मलयालम एक्ट्रेस को विदेश में गजरा लगाना पड़ा भारी, भरना पड़ा लाखों का जुर्माना
Navya Nair हम कई बार अलग-अलग देशों के अजीब कानूनों के बारे में सुनते हैं इनमें से कई हमें सोचने पर मजबूर कर देते हैं क्या सच में ऐसा करने पर भी कोई जुर्माना या सजा हो सकती है क्या? आज ऐसा ही एक किस्सा मलयालम एक्ट्रेस के साथ ऑस्ट्रेलिया में हुआ जिन्हें गजरा साथ ले जाने की वजह से जुर्माना भरना पड़ा।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। मलयालम एक्ट्रेस ओणम समारोह में शामिल होने ऑस्ट्रेलिया जा रही थीं, लेकिन उन्हें क्या पता था कि एक बेहद खास त्यौहार की उत्सुकता उन पर भारी जुर्माना लगा देगी। हाल ही में एक्ट्रेस ने खुलासा किया कि मेलबर्न अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हैंडबैग में चमेली के फूल ले जाने के कारण उन पर जुर्माना लगाया गया था। वह विक्टोरिया में मलयाली एसोसिएशन के ओणम समारोह में शामिल होने गई थीं।
इस एक्ट्रेस पर लगा लाखों का जुर्माना
ये मलयालम एक्ट्रेस हैं नव्या नायर, हवाई अड्डे पर सिर्फ 15 सेंटीमीटर लंबी चमेली की माला ले जाने के कारण उन पर 1980 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (₹1.25 लाख) का जुर्माना लगाया गया था। नव्या को नहीं पता था कि बैग में चमेली के फूल नहीं ले जा सकते। विक्टोरिया में ओणम इवेंट में बोलते हुए उन्होंने इस घटना के बारे में बताया।
फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया
नव्या ने बताया कि उनके पिता ने ही उनके लिए चमेली का गजरा खरीद कर दिया था। नव्या ने बताया, 'उन्होंने इसे दो टुकड़ों में काटा और मुझे कोच्चि से सिंगापुर तक एक गजरा पहनने को कहा। सिंगापुर पहुंचने तक वह मुरझा गया था। उन्होंने मुझे माला का दूसरा टुकड़ा अपने हैंडबैग में रखने की सलाह दी, क्योंकि मैं इसे सिंगापुर हवाई अड्डे पर पहन सकती थी। मैंने माला को एक कैरी बैग में रखा और उसे अपने हैंडबैग में रख लिया'। नव्या को पता नहीं था कि वह अनजाने में कानून तोड़ रही थी।
नव्या ने आगे बताया, 'अधिकारियों ने मुझ पर 15 सेमी चमेली की माला ले जाने के लिए 1,980 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लगाया। मुझे पता है कि मैं गलत थी, लेकिन यह जानबूझकर नहीं किया गया था। उन्होंने मुझे 28 दिनों के भीतर जुर्माना भरने को कहा है'।
क्या है ऑस्ट्रेलिया का कानून
ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल की वेबसाइट के अनुसार, 'पौधे, फूल और बीज' को देश में लाना मना है। इन्हें केवल वे ही ला सकते हैं जिनके पास इसके लिए लीगल परमिट है। देश ऐसे पौधों और फूलों को 'जोखिम भरा' मानता है, क्योंकि ये ऑस्ट्रेलिया के वातावरण में बीमारियां या कीट फैला सकते हैं। यहां तक कि बीज भी केवल परमिशन के साथ ही लाए और उन पर मिट्टी, उनके मूल पौधे के किसी भी अन्य भाग, जैसे फलियां, पत्तियां, तने आदि, का कोई निशान नहीं होना चाहिए'।
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