मैरी कॉम की एक्टर का रोल आतंकियों को नहीं आया पसंद तो मणिपुर में एंट्री की बैन, बॉलीवुड में चेहरा बना दुश्मन
मैरी कॉम फिल्म में प्रियंका चोपड़ा ने खूब वाहवाही लूटी। मगर इस मूवी में एक हीरोइन ऐसी भी थी जिसने साइड रोल से अपनी एक्टिंग का दमखम दिखाया था। इनका नाम लिन लैशराम है। हालांकि लिन को इस फिल्म में और भी बड़ा रोल मिला था।

नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्मों में एक हीरोइन के बदले दूसरी को लेना आम बात है। आखिरी वक्त पर फिल्म की लीड हीरोइन बदल दी जाती है। लिन लैशराम के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। लिन, मणिपुर के इंफाल की हैं। मगर बॉलीवुड की फिल्मों में लीड हीरोइन बनने की इच्छा रखती हैं। उनका यह सपना पूरा भी हुआ था। 2014 में फिल्म मैरी कॉम आई थी। लीजेंड्री बॉक्सर की बायोपिक के लिए प्रियंका चोपड़ा को कई अवॉर्ड मिले। इसी फिल्म में लिन लैशराम ने भी काम किया था। दुनियाभर से वाहवाही लूट रही इस फिल्म के जहां सभी किरदार सुर्खियां बटोर रहे थे, वहीं लिन लैशराम की जिंदगी इस फिल्म के बाद बुरी तरह प्रभावित हुई।
लिन लैशराम को रणदीप हुड्डा की रुमर्ड गर्लफ्रेंड के नाम से भी जाना जाता है। उनकी जिंदगी किसी ट्रैजेडी क्वीन से कम नहीं रही। करियर की शुरुआत में जब स्विमसूट में फोटोशूट कराया, तो घर वालों को ताने मारे गए। वेब सीरीज में काम किया, तो आकंतवादियों से धमकी मिलने लगी। कुछ फिल्में कीं, तो वह रिलीज नहीं हुईं। इतना ही नहीं, बल्कि लिन लैशराम को अपने ही राज्य मणिपुर में सिनेमा जगत में योगदान के लिए कभी सम्मान तक नहीं मिला। हालात ऐसे हो गए कि लिन अब डिप्रेशन में हैं। तीन-चार साल से लिन मणिपुर में अपने घर नहीं गईं हैं। मुंबई में ही रहकर अपना ख्याल रखती हैं।
लिन लैशराम का संघर्ष
लिन लैशराम के पिता लैशराम चंद्रसेन एक बैंकर थे और मां मणिपुर के हॉस्पिटल में नर्स थीं। लिन का जन्म तो मणिपुर में हुआ, लेकिन जिंदगी के अधिकतर साल इस राज्य के बाहर ही बीते। पढ़ाई पूरी करने के बाद 2007 में मॉडलिंग करियर शुरू किया। वह मिस नॉर्थ-ईस्ट इवेंट में पहली रनर-अप रहीं। लेकिन नॉर्थ ईस्ट होने के बावजूद उन्हें फिल्मी दुनिया में काम आसानी से नहीं मिला। जब नेशनल टेलीविजन पर स्विमसूट पहना, तो मणिपुर के हर कोने से उनकी आलोचना की गई। हालांकि, उस वक्त वह वहां नहीं थीं, लेकिन इस कारण परिवार को काफी बदनामी से गुजरना पड़ा। उन्हें लोगों के काफी ताने सुनने पड़े थे।
मणिपुरी नैन नक्शे की वजह से मिले कई रिजेक्शन
लिन लैशराम ने बॉलीवुड का करियर शाह रुख खान की 'ओम शांति ओम' से किया। इस फिल्म में उनका छोटा सा रोल था। ऑडिशन के टाइम लिन इस फिल्म के लिए तो सिलेक्ट हो गईं, लेकिन इस मूवी के बाद उन्हें काफी स्ट्रगल करना पड़ा। वह 10-10 इंटरव्यू के लिए जाती थीं, लेकिन मुश्किल से किसी एक में सिलेक्ट हो पाती थीं। अगर किसी ऐड फिल्म के लिए भी ऑडिशन देने गईं, तो विदेशी बता कर रिजेक्ट कर दिया गया। मणिपुरी रंग-रूप और नैन-नक्श की वजह से उन्हें कहीं का नहीं मिल रहा था। एक तरह से उनका चेहरा ही उनके लिए परेशानी का सबब बन गया। पर वक्त के साथ जिंदगी को पॉजिटिव तरीके से जीना सीख गईं।
मैरी कॉम में साइन होने के बाद हाथ से निकला था लीड रोल
इन सब उतार-चढ़ाव के बीच एक वक्त ऐसा भी आया, जब उन्हें बोलने की वजह से रिजेक्ट कर दिया जाता। पहले लोग कहते थे एक्सेंट सुधारो, फिर काम मिलेगा। जब आवाज पर काम किया, तो लोगों ने कहा हिंदी तो सब बोल लेते हैं तुम कुछ अलग करके दिखाओ। लिन की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी था, जब उन्हें फिल्म 'मैरी कॉम' में लीड रोल ऑफर हुआ। फिल्म की कहानी एक मणिपुरी ने लिखी थी, लिहाजा उन्हें उन्हें यह अवसर आसानी से मिल गया। टीम की तरफ से अच्छा रिस्पांस मिला। लेकिन कहानी में ट्विस्ट भी यहीं था।
लिन की मुलाकात अभी तक फिल्म के प्रोड्यूसर से नहीं हुई थी। जब उन्हें पता लगा कि फिल्म संजय लीला भंसाली के प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बन रही है, तो यह तय हो गया कि इतने बड़े बैनर की फिल्म में बड़ी हीरोइन को ही कास्ट किया जाएगा। इसके बाद प्रियंका चोपड़ा को मैरी कॉम के रोल के लिए चुना गया और लिन को साइड रोल से संतोष करना पड़ा।
वेब सीरीज में काम किया तो मणिपुर से हो गईं बैन
मैरी कॉम के बाद लिन ने नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज 'एक्सोन' में काम किया। इसकी कहानी नॉर्थ-ईस्ट और उसके भेदभाव पर आधारित थी। इस सीरीज में लिन द्वारा बोला गया एक डायलॉग आतंकी संगठन को रास नहीं आया। लिहाजा इसके बाद लिन पूरे मणिपुर में बैन हो गईं। वह डायलॉग था- सभी लोगों को साथ मिलकर रहना चाहिए। इस सीरीज के बाद पहले से उतार-चढ़ाव से जूझ रही लिन की जिंदगी में एक और मुसीबत आ गई। वह अब कभी अपने गृहराज्य नहीं जा सकतीं, जहां उनका घर है।
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