Saina बनने के लिए परिणीति चोपड़ा ने ऐसे की थी तैयारी, बताया सामने आई थीं क्या कठिनाइयां
फिल्म ‘लेडीज वर्सेस रिकी बहल’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाली परिणीति चोपड़ा फिल्म इंडस्ट्री में अपना मुकाम बना चुकी हैं। इस साल फिल्म इंडस्ट्री में दस साल पूरे करने वाली परिणीति अब बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल की बायोपिक में नजर आएंगी।
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। फिल्म ‘लेडीज वर्सेस रिकी बहल’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाली परिणीति चोपड़ा फिल्म इंडस्ट्री में अपना मुकाम बना चुकी हैं। इस साल फिल्म इंडस्ट्री में दस साल पूरे करने वाली परिणीति अब बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल की बायोपिक में नजर आएंगी। इसी महीने उनकी फिल्म ‘द गर्ल ऑन द ट्रेन’ डिजिटल प्लेटफार्म पर जबकि ‘संदीप और पिंकी’ फरार सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। पढ़ें उनसे बातचीत के कुछ अंश :
सवाल : जीवन के इस पड़ाव को कैसे देखती हैं?
जवाब : मेरा दस साल का सफर बेहतरीन रहा है। मैंने उतार देखे हैं चढ़ाव देखे हैं। मैंने ब्रेक लिया है। मैंने सफलता और विफलता दोनों देखी है। मुझे लगता है ऐसी ही जर्नी होनी चाहिए काम की भी और जिंदगी की भी। मैं जिंदगी को खुलकर जीने में यकीन रखती हूं। मुझे अपने करियर में ढेर सारे अनुभव मिले हैं। उन अनुभवों ने ही मुझे आगे बढ़ाया है तो मैं बहुत खुश हूं।
सवाल : बैक टू बैक महिला खिलाड़ियों की बायोपिक आ रही है..
जवाब : क्या यह स्पेशल है? ये तो होना ही चाहिए। हम लोग खुद ही चीजों को बोलकर छोटा बना देते हैं कि हम महिला खिलाड़ियों पर फिल्म बना रहे हैं। या महिला प्रधान फिल्म लेकर आ रहे हैं। एक भाग मिल्खा भाग भी बनी थी और एक मैरी कॉम भी। पान सिंह तोमर और अजहर भी बनी थी। मुझे नहीं लगता कि इसका जेंडर से कोई लेना देना है। हम कह सकते हैं कि बायोपिक बन रही है। मैं इन्हें ट्रेंड नहीं मानती हूं यह टाइमिंग वाली चीजें हैं। अगर लॉकडाउन नहीं हुआ होता तो हमारी फिल्म पिछले साल ही रिलीज हो गई थी। बाकी महिला खिलाड़ियों की बायोपिक अगले साल आएंगी। मुझे यह ट्रेंड नहीं लगता। हर दो साल में इस तरह की फिल्में आती है। बॉलीवुड पर्सनालिर्टी और स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी दो ऐसी चीजें हैं जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को बहुत प्रभावित करती हैं। स्पोर्ट्स बायोपिक में न सिर्फ आप अपने प्रिय एक्टर्स को देखते हैं बल्कि उस खिलाड़ी की जिंदगी भी जिसे आप पसंद करते हैं। मुझे लगता है कि यह फिल्में खास तौर पर बच्चों के लिए होनी चाहिए। उससे उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
सवाल :कामयाब होना और कामयाबी को बनाए रख पाना कब बेहतर तरीके से समझ आया?
जवाब : मैं इसके बारे में बिल्कुल नहीं सोचती हूं। मैं जिंदगी का लुत्फ लेने में बिजी हूं। मैं बहुत ट्रैवल करती हूं, पढ़ती हूं, स्कूबा डाइविंग करती हूं। मैं बस अपना काम पूरी ईमानदारी से करती हूं। मैं इन चीजों का प्रेशर नहीं लेती हूं। इनके बारे में ज्यादा सोचती नहीं हूं। अगर फिल्म कामयाब होती है तो मैं सभी का आभार व्यक्त करती हूं। अगर फिल्म नहीं चलती है तो उसे भूलकर आगे बढ़ जाती हूं। मैं बहुत अलग हूं। मैं चौबीस घंटे सिर्फ इसके बारे में नहीं सोचती हूं।
सवाल : साइना नेहवाल की जिंदगी की चुनौतियों को कैसे देखती हैं ?
जवाब : मुझे लगता है कि जितना हम साइना की जिंदगी के बारे में जानते हैं उससे कहीं ज्यादा उन्होंने संघर्ष किया है। हम मीडिया में जितने देखते सुनते और पढ़ते हैं वही उनकी जिंदगी मान लेते है। मैं यकीन के साथ कह सकती हूं कि लोग मेरे बारे में एक प्रतिशत भी नहीं जानते हैं। आप सिर्फ मुझे फिल्मों में देखते हैं, लेकिन मेरी जिंदगी में कितना कुछ चल रहा है। उसी तरह हम मैच में देखते हैं कि साइना जीत रही हैं या हार रही हैं। इस फिल्म के जरिए उनके संघर्ष, कठिनाइयां कैसे बैडमिंटन खेलना शुरू किया। उन्हें पहला मेडल कब मिला यह सब भी देखने को मिलेगा। यही चीजें उनकी कहानी को दिलचस्प बनाती हैं वरना उनके बारे में हम कभी नहीं जान पाते।
सवाल : साइना से पहली मुलाकात कैसी थी। उनके साथ कैसी चर्चा हुई थी?
