते हुए 434 करोड़ से ज्यादा बटोर लिये और भारतीय सिनेमा के इतिहास की दूसरी सबसे अधिक कमाई करने वाली (हिंदी) फिल्म बन गयी। पहली अभी भी राजमौली की बाहुबली 2 ही है, जिसने 511 करोड़ का नेट कलेक्शन किया था। 

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    आरआरआर और केजीएफ 2 की सुपर सक्सेस और कई हिंदी फिल्मों के ढेर होने के बाद तस्वीर कुछ इस तरह की खिंची जाने लगी कि साउथ के सामने बॉलीवुड पस्त हो गया है और अब साउथ फिल्में ही हिंदी फिल्मों के कारोबार का भी कल्याण कर सकती हैं, मगर जल्द ही इस सोच को भी पलीता लग गया, क्योंकि साल के पहले हाफ (जनवरी-जून) में  केजीएफ 2 के बाद कोई दक्षिण भारतीय फिल्म हिंदी बेल्ट में अच्छी कमाई नहीं कर सकी थी। 

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    यहां तक भारतीय सिनेमा के दिग्गज कलाकाल कमल हासन भी विक्रम के जरिए हिंदी दर्शकों को लुभा नहीं सके। कमल ने अपनी इस फिल्म का हिंदी दर्शकों के बीच खूब प्रचार किया। द कपिल शर्मा शो में भी गये, मगर विक्रम के हिंदी वर्जन को सिर्फ 30 लाख रुपये की ओपनिंग मिली थी। हालांकि, दक्षिण में फिल्म कमाई के रिकॉर्ड बना रही है। कुछ ऐसा ही हाल हुआ 777 चार्ली के हिंदी वर्जन का। इस फिल्म को हिंदी भाषा के फिल्म समीक्षकों ने भी खूब अच्छे नंबर दिये, मगर जब फिल्म सिनेमाघरों में पहुंची तो 20 लाख रुपये ही पहले दिन जुटा सकी। 

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    इससे पहले अजीत की बहुचर्चित फिल्म वलिमै के जरिए हिंदी दर्शकों को लुभाने की कोशिश की गयी, मगर इसके हिंदी वर्जन को भी 30 लाख रुपये की ओपनिंग मिली थी। बोनी कपूर निर्मित फिल्म को पैन इंडिया रिलीज किया गया था और हिंदी बेल्ट में भी खूब प्रचार-प्रसार किया गया था। सिर्फ तेलुगु फिल्म मेजर ऐसी फिल्म है, जिसके हिंदी वर्जन ने एक करोड़ से अधिक ओपनिंग ली थी।

    बॉक्स ऑफिस आंकड़े बताते हैं कि हिंदी भाषी दर्शकों के बीच सिर्फ वही साउथ इंडियन फिल्में असर करती हैं, जिनकी बहुत ज्यादा चर्चा हो। चंद फिल्मों की सफलता को लेकर यह धारणा बना लेना कि साउथ सिनेमा बेहतरीन काम कर रहा है और हिंदी फिल्में बेकार हैं, ज्यादती है। 

    इस धारणा के बनने की वजह कई ऐसी हिंदी फिल्में हैं, जो बॉक्स ऑफिस पर ढेर हो गयी थीं। इनमें कई फिल्में ऐसी हैं, जो पहले दिन एक करोड़ भी नहीं जुटा सकीं। इनमें हाल ही में रिलीज निकम्मा (51 लाख रुपये), जनहित में जारी (43 लाख रुपये) और धाकड़ (65 लाख रुपये) जैसी फिल्में शामिल हैं।