Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'उनके लिए खंभा भी बन जाऊंगा...' Manoj Bajpayee ने किसके लिए कहा ऐसा, खुद की फिल्में क्यों नहीं देखते एक्टर

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 08:02 PM (IST)

    Manoj Bajpayee मनोज बाजपेयी भारतीय सिनेमा के एक ऐसे एक्टर हैं जो किसी भी किरदार में जान फूंक देते हैं। लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये है कि वे अपनी ही फिल्में नहीं देखते। हाल ही में मनोज ने जागरण न्यू मीडिया से बात करते हुए इंस्पेक्टर झेंडे जुगनुमा और अपनी अपकमिंग फिल्म पुलिस स्टेशन में भूत के बारे में बात की।

    Hero Image
    मनोज बाजपेयी नहीं देखते हैं खुद की फिल्में

    प्रियंका सिंह, मुंबई। अपनी फिल्में देखने से बचने वाले मनोज बाजपेयी ने हाल ही में नेटफ्लिक्स पर प्रदर्शित हुई। फिल्म ‘इंस्पेक्टर झेंडे’ और 12 सितंबर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘जुगनुमा’ को देखा। प्रियंका सिंह के साथ हुई बातचीत में मनोज ने राम गोपाल वर्मा के साथ दोबारा काम करने को लेकर खुशी जताई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ‘इंस्पेक्टर झेंडे’ और आगामी फिल्म ‘जुगनुमा’ दोनों की कहानी 80 के दशक की है। उस दशक से कैसा नाता रहा है?

    उस दशक ने मुझे वह एक्टर बनाया, जो मैं आज हूं। तब मैं अपने घर से एक्टर बनने निकला था। पढ़ाई की, थिएटर किया, दिल्ली में रहा, संघर्ष का बड़ा हिस्सा उसी दशक से जुड़ा है। अगर मेरे वो 10 साल न होते तो आज जैसा कलाकार हूं, वह नहीं बन पाता। दुनिया, जीवन और थिएटर की समझदारी भी उस दशक ने दी।

    फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया

    यह भी पढ़ें- कौन हैं Inspector Zende? चार्ल्स शोभराज को दो बार किया था अरेस्ट, रियल लाइफ से कितनी है अलग है फिल्म

    आपने कहा था कि आप अपनी फिल्में नहीं देखते, फिर ‘इंस्पेक्टर झेंडे’ और ‘जुगनुमा’ कैसे देख लीं?

    हुआ यूं कि ‘इंस्पेक्टर झेंडे’ के निर्माता ओम राउत ने मुझे पांच मिनट फिल्म देखने के लिए कहा, लेकिन मुझे फिल्म इतनी पसंद आई कि मैं बैठा रह गया और आधी से ज्यादा फिल्म देख ली। जब इस फिल्म की स्क्रिप्ट आई थी, तो लगा था कि फिल्म के निर्देशक चिन्मय मंडलेकर अभिनेता हैं, नेशनल स्कूल आफ ड्रामा से ग्रेजुएट रहे हैं, तो पक्का कहानी अच्छी होगी। फिल्म देखकर लगा कि मैंने स्क्रिप्ट को कम ही आंका था। ‘जुगनुमा’ फिल्म तो इसलिए पूरी देखी, क्योंकि फिल्म के निर्देशक चाहते थे कि मैं देखूं कि जो करेक्शन उन्होंने फिल्म में किए थे, वो सही हैं या नहीं। मैं बहुत डरते-डरते तकनीकी चीजें देखने के लिए बैठा था।

    फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया

    आपने कई बार पुलिस अफसर का रोल किया है। ‘इंस्पेक्टर झेंडे’ में क्या खास था?

    मैं कैरेक्टर निभाता हूं। फिर उसने वर्दी कोई भी पहनी हो। वह कैसा व्यक्ति है, कहां से आया है, क्या करता है, कैसे परिवार में रहता है, बस यही मायने रखता है। यह फिल्म इंस्पेक्टर झेंडे को ट्रिब्यूट है, जिन्होंने कुख्यात सीरियल किलर को पकड़ा। लोग उनके बारे में इतना नहीं जानते, जितना उस अपराधी को जानते हैं।

    क्या इंस्पेक्टर झेंडे जैसा आत्मविश्वास आप में है?

    उनके जैसा आत्मविश्वास मुझमें बिल्कुल नहीं है। वह 88 साल के हैं, अपने जीवन के किस्से खुलकर सुनाते हैं। उनको फिल्ममेकिंग, राइटिंग हर चीज का आइडिया है। अगली फिल्म ‘पुलिस स्टेशन में भूत’ से आप कई सालों के बाद फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा (आरजीवी) के साथ काम करने जा रहे हैं। उन्होंने आपके करियर को नई दिशा दी थी।

    फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया

    आरजीवी अगर मुझे आकर कहेंगे कि तुम खंभा बन जाओ, तो मैं वो भी बन जाऊंगा। उनके साथ कोई भी फिल्म करना इमोशनल होता है। मैं अपनी जिंदगी का एक-एक पल उनकी बदौलत जी रहा हूं। अपनी इतनी बड़ी फिल्म (‘सत्या’) में, इतने बड़े किरदार के लिए उन्होंने मेरे बारे में सोचा, मुझे वह रोल दिया। मेरे जैसे नए लड़के के साथ उन्होंने लगातार फिल्में बनाईं। आज भी इंडस्ट्री में किसी में भी इतना दम नहीं है कि नए लड़के में इतनी ज्यादा शिद्दत और विश्वास दिखाए। ‘पुलिस स्टेशन में भूत’ फिल्म से आरजीवी उन लोगों को गलत साबित करेंगे, जिन्हें लग रहा है कि वह कहीं खो गए थे। बतौर कलाकार मैं कह सकता हूं कि कमाल का काम होने वाला है।

    यह भी पढ़ें- Inspector Zende आए पसंद? तो बॉलीवुड के इन आइकॉनिक पुलिस ऑफिसर की फिल्मों को बिल्कुल भी ना करें मिस