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    लता मंगेशकर को हुआ था एक 'राजकुमार' से प्यार! इस वजह से अधूरी रही गई लवस्टोरी

    By Ruchi VajpayeeEdited By:
    Updated: Sun, 06 Feb 2022 10:31 AM (IST)

    लता को भी सिनेमा जगत में कॅरियर के शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष करना पड़ा। उनकी पतली आवाज के कारण शुरुआत में संगीतकार फिल्मों में उनसे गाना गवाने से मना कर देते थे। 1947 की फिल्म ‘आपकी सेवा में’ में गाए गीत से लता को पहली बार बड़ी सफलता मिली।

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    Image Source: Lata Mangeshkar Fan page on Social media

    नई दिल्ली, जेएनएन। भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर हमारे बीच नहीं रहीं। लता मंगेशकर को संगीत की मल्लिका कहा जाता है। आपको बता दें कि लता मंगेशकर 30 से ज्यादा भाषाओं में गाने गा चुकी थीं। इसके साथ ही वह एकमात्र ऐसी जिवित शख्स थीं, जिनके नाम पर पुरस्कार दिए जाते थे। 92 साल की उम्र में भी उनकी आवाज किसी नवयुवती से कम नहीं थी। सुरों की देवी और मां सरस्वती की उपासक लता ने कभी शादी ने की। ऐसा नहीं है की उन्हें कोई पंसद ही आया लेकिन परिवार कुछ कारणों की वजह से उनका रास्ता अकेला रह गया।

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    मध्य प्रदेश के इंदौर में 28 सितंबर 1929 को जन्मीं कुमारी लता दीनानाथ मंगेशकर रंगमंचीय गायक दीनानाथ मंगेशकर और सुधामती की बेटी हैं। चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता को उनके पिता ने पांच साल की उम्र से ही संगीत की तालीम दिलवानी शुरू की थी। बहनों आशा, उषा और मीना के साथ संगीत की शिक्षा ग्रहण करने के साथ साथ लता बचपन से ही रंगमंच के क्षेत्र में भी सक्रिय थीं। जब लता सात साल की थीं, तब उनका परिवार मुंबई आ गया, इसलिए उनकी परवरिश मुंबई में हुई।

    वर्ष 1942 में दिल का दौरा पड़ने से पिता के निधन के बाद लता ने परिवार के भरण पोषण के लिए कुछ वर्षो तक हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया, जिनमें प्रमुख हैं ‘मीरा बाई’, ‘पहेली मंगलागौर’ ‘मांझे बाल’ ‘गजा भाऊ’ ‘छिमुकला संसार’ ‘बड़ी मां’ ‘जीवन यात्रा’ और ‘छत्रपति शिवाजी’ लेकिन लता की मंजिल तो गायन और संगीत ही थे लेकिन मंजिल आसान नहीं थी।

    लता को भी सिनेमा जगत में कॅरियर के शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष करना पड़ा। उनकी पतली आवाज के कारण शुरुआत में संगीतकार फिल्मों में उनसे गाना गवाने से मना कर देते थे। 1947 में आई फिल्म ‘आपकी सेवा में’ में गाए गीत से लता को पहली बार बड़ी सफलता मिली और फिर उन्होंने पीछे पलट कर नहीं देखा।

    मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कहा जाता है कि डूंगरपुर राजघराने के महाराजा राज सिंह से लता मंगेशकर प्यार करती थी। लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर और राज सिंह एक-दूसरे के बेस्ट फ्रेंड थे। दोनों एक साथ क्रिकेट खेला करते थे। इसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई, दोनों की दोस्ती हुई और धीर-धीरे वो करीब आ गए।

    लता एक आम परिवार से थी वहीं डूंगरपुर राजघराने के महाराजा राज बड़े घराने से थे, ऐसे में ये शादी मुश्किल थी। राज ने अपनी पूरी जिंदगी कभी किसी और से शादी नहीं की। वहीं, लता ने भी हमेशा ये कहकर लोगों को मुंह बंद करा दिया की वो घर की जिम्मेदारियों की वजह से शादी नहीं कर पाई।

    भारत रत्न (2001) से सम्मानित लता मंगेशकर भारत सरकार ने लता को पद्म भूषण (1969) और भारत रत्न (2001) से सम्मानित किया। सिनेमा जगत में उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और फिल्म फेयर पुरस्कारों सहित कई अनेकों सम्मानों से नवाजा गया है।.