अधूरा रह गया प्यार! प्रिंस से शादी करना चाहती थीं Lata Mangeshkar, परिवार को इस वजह से नहीं पसंद आया रिश्ता
लता मंगेशकर 13 साल की थीं जब उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर की मौत हो गई थी। इस वजह से परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई थी। कई किस्से कहानियों में ये कहा गया है कि एक्ट्रेस ने इसी वजह से शादी नहीं की। हालांकि इसकी असल वजह कुछ और है। लता मंगेशकर एक प्रिंस से प्यार करती थीं।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। स्वरकोकिला के नाम से भी मशहूर लता मंगेशकर बॉलीवुड की सबसे मशहूर सिंगर्स में से एक थीं। लगभग अस्सी साल के अपने शानदार करियर में उन्होंने हिंदी, बंगाली, मलयालम, गुजराती सहित 36 से ज्यादा भारतीय भाषाओं में लगभग 50,000 से ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए। इतने सारे रिकॉर्ड गाने गाने के लिए उन्होंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी जीता। लता मंगेशकर के गानों में वो ताकत थी कि वो सीधा लोगों के दिलों तक पहुंचते थे और उनके इमोशन्स जगा देते थे।
कैसे शुरू हुई दोस्ती?
जिस सिंगर ने इतने प्यार और दर्द भरे नग्मे गए वो ताउम्र कुंवारी क्यों रही ये बात बहुत कम लोग जानते हैं। लता मंगेशकर की लव स्टोरी बहुत ही खास है। मराठी संगीतकार और रंगमंच कलाकार पंडित दीनानाथ मंगेशकर की सबसे बड़ी बेटी लता मंगेशकर का जन्म 1929 में हुआ था। वह क्रिकेट की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं, जिसके कारण राजस्थान के तेज गेंदबाज राज सिंह डूंगरपुर के साथ उनकी प्रेम कहानी शुरू हुई।
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छोटे भाई के जरिए हुई थी मुलाकात
बीकानेर की राजकुमारी राजश्री कुमारी ने अपनी आत्मकथा 'पैलेस ऑफ क्लाउड्स: ए मेमॉयर' में उनके रिश्ते के बारे में बताया है। उन्होंने बताया कि लता मंगेशकर के छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने उन्हें मिलवाया था। क्रिकेट के शौकीन डूंगरपुर, जो एक शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे, 1959 में लॉ की डिग्री हासिल करने के लिए मुंबई आए, जहां उनकी मुलाकात हृदयनाथ (लता के छोटे भाई) से हुई, जो एक क्रिकेट खिलाड़ी थे। यहीं से उनकी दोस्ती हुई।
शादी के खिलाफ था परिवार
डूंगरपुर अक्सर अपने दोस्त से मिलने मंगेशकर के घर जाते थे, जहां उनकी मुलाकात लता जी से हुई। दोनों की बातचीत जल्द ही दोस्ती में बदल गई और धीरे-धीरे उन्हें प्यार हो गया। अपनी डिग्री पूरी करने के बाद, राज सिंह अपने शाही महल में चले गए जहां उन्होंने घर जाकर गायिका से शादी करने की इच्छा रखी। हालांकि राज सिंह के परिवार को ये रिश्ता पसंद नहीं था क्योंकि लता मंगेशकर शाही परिवार से ताल्लुक नहीं रखती थीं।
दोनों ने अकेले ही बिताया जीवन
फैमिली की तरफ से काफी ज्यादा प्रेशर होने की वजह से उन्हें हार माननी पड़ी और अपनी शादी की योजना रद्द करनी पड़ी। लता मंगेशकर और राज सिंह डूंगरपुर दोनों ने अकेले ही जीवन बिताया क्योंकि उन्होंने कभी किसी और से शादी करने का फैसला नहीं किया। ऐसा कहा जाता है कि मंगेशकर 2009 में राज सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम दर्शन करने डूंगरपुर आई थीं।
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