भारत में OTT प्लेयर्स का दबदबा, जानें- Netflix, Amazon Prime आदि का कितना है शेयर
बीते कुछ वर्षों में ओटीटी बाजार ने भारत में अपनी पहुंच और पकड़ मजबूत की है। विदेशी वीडियो स्ट्रीमिंग एप्स के साथ देशी वीडियो स्ट्रीमिंग एप्स भी बाजार में खूब धमक मचा रहे हैं। कोरोना आपदा के बाद इन एप्स की मांग बहुत तेजी से बढ़ी।
नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/पीयूष अग्रवाल। बीते कुछ वर्षों में ओटीटी बाजार ने भारत में अपनी पहुंच और पकड़ मजबूत की है। विदेशी वीडियो स्ट्रीमिंग एप्स के साथ देशी वीडियो स्ट्रीमिंग एप्स भी बाजार में खूब धमक मचा रहे हैं। कोरोना आपदा के बाद इन एप्स की मांग बहुत तेजी से बढ़ी। भारत में बड़े बैनर की फिल्में भी इन पर रिलीज होने लगी हैं। भारतीय बाजार पर दबदबा बनाए रखने के लिए इन स्ट्रीमिंग एप्स ने भी कई बजट प्लान लॉन्च कर अपने दर्शकों का आधार बढ़ाया है।
जस्ट वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम भारतीय बाजार में बड़े खिलाड़ी थे, पर हॉट स्टार धीरे-धीरे एक बड़े प्लेयर के तौर पर उभरता गया। डिज्नी और हॉट स्टार के करार ने इसे मजबूत बनाया। इसके कारण हॉटस्टार ने 17 फीसदी मार्केट पर अपनी पकड़ बना ली। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, नेटफ्लिक्स इस बार 18 भारतीय ओरिजनल हिंदी सीरीज रिलीज कर चुका है, जबकि अमेजन प्राइम करीब 14 सीरीज लॉन्च की हैं। डिज्नी और हॉटस्टार ने इस बारे में अलग एप्रोच से काम किया। वह उन सात बॉलीवुड फिल्मों को अपने प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने जा रहा है, जो मूलत: सिनेमा हॉल को ध्यान में रखकर बनाई गई थी।
नेटफ्लिक्स ने शुरुआत में भारत में कुछ खास वर्ग में काफी पॉपुलर था। इसकी वजह उसकी कीमत थी। बाद में नेटफ्लिक्स ने अपनी रणनीति में बदलाव किया। नेटफ्लिक्स ने अपने यूजर के लिए मोबाइल आधारित प्लान भी लॉन्च किया। वहीं नेटफ्लिक्स ने इस साल हिंदी इंटरफेस लॉन्च कर अपने दर्शकों की तादाद में इजाफा किया। इन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अक्षय कुमार की लक्ष्मी, अभिषेक बच्चन-राजकुमार राव की लूडो, अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की गुलाबो-सिताबो, विद्या बालन की शकुंतला देवी, गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल, ए सूटेबल ब्वॉय आदि इन प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज हुईं।
560 मिलियन इंटरनेट उपभोक्ताओं के साथ भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन बाजार है। रिपोर्ट के अनुसार, इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि 2023 तक यह 650 मिलियन का आंकड़ा छू लेगा। लैंगिक और सामाजिक असमानताओं के मानकों को ध्यान में रखते हुए 2019 में भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 290 मिलियन इंटरनेट उपभोक्ता थे, जबकि शहरी इलाकों में 337 मिलियन इंटरनेट उपभोक्ता थे। प्रमुख बात यह है कि भारत में अधिकतर इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की उम्र 20 से 29 साल के बीच है। भारत में सबसे अधिक इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले मोबाइल धारक हैं। 2018 में देश की 29 फीसदी आबादी मोबाइल इंटरनेट धारक थे। उम्मीद है कि 35 फीसदी की दर से इसमें इजाफा होगा। 2023 तक मोबाइल इंटरनेट धारक 500 मिलियन होने की उम्मीद है। इसकी एक बड़ी वजह वाजिब कीमत वाले डाटा प्लान और सरकार का डिजिटल इंडिया अभियान है। इसके साथ ही भारत में सोशल मीडिया यूजर भी तेजी से बढ़े हैं। 2023 तक भारत में 450 मिलियन सोशल नेटवर्क यूजर होने की संभावना है।
सबसे सस्ती मोबाइल डाटा दर भारत में
दुनिया में सबसे सस्ती मोबाइल डाटा दर भारत में है। वर्ल्ड मोबाइल डाटा प्राइसिंग रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 1जीबी मोबाइल डाटा पैकेज काफी सस्ता है। इसके बाद इजराइल, किर्गिस्तान, इटली और यूक्रेन का नंबर आता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आबादी सबसे युवा है। यहां के युवा टेक्नोलॉजी से समृद्ध हैं। भारत का स्मार्टफोन मार्केट काफी अच्छा है। इसमें नई तकनीक को समाहित करने की क्षमता है। बाजार में प्रतिस्पर्द्धा है। इन सबके बावजूद डाटा भी बेहद सस्ता है। भारत में 1 जीबी डाटा की औसत कीमत 0.09 डॉलर है। इजराइल में 1 जीबी डाटा की औसत कीमत 0.11 डॉलर, किर्गिस्तान में 0.21 डॉलर, इटली और यूक्रेन में क्रमश: 0.43 डॉलर और 0.46 डॉलर है।