50 के दशक में गानों से देती थीं Lata Mangeshkar को टक्कर, वो सिंगर जिसे दुनियावालों ने भुला दिया
40 और 50 के दशक में म्यूजिक इंडस्ट्री में कई ऐसी गायिका आईं, जिनकी आवाज ने सीधा दिलों के तार छेड़ दिए। उनके गाने इतने बेहतरीन हुआ करते थे कि खुद ब खुद आप उसमें खो गाए। ऐसी ही एक मशहूर सिंगर ने 40 के दशक में एंट्री ली थी, जो लता मंगेशकर को गायकी के मामले में टक्कर देती हैं, लेकिन वक्त के साथ दुनिया इन्हें भूल गई।

40-50 के दशक में हिंदी सिनेमा में बनाई थीं सिंगर ने अलग पहचान/ फोटो- Instagram
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। लता मंगेशकर म्यूजिक की दुनिया का एक ऐसा नाम हैं, जिन्होंने 50 साल से ज्यादा अपनी मधुर आवाज से हिंदी सिनेमा पर राज किया। उन्हें सुर सम्राज्ञी भी कहा जाता था। उनके दौर में गीता दत्त, शमशाद बेगम, सुमन कल्यानपुर, सुरैया, जैसी कई सिंगर्स आईं, लेकिन जितनी लंबी पारी लता दीदी की रही और उतनी शायद ही किसी सिंगर की रही होगी। आज Gen-Z की उनके गाने सुनते हैं।
40s और 50 के दौर में एक ऐसी ही सिंगर हिंदी सिनेमा में आई थीं, जिन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखते ही अपनी आवाज का जादू बिखेरा था। लता मंगेशकर और आशा भोसले के लिए भी वह बहुत टफ कॉम्पिटिशन थी। हालांकि, वक्त के साथ लोगों ने बेहद सुरीली गायिका को भुला दिया और शायद ही आज म्यूजिक इंडस्ट्री में उनका नाम किसी को याद होगा। कौन सी हैं ये सिंगर, नीचे पढ़ें विस्तार से:
पूरे करियर में 100 से ज्यादा गाए थे गाने
सुर-ताल में लता मंगेशकर को टक्कर देनी वाली जिस सिंगर की बात हम कर रहे हैं, उन्होंने अपने पूरे फिल्मी करियर में सौ से ज्यादा गाने गाए थे। उन्होंने 'रसिया रे मन बसिया रे' और 'कच्ची है उमरिया' जैसे गानों से ऑडियंस का दिल जीता था। आपको अगर अभी भी हिंट नहीं मिला है कि हम किस सिंगर की बात कर रहे हैं, तो बता दें कि यहां पर 40 और 50 की मशहूर सिंगर मीना कपूर की बात हो रही है।
1930 में कलकत्ता में जन्मी मीना कपूर एक इंडियन प्लेबैक सिंगर थीं और एक्टर बिक्रम कपूर की बेटी थीं, जिन्होंने 'न्यू थिएटर स्टूडियो' बनाया था। मीना जब बहुत छोटी थीं, तभी उन्होंने गायकी की दुनिया में कदम रख दिया था और उनके टैलेंट को नीनू मजुमदर और एसडी बर्मन जैसे म्यूजिक कंपोजर्स ने पहचाना।
इन फिल्मों में दी मीना कपूर ने आवाज
मीना कपूर ने साल 1957 में रिलीज फिल्म 'परदेसी' में 'रसिया रे मन बसिया रे', अधिकार में 'एक धरती है एक गगन' और कच्ची है उमरिया जैसे गाने गाए। उन्होंने आ जाओ अविनाशी, आग छिड़क गई, आई मिलने की रात, जैसे कई फेमस गाने गाए। मीना कपूर ने साल 1959 में म्यूजिक कंपोजर अनिल बिस्वास के साथ शादी कौर उन्होंने साथ हिंदी सिनेमा छोड़कर दिल्ली में अपना नया आशियाना बसाया। अनिल बिस्वास और मीना कपूर की अपनी कोई संतान नहीं थी, लेकिन उनके चार बच्चे थे, जो AIR के डायरेक्टर की पहली पत्नी आशालता बिस्वास से थे।
साल 2017 में मशहूर सिंगर ने दुनिया को कहा था अलविदा
किसी जमाने में बड़े-बड़े सिंगर्स को टक्कर देने वाली मीना कपूर शादी के कुछ समय बाद ही हिंदी सिनेमा का एक गुमनाम चेहरा बन गईं, जिन्हें बीतते वक्त के साथ दुनिया ने भी भुला दिया। मीना कपूर का निधन 23 नवंबर 2017 को कोलकाता में सुबह 2:20 मिनट पर हुआ था। रिपोर्ट्स की मानें तो एक्ट्रेस को पैरालिसिस हुआ था, जिसके बाद वह कुछ सालों बेड पर रहीं और फिर एक दिन उन्होंने शांति से इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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