अमिताभ बच्चन से धर्मेंद्र तक कई एक्टर्स की मां बनी Nirupa Roy कभी थीं लीड हीरोइन, इन फिल्मों में छोड़ी छाप
Nirupa Roy Death Anniversary निरुपा रॉय हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में सबसे पॉपुलर ऑनस्क्रीन मां हैं। उन्होंने देव आनंद से लेकर धर्मेंद्र तक कई बड़े स्टार्स की मां का किरदार निभाया। हालांकि पहचान उन्हें सबसे ज्यादा अमिताभ बच्चन की मां के किरदार में मिली। फिल्मों में मां के रोल में नजर आने वाली निरूपा रॉय ने कई फिल्मों बतौर लीड एक्ट्रेस भी काम किया।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Nirupa Roy Death Anniversary: निरूपा रॉय हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की आइकोनिक स्टार रही हैं। फिल्मों में उन्होंने मां का किरदार निभाने के लिए खूब शोहरत पाई। यहां तक कि एक ऐसा दौर भी आया जब लगभग हर बड़ी फिल्म में मां के किरदार में निरूपा रॉय ही होती थीं।
निरुपा रॉय ने देव आनंद से लेकर अमिताभ बच्चन तक कई सुपरस्टार्स की मां का किरदार निभाया। वो शायद एकलौती ऐसी अभिनेत्री थीं, जिन्होंने धर्मेंद्र और सनी देओल दोनों की मां का रोल प्ले किया। निरूपा रॉय ने 1955 में देव आनंद की मां की भूमिका निभाई। हालांकि, उम्र में वो उनसे लगभग 8 साल छोटी थीं।
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निरूपा रॉय की दमदार फिल्मोग्राफी
निरुपा रॉय ने कई फिल्मों में काम किया, उनकी एक लंबी- चौड़ी फिल्मोग्राफी है। कम ही लोग जानते हैं कि मां का किरदार निभाने के लिए निरुपा रॉय ने कई फिल्मों में लीड एक्ट्रेस का किरदार निभाया। दरअसल, निरूपा रॉय ने फिल्म करियर की शुरुआत बतौर लीड एक्ट्रेस की थी। उन्होंने कई अलग-अलग किरदार निभाए।
निरूपा रॉय की रियलिस्टिक फिल्में
निरूपा रॉय को सबसे ज्यादा पॉपुलैरिटी फिल्मों में देवी का किरदार निभाने के लिए मिली, लेकिन 1970 के बाद वो मां के रोल के लिए टाइम कास्ट हो गईं। इसके बाद उन्होंने स्क्रीन पर सिर्फ मां के किरदार निभाए। आइए जानते हैं निरूपा रॉय की कुछ फिल्मों के बारे में, जिनमें उन्होंने बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया और आगे चलकर ये फिल्में रियलिस्टिक फिल्में कहलाई...
दो बीघा जमीन
दो बीघा जमीन फिल्म 1953 में आई थी, जिसे बिमल रॉय ने डायरेक्ट किया था। ये फिल्म रबींद्रनाथ टैगोर की बंगाली कविता दुई बीघा जॉमी पर आधारित थी। फिल्म में बलराज साहनी और निरुपा राय लीड रोल में थे।
तांगेवाली
ये फिल्म 1955 में रिलीज हुई थी। तांगेवाली का डायरेक्शन लेखराज भाकरी ने किया था और कुलदीप पिक्चर्स ने प्रोड्यूस किया था। फिल्म में एक बार फिर बलराज साहनी और निरूपा रॉय ने साथ किया। इनके अलावा टांगेवाली में शम्मी कपूर और अनीता गुहा भी अहम किरदारों में शामिल थे।
गरम कोट
1955 में आई गरम कोट को अमर कुमार ने निर्देशित किया था। वहीं, राजेंद्र सिंह बेदी ने कहानी लिखी थी, जो उन्होंने निकोल गोगोल की अंग्रेजी शॉर्ट स्टोरी द ओवरकोट से अडेप्ट किया था। फिल्म में बलराज साहनी और निरुपा रॉय ने लीड रोल निभाया था।
हर हर महादेव
मां के किरदार में फेमस होने से पहले निरूपा रॉय फिल्मों में देवी का किरदार निभाने के लिए मशहूर थी। फिल्मों में प्रेजेंस इतनी तगड़ी थी कि लोगों ने उन्हें असल जिंदगी में भगवान मानना शुरू कर दिया था। निरूपा रॉय की जोड़ी देवी के तौर पर त्रिलोक कपूर के साथ सबसे ज्यादा पसंद की गई। दोनों ने साथ में लगभग 18 फिल्मों में काम किया। इनमें से एक थी हर हर महादेव। इस फिल्म में निरुपा रॉय ने पार्वती और त्रिलोक पुरी ने भगवान शिव का किरदार निभाया था। हर हर महादेव के बाद लोग निरुपा रॉय को सच में देवी समझने लगे थे और एक्ट्रेस के घर जाकर उनके पैर छूते थे।
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सुपरमैन
हिंदी फिल्मों में निरूपा रॉय गंभीर और दुखी मां का किरदार निभाने के लिए जानी जाती थी। इसलिए उन्हें ‘Queen Of Misery’ भी कहा जाता था। हालांकि, उन्होंने लीग से हटकर भी कुछ किरदार निभाए हैं। इनमें उनका सुपरवुमन का रोल भी शामिल है। निरूपा रॉय ने 1960 में आई सुपरमैन नाम की फिल्म में काम किया था।
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