जीते जी फिल्मों में नहीं टिक पाए प्रेमचंद, जाने के बाद उनकी कहानियों पर फिल्में और टीवी सीरियल बने
Munshi Premchand Birth Anniversary हिंदी भाषा के महान कवि सकुशल प्रवक्ता और सचेत नागरिक को हम मुंशी प्रेमचंद के रूप में जानते है। हिंदी साहित्य के विकास में मुंशी का विशेष योगदान है। गबन गोदान तहरीर जैसी कई सारी मशहूर कहानियां इन्होंने लिखी थी। बच्चों के सबसे प्रिय हिंदी कहानी लेखक की बात करें तो मुंशी प्रेमचंद का नाम ही सबसे पहले आता है।

नई दिल्ली, जेएनएन। Munshi Premchand Birth Anniversary: कहानीकार मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य में वास्तविकता लेकर आए। समाज में घटित हो रही घटनाओं को कहानी के रूप में पिरोया। प्रेमचंद ने अपनी कहानियों में शोषण, महिला उत्पीड़न, दहेज प्रथा और समाज में व्याप्त अन्य कुरीतियों को दर्शाया।
बॉलीवुड भी प्रेमचंद की कहानियों से अछूता नहीं रहा। भले प्रेमचंद के जीते-जी बॉलीवुड में उनकी कहानियों को उचित स्थान न मिला हो, लेकिन उनके जाने के बाद उनकी कहानियों पर कई फिल्में और टीवी सीरियल बने।
1. गोदान (1963)
प्रेमचंद का 'गोदान' उपन्यास दहेज प्रथा से लेकर जमीदारों द्वारा किए जाने वाले शोषण को उजागर करता है। इस पर 1963 में इसी नाम से फिल्म बनीं, जिसे त्रिलोक जेटली ने डायरेक्ट किया। राजकुमार, शशिकला और महमूद ने इस फिल्म में मुख्य भूमिका अदा की थीं। इसे आप जी-5 पर भी देख सकते हैं।
2. गबन (1966)
प्रेमचंद द्वारा रचित पुस्तक 'गबन' खूब प्रसिद्ध हुई। यह उनके लोकप्रिय उपन्यासों में से एक है। साल 1966 में ऋषिकेश मुखर्जी ने प्रेमचंद की इसी कहानी पर एक फिल्म बनाई और उसका नाम भी 'गबन' ही रखा। फिल्म में सुनील दत्त और साधना की जोड़ी थी। उस वक्त इस फिल्म को काफी पसंद किया गया।
3. शतरंज के खिलाड़ी (1977)
यह फिल्म भी प्रेमचंद के उपन्यास पर आधारित है। इसमें दो दोस्तों मीर अली और मिर्जा अली की कहानी है, जो शतंरज के चक्कर में अपने घर-परिवार को भी छोड़ देते हैं। लीजेंड्री डायरेक्टर सत्यजीत रे ने इस फिल्म का निर्देशन किया था। संजीव कुमार, शबाना आजमी, सईद जाफरी और अमजद खान जैसे कलाकार थे।
4.तहरीर (टीवी सीरियल- 2004)
यह दूरदर्शन का हिट टीवी सीरियल रहा है। इसमें प्रेमचंद की चुनिंदा कहानियों को फिल्माया गया था। डीडी नेशनल पर इसके कुल 27 एपिसोड टेलीकास्ट हुए थे। इस सीरियल में प्रेमचंद की गोदान, निर्मला, ईदगाह, कफ़न, ज्योति, सवा सेर गेहूं, पूस की रात, ठाकुर का कुआं, नमक का दरोगा, हज-ए-अकबर और बूढ़ी काकी कहानी को दिखाया गया था। सीरियल में पंकज कपूर मिथिलेश चतुर्वेदी और सुरेखा सीकरी जैसे मंझे हुए कलाकार थे।
5. सदगति (1981)
प्रेमचंद की इस कहानी को भी सत्यजीत रे द्वारा ही फिल्माया गया था। इसमें एक ऐसे लाचार व्यक्ति की कहानी , जो गांव के पंडित के पास अपनी बेटी के ब्याह की तारीख निकलवाने जाता , लेकिन पंडित उसे इसके बदले में अपने यहां काम करने को कहता है। मजबूर आदमी इस शर्त को मान लेता है। फिल्म में ओम पुरी, स्मिता पाटिल और मोहन अगाशे मुख्य भूमिका में थे।
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