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Exclusive: बेटे को लेकर अधूरी रह गई ओम पुरी की एक ख़्वाहिश!

यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपनी यह इच्छा पूरी कर पाये हैं तो उन्होंने साफ़ साफ़ यही कहा कि नहीं, वैसे भी आज की जनेरेशन को आप अपनी तरह से सब कुछ नहीं समझा सकते।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Published: Tue, 10 Jan 2017 04:23 PM (IST)Updated: Tue, 10 Jan 2017 11:05 PM (IST)
Exclusive: बेटे को लेकर अधूरी रह गई ओम पुरी की एक ख़्वाहिश!

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। ओम पुरी भले ही कई साल पहले मुंबई आ चुके थे, लेकिन उनका दिल अब भी अपने पिंड से ही जुड़ा हुआ था। बेटे को लेकर उनकी ख़्वाहिश भी गांव से जुड़ी थी।

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ओम पुरी ने हाल ही में जागरण डॉट कॉम से हुई बातचीत में यह स्वीकारा था कि उनकी इच्छा हमेशा रहती है कि जैसे उनके पिताजी गर्मी की छुट्टियों में हमेशा उन्हें लेकर गांव की सैर कराना चाहते थे, वो भी साल में एक बार अपने बेटे को गांव का सारा काम दिखाएं और सिखाएं। ख़ास तौर से यह कि एक किसान किस तरह काम करता है। वह चाहते थे कि उनके बेटे को यह खुद महसूस करना चाहिए कि जो अन्न वह खाता है वह कहां से आता है। जब वह किसान के दर्द को देखेगा तो वह अन्न की इज़्ज़त करना सीखेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपनी यह इच्छा पूरी कर पाये हैं तो उन्होंने साफ़ साफ़ यही कहा कि नहीं, वैसे भी आज की जनेरेशन को आप अपनी तरह से सब कुछ नहीं समझा सकते।

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ओम पुरी ने कहा कि यह मेरी चाहत है कि मेरा बेटा मेरी फ़िल्म देखे या ना देखे, मगर मेरा गांव और वहां की दुनिया ज़रूर देखे। ओम ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें आज भी अपने गांव के खाने के सामने दुनिया की कोई डिश नहीं भाती थीं।


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