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    Naseeruddin Shah के दादा ने अंग्रेजी हुकूमत का दिया था साथ, स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने के उपहार में मिली थी ये जागीर!

    By Nitin YadavEdited By:
    Updated: Fri, 02 Sep 2022 03:23 PM (IST)

    छह साल पहले आई बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की बायोग्राफी और एक दिन इन दिनों चर्चा में बनी हुई हैं। अभिनेता ने अपनी इस बायोग्राफी में अपने दादा और पिता को लेकर विस्तार से बात की है और कई खुलासे किए हैं।

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    Naseeruddin Shah grandfather had supported British rule.

    नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। वो अक्सर देश के समसामियक मुद्दों पर भी अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं। लेकिन अभिनेता ने कुछ सालों पहले आई अपनी बायोग्राफी 'और एक दिन' में कई खुलासे किए थे, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दिग्गज अभिनेता ने अपनी बायोग्राफी में अपने दादा का जिक्र करते हुए विस्तार से बताया है कि किस तरह अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें खुश होकर मेरठ की जागीर सौंपी थी।

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    अंग्रेजी हुकूमत का दिया साथ

    छह साल पहले आई नसीरुद्दीन शाह की ये बायोग्राफी उस वक्त चर्चा में आई थी। जब उन्होंने भारत सरकार द्वारा लाए एनआरसी का भारी विरोध किया और भारतीय मुस्लानों से जुड़ी कई बातें बोली थी। उस दौरान अभिनेता द्वारा दिए बयानों पर कई जाने-माने लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी और उनका जमकर विरोध किया था। बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो नसीरुद्दीन शाह के पूर्वजों ने जंग-ए-आजादी को दाबने के लिए अंग्रेजी सरकारों को साथ दिया था।

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    उपहार में मिली जागीर और ये उपाधि

    अभिनेता की बायोग्राफी के अनुसार, नसीरुद्दीन शाह के दादा आगा सैय्यद मोहम्मद शाह अफगानिस्तान के रहने वाले थे और पेश के एक फौजी थे। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों की ओर से उनके दादा लड़े थे और जंग में उनके जज्बे से खुश होकर अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें मेरठ के करीब एक जागीर उपहार दी थी। जागीर के अलावा ब्रिटिश सरकार ने सैय्यद मोहम्मद शाह को नवाब जान फिशानी भी उपाधि दी थी।

    इसलिए चुना हिंदुस्तान

    साथ ही उन्होंने ये भी खुलासा किया है कि उनके पिता ने विभाजन के वक्त आजाद हिंदुस्तान में रहना क्यों चुना। जबकि पाकिस्तान में भी उनके माता-पिता की काफी जायदाद और संपत्ति थी। अभिनेता ने बताया कि उनके पिता एक सरकारी नौकरी थी और इसी वजह से उन्होंने उस नौकरी को नहीं छोडना चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने आदाज हिंदुस्तान में रहने को ज्यादा तरजीह दी। बताया जाता है कि नसीरुद्दीन शाह के पिता मोहम्मद शाह अंग्रेजी सरकार में नायब तहसीलदार थे।

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