जवाब : मैं होमवर्क में काफी यकीन करती हूं। वो कुछ टाइम से मैंने किया नहीं था। जब यह फिल्म मेरे पास आई तब लगा कि मुझे काफी मेहनत करनी होगा। साइना से मिलना होगा। मगर वह हो नहीं पा रहा था। आखिरकार जब हम दोनों फ्री हुए तो मैं उनसे मिलने उनके घर हैदराबाद गई। उनसे और उनके माता पिता, बहन और पति पी. कश्यप से मिली। मैंने उनका रहन-सहन, घर देखा। उनकी ट्राफियां कहां रखती हैं? वह कहां प्रैक्टिस कैसे करती हैं उनकी लवस्टोरी कैसे हुई? यह सब जाना। उनके साथ खाना खाया। मैंने उनसे कहा था कि जब भी कुछ पूछना होगा मैं आपको फोन करुंगी तो हमारे बीच काफी बात होने लगी। मेरा काम यही था कि मैं साइना की एक्टिंग न करुं साइना बन जाऊं। मेरा यही लक्ष्य था।
सवाल : साइना का सिनेमा के प्रति प्रेम कैसा पाया?
जवाब : उन्हें सिनेमा से बहुत प्यार है। उनका टेस्ट फिल्मों को लेकर बहुत अच्छा है। वह हमारे निर्देशक अमोल गुप्ता का बहुत सम्मान करती हैं। वह शाह रुख खान की बहुत बड़ी फैन हैं। वह भी खुश हैं कि हम उनकी जिंदगानी पर फिल्म बना रहे हैं। उन्होंने हमें बहुत सपोर्ट किया।
सवाल : फिल्म में डायलॉग है कि नंबर 1 का ख्वाब देखना रिस्क से कम नहीं होता। क्या आपको भी कभी ऐसा लगा ?
जवाब : मैं अपना काम करती हूं और बहुत खुशी से करती हूं। काम मेरी जिंदगी का हिस्सा है लेकिन पूरी जिंदगी नहीं। मैं मजाक में कहती भी हूं कि अगर सौ की उम्र तक पहुंची तो उस उम्र में कहना चाहता हूं कि मैंने सबकुछ किया। एक चीज के बारे में टेंशन न लेकर जिंदगी के बाकी अनुभव लेने पर मेरी नजर रहती है।
सवाल : साइना और आप दोनों हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं ?
जवाब : हम दोनों में कॉमन यह है कि दोनों ने हरियाणा से बाहर जाकर अपनी पहचान बनाई। उस बात पर हमारी चर्चा हुई। साइना हैदराबाद चली गई, मैं लंदन चली गई, लेकिन हरियाणा हमारा होमटाउन है। उस पर हमें गर्व है। हरियाणा की लड़कियों ने काफी उपलब्धियां हासिल की हैं।
सवाल : साइना जब हैदराबाद गई थीं तो उन्हें भाषाई दिक्कतें पेश आई थीं ?
जवाब : काश मैं सब बता पाती लेकिन हां यह बात सही है। हमने उस हिस्से को फिल्म में रखा है। जब स्थानीय लोग अपनी भाषा में बात करते हैं तो दिक्कत आती ही है। पर मैं ज्यादा नहीं बताना चाहती। वरना फिल्म का मजा किरकिरा हो जाएगा।
सवाल : फिल्म साइना से आपने क्या सीखा?
जवाब : यही कि जिंदगी में कभी हार मत मानो। साइना कमबैक क्वीन के तौर पर जानी जाती हैं। जब वह मैच हारती है या उनकी पोजिशन ऊपर नीचे होती है उसके बाद डबल मेहनत और डबल रैंक से जीतती हैं। कितने लोगों ने उनसे कहा कि आप अब आप रुक जाइए। खेलिए मत। हमारे ट्रेलर में भी इसे दिखाया है, लेकिन वह इसका मुंहतोड़ जवाब देती हैं। हार न मानने का जो जज्बा है उनमें है वह बहुत स्ट्रांग है।
सवाल : प्रियंका चोपड़ा की किताब अनफिनिश्ड के बारे में क्या कहेंगी ?
जवाब : हम लोग तो बहुत एक्साइटेड थे जब पता चला कि वह किताब लिख रही है। निश्चित रुप से हमारे परिवार की कहानी है। मैं हर रोज कहती हूं कि इतनी कम उम्र में किताब लिखना, उन्होंने जो उपलब्धियां हासिल की हैं वह प्रेरणादायक हैं। मैं बहुत लकी फील करती हूं कि वह पूरी दुनिया के लिए रोल मॉडल हैं, लेकिन मेरी बहन हैं। मैं गौरवान्वित महसूस करती हूं।
सवाल : हॉलीवुड की कितनी तैयारी है?
जवाब : वो तैयारी उन्हें करनी पड़ेगी। उन्हें अच्छी स्क्रिप्ट भेजनी होगी। अगर अच्छी स्क्रिप्ट मिलेगी तो जरुर जाऊंगी।