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    Manoj Bajpayee: 'सिर्फ एक बंदा काफी है' जैसी छाप छोड़ेगी 'भैया जी'! फिल्म पर मनोज बाजपेयी ने कही ये बात

    मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) आज 23 अप्रैल को अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव पर आकर एक्टर बेहद खुश हैं क्योंकि फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने एक लंब वक्त पूरा कर लिया है। बर्थडे पर मनोज कहते हैं बढ़ती उम्र के साथ मैं बूढ़ा जरूर हो रहा हूं लेकिन यह जन्मतिथि खास है क्योंकि इस साल इंडस्ट्री में मेरे तीस साल पूरे हुए हैं।

    By Vaishali Chandra Edited By: Vaishali Chandra Updated: Tue, 23 Apr 2024 11:08 AM (IST)
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    'भैया जी' पर मनोज बाजपेयी ने की बात, (X Image)

    जागरण न्यूज नेटवर्क, मुंबई। बढ़ती उम्र के साथ अभिनेता मनोज बाजपेयी एक ओर जहां और अनुशासित जीवन जी रहे हैं, तो वहीं अपनी निर्माण कंपनी में गांव- देश की कहानियों को भी जगह दे रहे हैं। आज 23 अप्रैल को अपनी 55वीं जन्मतिथि पर मनोज कहते हैं, 'बढ़ती उम्र के साथ मैं बूढ़ा जरूर हो रहा हूं, लेकिन यह जन्मतिथि खास है, क्योंकि इस साल इंडस्ट्री में मेरे तीस साल पूरे हुए हैं। करीब सौ फिल्में कर चुका हूं। मेरी सौवीं फिल्म भैया जी हैं, जो आगामी 24 मई को प्रदर्शित हो रही है। '

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    एक- दूसरे के लिए हाथों से बनाते हैं कार्ड

    जन्मतिथि पर अपने सबसे खूबसूरत तोहफे की बात करते हुए मनोज कहते हैं, 'हमारे घर में एक नियम है कि मैं, मेरी बेटी और पत्नी में से जिसकी भी जन्मतिथि होगी, उसके लिए बाकी सब हाथों से कार्ड बनाएंगे और उसमें -अपने मन की बातें लिखेंगे। मैंने सारे कार्ड्स संजोकर रखे हैं।' वह अपनी जन्मतिथि पर क्या करना पसंद करते हैं? जवाब में मनोज कहते हैं, 'परिवार के साथ समय बिताना अच्छा लगता है। हमारी कोशिश रहती है कि एक-दूसरे की जन्मतिथि हम सब साथ में ही मनाएं।'

    गांव की कहानी होगी भैया जी

    भोंसले, मिसिंग जैसी फिल्मों का निर्माण कर चुके के प्रोडक्शन की आगामी फिल्म भैया जी होगी। मनोज बताते हैं, 'यह एक्शन फिल्म है। कहानी में इमोशन भी है। फिल्म में मैं मुख्य किरदार निभा रहा हूं। इस फिल्म में दर्शकों को गांव की संस्कृति देखने को मिलेगी। फिल्म के निर्देशक अपूर्व सिंह कार्की खुद पहाड़ों से हैं। वह छोटे शहर के गांव की कहानी कहना चाहते हैं, ठीक वैसा ही जैसे उन्होंने सिर्फ एक बंदा काफी है में कहा था । हमने शहरों की कहानियां किरदार बहुत कह ली, अब गांवों को भी महत्व देना चाहिए, जहां से हम आते हैं।'

    अभिनय से एंकरिंग तक

    मनोज फिल्मों के साथ-साथ एंकरिंग भी करते रहते हैं। हाल ही में वह डिस्कवरी प्लस पर प्रसारित डाक्यूमेंट्री सीरीज सीक्रेट्स आफ द बुद्धा रेलिक्स में सूत्रधार की भूमिका में नजर आए। इससे पहले डाक्यूमेंट्री सीरीज सीक्रेट्स आफ सिनौली और सीक्रेट्स आफ कोहिनूर में भी सूत्रधार की भूमिका निभा चुके हैं। वह कहते हैं, 'हमारी यही उपलब्धि है कि हमने डाक्यू सीरीज को बोरिंग डाक्यूमेंट्री की तरह नहीं पेश किया है। शो में रिसर्च दिखाया है। तीनों शोज की कहानी मैंने अलग तरीके से सुनाने का प्रयास किया। रंगमंच में काम करने के दौरान मैंने अपनी आवाज और बोलने के तरीके पर काफी काम किया था। मौका मिलता है तो

    आज भी करता हूं।'

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    फोटो जर्नलिस्ट का रोल करने की चाह

    आगे मनोज किस तरह का रोल करना चाहते हैं, इस पर वह हंसते हुए कहते हैं, 'फोटो जर्नलिस्ट का रोल करना चाहता हूं। वह बहुत डांटते हैं कि लेफ्ट देखो, राइट देखो, सीधा देखो। हम रोज ही उनसे डांट खाते रहते हैं। उनमें से किसी एक का किरदार निभाना चाहूंगा। किस तरह से वह अपने काम को कवर करता है। वह भी एक संघर्ष है। मुझे यह जानने कि जिज्ञासा रहती है कि वह कहां से आया है, कैसे वापस जाएगा, कितने घंटे सो पाएगा या नहीं सो पाएगा, घर में कौन-कौन लोग हैं, उसकी क्या मजबूरी और जरूरतें हैं, जो सड़क पर खड़े होकर इंतजार कर रहा है। इस पर अच्छी कहानी लिखी जा सकती है।'